यूपी में साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण, 82 मिनट तक दिखा ब्लड मून

वाराणसी में सबसे पहले दिखाई दिया नज़ारा, अयोध्या-मथुरा समेत कई मंदिरों में बदले धार्मिक अनुष्ठानों के समय
वाराणसी (रणभेरी): रविवार रात उत्तर प्रदेश में साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण देखा गया। यह 2022 के बाद का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण रहा। वाराणसी में चंद्र ग्रहण का पहला नज़ारा दिखाई दिया। रात 9:57 बजे से शुरू हुआ यह खगोलीय दृश्य 11:02 बजे पूर्ण रूप में नजर आया और 1:27 मिनट तक जारी रहा। इसमें से 82 मिनट तक चांद लाल-नारंगी रंग में “ब्लड मून” के रूप में दिखाई दिया।
खगोल विज्ञान के अनुसार इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ गई, जिससे उसकी छाया चांद पर पड़ी और चांद लालिमा लिए नज़र आया। प्रयागराज में ग्रहण की शुरुआत के 38 मिनट बाद चंद्रमा का आधा हिस्सा ढक गया और फिर पूर्ण रूप से छिप गया। लखनऊ के साइंस सिटी में चंद्रग्रहण को लेकर विशेष इंतज़ाम किए गए थे, जहां छात्रों और आम लोगों ने दूरबीनों से यह दृश्य देखा।
धार्मिक दृष्टि से भी चंद्र ग्रहण का खास महत्व रहा। सूतक काल नौ घंटे पहले ही शुरू हो गया था। इसी कारण अयोध्या में राममंदिर और हनुमानगढ़ी के कपाट बंद कर दिए गए। वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती को अपवाद स्वरूप शाम के बजाय दोपहर 12 बजे ही संपन्न कराया गया। ऐसा 34 साल बाद हुआ। वहीं मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में दोपहर 12:30 बजे भोग आरती के बाद कपाट बंद कर दिए गए, जो सोमवार सुबह 5:30 बजे खोले जाएंगे। लोगों ने घरों और घाटों पर स्नान, जप-कीर्तन और विशेष पूजा-पाठ के साथ इस खगोलीय घटना को धार्मिक आस्था से जोड़ा।