सड़कों पर सजती है शराबियों की महफिल

सड़कों पर सजती है शराबियों की महफिल
सड़कों पर सजती है शराबियों की महफिल

*कोई रोके-टोके तो नशे में आए-दिन करते है गाली गलौज और झगड़ा
*महिलाएं और युवतियों का राह से गुजरना हुआ दुश्वार

वाराणसी (रणभेरी)। अध्यात्म की नगरी काशी में शराबियों और जुआड़ियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शराबियों और जुआड़ियों ने धार्मिक नगरी काशी को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। शाम ढ़लते ही सड़को पर शराबियों का मयखाना सज जाता है। जहां जहां शराब की दुकानें है उसके आस पास का पूरा क्षेत्र शराबियों के रंग में रंगीन हो जाता है। बनारस में रात के आठ बजे के बाद कई प्रमुख सड़क के किनारे मयखाना सजने लगता है। शहर के प्रमुख चौराहों पर से जब आप गुजरेंगे तो कहीं सड़क पर, तो कहीं सड़क किनारे खुले जगह पर, कार में बैठकर तो कहीं ठेला पर तो कहीं स्कूटी पर ही लोग बोतलें खोलते नजर आ जाएंगे। इन सड़कों से पुलिस की गाडिय़ां भी गुजरती हैं, लेकिन उनको कोई कुछ नहीं करता है। सड़क पर जाम छलकाने वालों पर कभी भी पुलिस सख्ती नहीं बरतती है। नतीजा है कि सड़कों पर मयखाने की संख्या हर दिन बढ़ रही है। सार्वजनिक स्थल पर हर दिन शराबियों की महफिल जमती है। इतना ही नहीं, सड़कों के किनारे खुलेआम लोग शराब पी रहे हैं, पर इनकी ओर पुलिस प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। ऐसे में कई बार नशे में धुत होकर ये हुड़दंग भी करने से पीछे नहीं हटते हैं, जिस कारण राह से गुजर रहे लोगों खासकर महिलाएं व युवतियां अपने को काफी असुरक्षित महसूस करती हैं। दरअसल ये अब सड़क को ही बार बना बैठे हैं, तभी तो शराब की दुकान से बोतल लेते हैं और फिर सड़क के किनारे ही पी लेते हैं।   यहां शराबियों के भी अजब-गजब ठिकाने हैं। कोई चौक-चौराहे पर बोतल खोलता है तो कहीं सड़क के किनारे शराबियों की महफिल जमती है। इतना ही नहीं, अब शराबियों ने कार को भी बार बना लिया है। रात आठ बजे के बाद मेन रोड में गाडिय़ों में बैठकर शराब पीते लोगों को आसानी से देखा जा सकता है। चाहे लबे रोड हो या फिर कार में बैठकर, शराब पीने वालों को कोई डर-भय नहीं है।
ताक पर नियम-कानून :-
शराबियों ने कानून को भी ताक पर रख दिया है। चौक-चौराहे व सड़कों के किनारे शराब का सेवन करनेवाले नियम-कानून की धच्जियां उड़ा रहे हैं। शहर के कई ऐसे सार्वजनिक स्थल हैं, जहां बेखौफ होकर लोग शराब पी रहे हैं पर इन्हें रोकनेवाला कोई नहीं है। पुलिस या फैंटम की गाड़ी आती तो है पर वह एकमात्र औपचारिकता दिखती। फैंटम वाले आने से पहले ही हूटर बजाकर शराबियों को आगाह कर देते हैं कि वो सतर्क हो जाएं। जबतक फैंटम पहुंचती तबतक शराबी तितर-बितर होकर अपना सुरक्षित जगह तलाश लेते हैं।
होटल व ढाबा भी शराबियों का अड्डा :-
हाईवे स्थित होटल व ढाबा भी शराबियों का प्रमुख अड्डा है। होटल मालिकों ने अपने होटल के पीछे विशेषकर शराबियों के लिए स्पेशल कोटेज बनाया है ताकि शराबी पहुंचे और अपनी महफिल जमा सकें। सूत्रों की माने तो शराब की आड़ में ढाबा मालिक और स्थानीय प्रशासन की मोटी कमाई होती है, इसलिए लोग ढ़ाबे पर जाकर पीने में खुद को सुरक्षित व सहज महसूस करते हैं। हालांकि कई बार ढाबों या उसके बाहर से भी शराब के नशे में गाली-गलौज व मारपीट जैसी खबरें आती है लेकिन सब जानते हुए भी प्रशासन खामोश और अंजान बना रहता है।
एक दिन की जेल और दस हजार जुर्माना का प्रावधान :-
कानून के जानकारों के अनुसार निजी स्थान पर शराब पीना अपराध नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीना अवश्य अपराध है। ऐसे में सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों और अतिचार करने वालों के खिलाफ पुलिस आईपीसी की धारा-510 के अंतर्गत कार्रवाई कर सकती है। इसके अनुसार नशे की हालत में किसी का सार्वजनिक अथवा लोक स्थान अथवा किसी ऐसे स्थान में, जहां उसके प्रवेश से किसी व्यक्ति को क्षोभ हो, उसे 24 घंटे का कारावास अथवा 10 हजार रुपये का जुमार्ना अथवा दोनों सजाएं साथ दी जा सकती हैं।
हर क्षेत्र का हाल एक जैसा :-
लबे सड़क जाम लड़ाने वालों से पूरा शहर परेशान है। कहीं शराब की दुकान के अंदर पीने-पिलाने का इंतजाम है तो कहीं खुलेआम सड़क पर नशे की व्यवस्था है। हालत यह है कि लंका-अस्सी रोड पर सुबह से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है, जबकि दुकान खुलने का समय सुबह के 10 बजे है। शराब ठेके के अंदर से ही शटर को थोड़ा ऊपर कर शराबियों को शराब मुहैया करा दी जाती है। सुबह से देर रात तक लंका-अस्सी रोड के तिराहे पर शराबियों की भीड़ जमा रहती है। शिवाला स्थित एक शापिंग काम्पलेक्स के पास और सिगरा स्थित एक मॉल के पीछे नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है। भेलूपुर, महमूरगंज, सिगरा, नदेसर, अर्दली बाजार, पांडेयपुर, आशापुर, सारनाथ आदि क्षेत्रों में भी खुलेआम सड़क पर शराब पी जाती है।
नशे में नशेड़ी सड़कों पर करते हैं तांडव :-
शहर में शराबियों का आलम ये है कि मुख्य सड़क के किनारों व आसपास के क्षेत्रों को मयखाना बना दिया है। शराब-बीयर पीने वाले बेरोकटोक अपना गला तर कर रहे हैं। नशा चढ़ा तो गाली-गलौज से लेकर मारपीट तक हो रहा है। देसी, अंग्रेजी शराब और बीयर गटकने के शौकीन लोग सड़क पर ही खुलेआम जाम लड़ाते हैं। इसके बाद नशे में धुत युवकों का तांडव होता है। गाली-गलौज से लेकर मारपीट तक होता है फिर भी स्थानीय प्रशासन अंजान बने हैं। शराबियों के तांडव से सबसे बड़ी कठनाई उस सड़क से गुजरने वाली महिलाओं व युवतियों को होती हैं। लबे रोड जाम गटकने वालों से त्रस्त लोगों ने पुलिस प्रशासन सहित आबकारी में दर्जनों शिकायतें दर्ज कराई है लेकिन नतीजा सिफर है।