आईआईटी बीएचयू छात्र की अचानक मौत से कैंपस में मातम

दोस्तों के आवाज लगाने पर नहीं मिली कोई प्रतिक्रिया, रात में खाना खाकर सोया लेकिन सुबह नहीं देख पाया
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी स्थित आईआईटी बीएचयू में बुधवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब हॉस्टल में सो रहे एक छात्र की अचानक मौत हो गई। मृतक की पहचान 21 वर्षीय अनूप सिंह चौहान के रूप में हुई है, जो मैकेनिकल इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था और पीसी रे हॉस्टल के रूम नंबर 113 में रहता था। अनूप आजमगढ़ का रहने वाला था। उसके पिता विनोद सिंह चौहान पेशे से वकील हैं, जबकि बड़ा भाई दिल्ली में पीसीएस की तैयारी कर रहा है।
रात में खाना खाकर सोया, सुबह नहीं उठा
जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात अनूप खाना खाकर अपने कमरे में सो गया था। सुबह जब वह देर तक नहीं उठा, तो दोस्तों ने आवाज लगाई। कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर साथी छात्र कमरे में पहुंचे और उसे जगाने की कोशिश की। बेड पर पड़े अनूप के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। छात्रों ने तत्काल सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। इसके बाद तुरंत यूनिवर्सिटी प्रशासन को सूचना दी गई।
अस्पताल में मृत घोषित
यूनिवर्सिटी की एंबुलेंस से छात्र को सर सुंदरलाल हॉस्पिटल की इमरजेंसी में लाया गया। यहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच में कार्डियक अरेस्ट को मौत का कारण बताया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
आईआईटी बीएचयू प्रशासन ने बताया कि सुबह करीब 6.30 बजे कंट्रोल रूम पर सूचना मिली थी। तुरंत एंबुलेंस भेजकर छात्र को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। वहीं, लंका थाना प्रभारी राजकुमार ने बताया कि छात्र के परिवार को सुबह ही सूचना दे दी गई थी। शव को मॉर्च्युरी में रखा गया है और परिजनों के पहुंचने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परिवार का बयान
अनूप के पिता ने बताया कि मंगलवार रात उनकी बेटे से बातचीत हुई थी। तबीयत खराब होने की कोई जानकारी उसने नहीं दी। रात 11 बजे वह खाना खाने गया था। अचानक हुई इस घटना से परिवार गहरे सदमे में है।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट
विशेषज्ञों के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट उस स्थिति को कहते हैं, जब हृदय अचानक खून पंप करना बंद कर देता है। सामान्य रूप से दिल एक बार पंप करने पर लगभग 60 से 70 मिलीलीटर खून पूरे शरीर में पहुंचाता है। लेकिन कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में यह प्रक्रिया रुक जाती है, जिससे मरीज तुरंत बेहोश होकर गिर जाता है। ऐसी हालत में मरीज को तुरंत फ्लैट जगह पर लिटाकर सीपीआर देना जरूरी होता है।
युवाओं में भी बढ़ रहा खतरा
प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल ‘द लैंसेट’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 5 से 6 लाख लोग अचानक हुए कार्डियक अरेस्ट (SCD) के कारण दम तोड़ देते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें बड़ी संख्या 50 वर्ष से कम आयु के लोगों की होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि असंतुलित जीवनशैली, तनाव, नींद की कमी और अनियमित खानपान इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं।