मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत के ईडी का समन, 28 जून को होगी पेशी

मनी लॉन्ड्रिंग केस में संजय राउत के ईडी का समन, 28 जून को होगी पेशी

(रणभेरी): महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत को बड़ा झटका लगा है। ईडी ने जमीन घोटाले मामले में उन्हें समन भेजा है और कल पेश होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि संजय राउत को ये समन प्रवीण राउत और पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मामले में भेजा गया है। बता दें कि यह मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख थे। 

अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा के सदस्य राउत से कहा गया है कि वह 28 जून को दक्षिण मुंबई में स्थित एजेंसी के दफ्तर में उसके अधिकारियों के सामने पेश हों और धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराएं।ईडी ने अप्रैल में राउत की पत्नी वर्षा राउत और सांसद के दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया था। संजय राउत को समन भेजे जाने पर शिवसेना ने सवाल उठाया है। पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एजेंसी ने भाजपा के प्रति अपनी परमभक्ति का उदाहरण पेश किया है। इसी के तहत उन्हें समन जारी किया गया है। यही नहीं टीएमसी का भी रिएक्शन आया है और पार्टी का कहना है कि महाराष्ट्र की सरकार को गिराने के लिए संजय राउत को ईडी ने नोटिस दिया है।

ईडी का नोटिस आने के बाद राउत ने भी प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा कि मुझे अभी-अभी पता चला है कि ED ने मुझे तलब किया है। महाराष्ट्र में ये बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं। हम बालासाहेब के शिवसैनिक एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। भले ही आप मेरा सिर कलम दें लेकिन मैं गुवाहाटी मार्ग नहीं लूंगा। मुझे गिरफ्तार करो! शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मुझे पता था कि ईडी मुझे तलब करने वाला है, मैं घुटने नहीं टेकूंगा। बागी विधायक चाहे कुछ भी कर लें, मैं गुवाहाटी नहीं जाऊंगा। मैं बालासाहेब का शिव सैनिक हूं और मैं अपनी पार्टी के साथ रहूंगा। मैं कल ईडी के सामने पेश नहीं होऊंगा। ईडी से समय मांगूंगा, लेकिन जाऊंगा जरूर। 

जाने क्या था घोटाले का पूरा मामला 

साल 2017 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने तय किया था कि पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा। 47 एकड़ जमीन पर ये फ्लैट बनने थे। तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी। सबकुछ तय था कि कौन-कौन क्या करेगा और कैसे करेगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली फर्म गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ऐसा नहीं किया। फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को कोई फ्लैट दिया। 

कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी।इस घोटाले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल के लोग शामिल थे। ये कंपनी देश के चर्चित पीएमसी घोटाले में भी शामिल है। कंपनी के डायरेक्ट र ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक कर्मचारियों और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन लिया। फिर कंपनी के एनपीए को खत्म करने के लिए 250 करोड़ रुपये का फेक डिपॉजिट बैंक में दिखाया गया। इसके बाद बैंक ने फिर से एनपीए वाली कंपनी एचडीआईएल को फ्रेश लोन दे दिया।