साझा संस्कृति मंच ने NCRT में किताब से मुगल साम्राज्य का चैप्टर हटाए जाने पर निकला विरोध मार्च
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में साझा सांस्कृति मंच के कार्यकर्ताओं ने नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग ( NCERT) के द्वारा 12वीं कक्षा की किताब से मुगल साम्राज्य के चैप्टर हटाए जाने के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराया गया। संगठन द्वारा जिला मुख्यालय रोड पर अम्बेडकर प्रतिमा से हाथों में बैनर पोस्टर लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र जिलाधिकारी कार्यालय में दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बिहार के नालंदा जिले में उपद्रवी तत्वों द्वारा मदरसे को जलाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कांड के दोषियों के विरुद्ध तत्काल दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की।
साझा संस्कृति मंच के कार्यकर्ताओं के द्वारा निकाले गए इस विरोध मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्रालय पर कई गंभीर आरोप लगाए। वही नालंदा में मदरसा पर हुए हमला और किताबों को जलाए जाने की घटना में संलिप्त अराजकतत्वों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनसीआरटी की किताबों से चैप्टर हटाए जाने और नालंदा के मदरसा पर हुए हमले के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग पत्र जिलाधिकारी कार्यालय में सौंपा। साझी संस्कृति जिंदाबाद, शिक्षा से खिलवाड़ बन्द करो, पाठ्यक्रमों का साम्प्रदायिकरण बन्द करो। इतिहास से छेड़छाड़ नही सहेंगे आदि नारे लगाते हुए सड़क पर मार्च किया।।सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि इतिहास और साहित्य दोनों विद्यार्थी के व्यक्तित्व के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। इसमें अनावश्यक परिवर्तन से युवा दिग्भ्रमित होगा। महाकवि सूर्यकांत निराला को पाठ्यक्रम से हटाकर गुलशन नंदा और मधुशाला पढाने के पीछे शिक्षाविदों का क्या मंतव्य है, यह समझ के परे है। इसी प्रकार इतिहास के कुछ काल को हटाने से देश की विरासत और हमारे नायकों के संघर्ष की अनेक गाथाएं जानने से बच्चे वंचित रह जायेंगे। जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के माध्यम से ज्ञापन काशी के सांसद एवं प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया। इस अवसर पर फादर आनंद, डॉ आरिफ, सतीश सिंह, महेंद्र राठौर, मनोज यादव, धनंजय, वल्लभ, इंदु, विकास सिंह, अनूप श्रमिक, मनोज, अमित, रामजन्म, प्रमोद, अबु हाशमी, सचिदानंद और मुकेश आदि उपस्थित रहे