गंगा में प्रवाहित की गईं पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां

गंगा में प्रवाहित की गईं पंडित बिरजू महाराज की अस्थियां

वाराणसी (रणभेरी): कथक सम्राट पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज शनिवार को वैदिक रीति से पूजन के बाद गंगा के मध्य धारा में विसर्जित कर दी गई।काशी के कलाकार समाज ने नम आंखों से अपने प्रिय कलाकार को अंतिम विदाई दी। इससे पूर्व अस्सी घाट पहुंचने पर अस्थि कलश का पूजन शतीर्थ पुरोहित पंडित रवि पांडेय ने कराया। अस्सी घाट पर अस्थि कलश का पूजन पंडित बिरजू महाराज के जेष्ठ पुत्र पंडित जय किशन महाराज ने किया।

 

 

पंडित बिरजू महाराज के बड़े बेटे जय किशन महाराज ने आज वाराणसी के अस्सी घाट पर पिता की अस्थि विसर्जित करने के बाद उन्होंने कहा कि शायद पूर्व जन्म में मैंने कोई बहुत बड़ा पुण्य किया था, जो ऐसे पिता मुझे मिले थे। उनको नृत्य के साथ ही गायन, चित्रकला, संगीत और साहित्यिक लेखन का भी बड़ा शानदार अनुभव था।

उनके साथ परिवार के अन्य लोगों में रागिनी महाराज, यशस्विनी महाराज, उनके पोते त्रिभुवन महाराज इतने भी अस्थि कलश पर पुष्प अर्पित किए इसके उपरांत गंगा की मध्य धारा में केदार घाट के सामने अस्थियों का विसर्जन किया गया। अस्सी घाट पहुंचने से पूर्व महाराजजी का अस्थि कलश अंतिम दर्शन के लिए शीघ्र के कस्तूरबा नगर कॉलोनी स्थित नटराज संगीत अकादमी परिसर में रखा गया। अपने प्रिय कलाकार को विदाई देने के लिए काशी के कलाकार समाज की ओर से पंडित कामेश्वर नाथ मिश्र, बड़े धर्मनाथ मिश्र, पंडित रविशंकर मिश्रा, पंडित माताप्रसाद मिश्र, विशाल कृष्ण, सौरव गौरव मिश्र, पंडित सुखदेव मिश्र आदि उपस्थित रहे।