बिजनौर में दिल दहलाने वाली घटना: 11 साल की बच्ची बनी तेंदुए का शिकार, गांव में दहशत का माहौल

(रणभेरी): यूपी के बिजनौर में तेंदुआ (गुलदार) 11 साल की बच्ची को खा गया। घर से 500 मीटर दूर गन्ने के खेत में उसका शव मिला। 10-10 मीटर पर उसके शरीर के अंग बिखरे पड़े थे। शरीर से धड़ और एक हाथ अलग था। पेट से मांस को लोथड़ों की तरह नोचकर खा गया था। कमर की चमड़ी भी उधेड़ी हुई थी। बुधवार शाम 7:30 बजे शौच के लिए घर के सामने खेत में गई थी, तभी तेंदुए ने हमला कर दिया। सिर मुंह में दबाकर वह भाग गया। काफी देर तक जब वह नहीं लौटी तो परिजनों और ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की। सैकड़ों ग्रामीण देर रात तक लाठी-डंडे लेकर खेत में बालिका को तलाश में जुट गए। पुलिस और वन विभाग की टीम भी पहुंच गई। गुरुवार सुबह काफी तलाश के बाद घटनास्थल से आधा किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में बालिका का गुलदार द्वारा खाया हुआ क्षत विक्षत शव मिला। शव देखकर वहां मौजूद लोग कांप उठे। बच्ची की मां रो-रोकर बेसुध हो गई।
बच्ची की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर एसडीएम रीतु रानी और सीओ धामपुर अभय कुमार पांडे मौके पर पहुंचे। घरवालों को समझाकर शांत कराया। पिछले 25 दिनों में तेंदुए 2 बच्चों की जान ले चुके हैं। चार सालों की बात करें तो तेंदुए के हमले में 29 लोगों की जान जा चुकी है।
नहटौर थाना क्षेत्र के धामपुर जंगल से सटे मंडोरी गांव में रवि कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया- मेरे कुल 4 बच्चे हैं, 3 बेटियां और एक बेटा। कनिका चारों में सबसे बड़ी थी। वह गांव के ही प्राथमिक स्कूल में कक्षा-6 में पढ़ती थी। मैं मजदूरी करता हूं, इससे ही घर चलता है। बुधवार शाम 7:30 बजे बेटी कनिका (11) शौच के लिए घर के सामने खेत में गई थी। आधे घंटे तक नहीं लौटी तो हमने खोजना शुरू किया। घर से 50 मीटर की दूरी पर खेत में खून के धब्बे और तेंदुए के पंजों के निशान मिले। हमने गांव वालों को सूचना दी। सभी लाठी-डंडे लेकर आ गए। वन विभाग की टीम भी पहुंच गई। ग्रामीणों और वनकर्मियों ने लाठी-डंडे लेकर रातभर खोजबीन की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। गुरुवार सुबह साढ़े 6 बजे हम लोग खोजते-खोजते घर से 500 मीटर दूर गन्ने के खेत में पहुंचे। देखा तो बेटी का क्षत-विक्षत शव पड़ा था। शरीर के अंग खेत में बिखरे थे।
बच्ची का शव मिलने के बाद गुरुवार सुबह 8 बजे से परिजनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने बच्ची के शव को बीच सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कहा- तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। बेटी की मौत के लिए वन विभाग जिम्मेदार है। सूचना मिलने पर एसडीएम रीतु रानी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने परिवार वालों से बात की और बच्ची की मां को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए।