वाराणसी एयरपोर्ट पर हंगामा: पहली बार फ्लाइट में बैठे यात्री ने खोला इमरजेंसी गेट का कवर, उड़ान में देरी

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब बेंगलुरु के लिए रवाना होने वाली अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट QP-1491 के एक यात्री ने इमरजेंसी गेट के हैंडल का कवर खोल दिया। क्रू मेंबर की सतर्कता से संभावित खतरे को टाल दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, सुल्तानपुर जिले के लंभुआ निवासी अजय तिवारी सीट नंबर 16A पर बैठे थे, जो इमरजेंसी गेट के पास है। शाम 7:55 बजे फ्लाइट टेकऑफ के लिए रनवे पर खड़ी थी, तभी अजय ने हैंडल का कवर हटाया। क्रू मेंबर ने तुरंत पायलट को सूचना दी, जिसके बाद पायलट ने ATC से संपर्क कर विमान को वापस एप्रन पर लाया। सभी यात्रियों को उतारकर सुरक्षा जांच की गई। करीब एक घंटे की देरी के बाद उड़ान बेंगलुरु के लिए रवाना हो सकी।
फूलपुर थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया- आरोपी अजय तिवारी से पूछताछ की जा रही है। वह तमिलनाडु के करूर में सीमेंट फैक्ट्री में बूम लिफ्ट चलाता है। फ्लाइट से बेंगलुरु जा रहा था। वहां से तमिलनाडु जाता। पहली बार फ्लाइट से सफर कर रहा। अभी तक की पूछताछ में उसने बताया कि इंस्ट्रक्शन पढ़ने के बाद गेट खोलकर देखना चाहता था कि किसी इमरजेंसी में गेट खुल जाएगा या नहीं? उसने पूछताछ में कहा कि गलती से गेट का कवर खोल दिया था। वह अपनी गलती पर पछताते हुए रो रहा था। शांतिभंग में चालान किया जा रहा है।
यात्री की सीट इमरजेंसी गेट के पास थी
अकासा एयरलाइंस की फ्लाइट QP-1491 में अजय तिवारी सीट नंबर 16ए पर बैठा था। उनकी सीट इमरजेंसी गेट के पास थी। आसपास के यात्रियों ने क्रू मेंबर को बताया कि फ्लाइट में बैठते ही यात्री इधर-उधर हरकतें कर रहा था। इसी बीच वह इमरजेंसी गेट से छेड़छाड़ करने लगा।प्लेन के इमरजेंसी गेट का कवर खुलते ही यात्री, पायलट्स और क्रू मेंबर घबरा गए। क्रू मेंबर में से एक ने तुरंत एक्शन लेते हुए कवर को दोबारा लगाया और पैसेंजर को फ्लाइट से उतारा।
सेफ्टी एक्सपर्ट के मुताबिक, इमरजेंसी गेट के हैंडल पर एक कवर होता है जो उसे केबिन के दबाव या किसी और वजह से खुलने से बचाता है। अगर कवर हटा दिया जाता है, तो हैंडल खुला रहता है। ऐसे में प्लेन की लैंडिग के दौरान इमरजेंसी गेट खुल सकता है। इससे प्लेन को खतरा हो सकता है। इमरजेंसी गेट का कवर ऐसा है कि वो गलती से नहीं खुल सकता है। उसे जानबूझकर ही खोला या निकाला जा सकता है। उसे बाहर निकालना पड़ता है। इसके लिए आपको जोर लगाना पड़ता है।