बीएचयू में 'काला दिवस' की तैयारी में छात्र
निलंबित छात्रों ने समर्थन के लिए छपवाए 10 हजार पर्चे, 21 को मनाएंगे ब्लैक डे
वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कल यानी 21 दिसंबर कल्ड काला दिवस मनाया जाएगा। इसके लिए निलंबित छात्रों ने बड़े स्तर पर तैयारियां कर लीं हैं। काला दिवस के समर्थन के लिए 10 हजार पर्चे छपवाए गए हैं। 4 दिन पहले निलंबित हुए छात्रों के गुट ने कैंपस में घूम-घूमकर विभागों और फैकल्टी में दो हजार पर्चे बांट दिए हैं। इसके अलावा आज भी कैंपस मेर पर्चे वितरित रहे हो। इस पर्चे में काला दिवस मनाने की मांग की गई है।
वहीं, इस पर्चे में कुलपति से 12 सवाल पूछे गए हैं। बिड़ला हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने कहा कि उन्होंने कैंपस में चाय की दुकानों और कैंटीन समेत कुल 10 फैकल्टी और 30 से ज्यादा विभागों में पर्चे बांटे हैं। कैंपस में लोरी चाय, भाई लाल चाय की दुकान, विधि संकाय, आयुर्वेद, एसवीडीवी, मंच कला संकाय और दृश्य कला संकाय, मैनेजमेंट फैकल्टी, फैकल्टी ऑफ आर्ट, सामाजिक विज्ञान संकाय, भारत कला भवन, एआईसी विभाग में जाकर पर्चे बांटे गए हैं। मंगलवार को साइंस फैकल्टी, आईआईटी बीएचयू, एग्रीकल्चर, आईएमएस बीएचयू और डेंटल फैकल्टी में पर्चे बांटे जा रहे है।
कैंपस फिर से आया आंदोलन की जद में
छात्रों ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे छात्रों के निलंबन के बाद कैंपस एक बार फिर से बड़े आंदोलन की जद में आ गया है। कुछ दिन पहले छात्र नेता मृत्युंजय तिवारी आजाद, वैभव तिवारी, आशीर्वाद दुबे, दुष्यंत चंद्रवंशी, अवनींद्र राय को निलंबित कर दिया गया था। इसको लेकर छात्रों में काफी आक्रोश है। बीते रोज छात्रों ने कैंपस में पोस्टर लगाए थे।
काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
कैंपस में छात्रों ने संकायाें और विभागों में काली पट्टी बांधकर और पर्चा लेकर अन्य छात्रों से बातचीत की। कहा कि हम लोग पर्चे में लिखे मुद्दों पर काला दिवस मना रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाही के खिलाफ आंदोलन चलता रहेगा। हमारी मांग है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे छात्रों का निलंबन तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। सीएजी के आदेश का अनुपालन करते हुए उमंग फार्मेसी का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। साथ ही विश्वविद्यालय में छात्र संघ, अध्यापक संघ और कर्मचारी संघ की बहाली भी की जाए।
बीफ को सिलेबस से हटाने की मांग
इसके अलावा छात्रों ने मांग की है कि बीफ को कोर्स के सिलेबस से हटाया जाए। इसके साथ ही छात्रों ने फीस वृद्धि का मुद्दा भी उठाया। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों पर जबरिया 150% फीस का बोझ डाल रहा है, जो भी कतई न्याय संगत नहीं है। पर्चे वितरण करने में छात्र निर्भय यादव, प्रांजल, डिक्रूज ,सागर चौबे, विवेक सिंह ,प्रशांत श्रीवास्तव, निशांत ,नलिन, विशाल यादव, राकेश गुप्ता, कृपाल ,अंकित पाल, विवेक सिंह, प्रिंस, रजनीश अभिषेक आदि सैकड़ों की संख्या में छात्र मौजूद रहे।