नकली नोट छापने वाला इनामी बदमाश गिरफ्तार, तेलंगाना-पंजाब से मंगाई थी मशीन, वाराणसी में होती थी प्रिंटिंग

नकली नोट छापने वाला इनामी बदमाश गिरफ्तार, तेलंगाना-पंजाब से मंगाई थी मशीन, वाराणसी में होती थी प्रिंटिंग

 वाराणसी/ मथुरा (रणभेरी): यूपी में नकली नोट छापने वाले गैंग का बड़ा खुलासा हुआ है। मथुरा GRP ने वाराणसी से रौनक उर्फ मुकेश उर्फ टीपू को गिरफ्तार किया है। नकली नोट छापने वाले गैंग का सरगना 25000 का मास्टरमाइंड इनामी बदमाश बनारस में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गैंग के सरगना को पकड़ने में बनारस पुलिस कमिश्नरेट की संयुक्त टीमों की भी अहम भूमिका रही। पुलिस ने इनामी बदमाश रौनक उर्फ मुकेश के कब्जे से 21 हजार रुपये के जाली नोट,अर्द्ध निर्मित जाली नोट,जाली नोट छापने के उपकरण व अन्य सामग्री (अनुमानित कीमत लगभग 7 लाख रुपए है बरामद की है। रौनक पर आरोप हे कि वह चीन से भारतीय नोटों में इस्तेमाल होने वाले पेपर को ऑनलाइन मंगवाया करता था और नोटों की बनारस मैं छपाई कर उनकी खपत संगठित गिरोह के माध्यम से किया करता था। रौनक के कारनामे का खुलासा उस समय हुआ था जब 9 दिसंबर को मथुरा जीआरपी ने तीन लोगों को डेढ़ लाख के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। तेलंगाना और पंजाब से उसने मशीनें मंगाई। वाराणसी में नोट की छपाई का काम शुरू किया। नोट छापने के बाद उसे 6 राज्यों में सप्लाई किया जाता है। इस गैंग का खुलासा होने के बाद सिक्योरिटी एजेंसीज चौंक गई हैं। NIA, IB के अलावा यूपी ATS ने भी जांच शुरू कर दी है। क्योंकि, चीन का नाम भी इसमें आया है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां यह भी पता कर रही है कि कहीं भारत की अर्थव्यवस्था को खोखला करने की साजिश तो नहीं? वहीं GRP ने इस मामले में SIT बनाई है, जो हर पहलू की जांच करेगी। पुलिस की पूछताछ में निकल कर आया था की गैंग के तार बनारस से लेकर पश्चिम बंगाल के मालदा तक जुड़े हुए थे । पुलिस ने 9 दिसंबर को पकड़े गए लोगों के कब्जे से 1 लाख 50 हजार रुपये के जाली नोट, अर्द्ध निर्मित जाली नोट व नोट छापने का सिक्योरिटी पेपर बरामद किया था और पूछताछ में रौनक का नाम प्रकाश में आया था ।

मथुरा जंक्शन पर GRP ने 9 दिसंबर को राजस्थान के सवाई माधोपुर निवासी कलीमुल्ला काजी, कोटा निवासी तकीम और बिहार निवासी धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया है। इनके पास से डेढ़ लाख रुपए के नकली नोट मिले। GRP ने जब इनसे पूछताछ की तो पता चला कि यह सिर्फ मोहरे हैं। इनका काम नोटों की सप्लाई करना होता है। मास्टरमाइंड वाराणसी का रहने वाला रौनक है। उसने वहीं पर प्रिंटिंग प्रेस लगा रखी है और नकली नोट छापता है। यह जानकारी पता लगते ही मथुरा GRP वाराणसी पहुंची। वहां पुलिस से संपर्क किया। यहां सारनाथ क्षेत्र में श्रीनगर कॉलोनी से एक नकली नोट छापते समय रौनक उर्फ मुकेश उर्फ टीपू को गिरफ्तार किया। रौनक नकली नोट छापने और उनके बांटने का काम करता था।

एसपी GRP मोहम्मद मुस्ताक के मुताबिक, रौनक के पास से नोट छापने की हाईटेक मशीन और सिक्योरिटी थ्रेड (धागा) बरामद हुआ है। वह चीन की एक कंपनी से अलीबाबा.कॉम के जरिए भारत में सिक्योरिटी थ्रेड मंगाता था। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में बैठे गिरोह के सदस्य इस सिक्योरिटी थ्रेड के जरिए नकली नोट छापते हैं। रौनक से पूछताछ में बताया कि उसने नोट छापने की मशीन तेलंगाना और पंजाब से मंगाई थी। यह काफी हाईटेक है। इस गिरोह का नेटवर्क यूपी के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में फैला है। इस गिरोह के सभी मेंबर्स की अलग-अलग जिम्मेदारी है। कोई सदस्य चीन से सिक्योरिटी थ्रेड मंगाता है, कोई मशीन, कोई नोट छापता है तो कोई उन नकली नोटों को खपाने का काम करता है।
उसने प्रिंटिंग कोर्स में डिप्लोमा किया है। पूर्व में एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था। इसी दौरान सन शाइन नामक प्रॉपर्टी डीलिंग कंपनी में पैसा इन्वेस्ट किया। इसमें डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ। तभी पश्चिम बंगाल के मालदा में नकली नोट का धंधा करने वाले ब्रजेश मौर्या से मुलाकात हुई। राजस्थान का रहने वाला ब्रजेश, पश्चिम बंगाल से नकली नोट का धंधा करता है। ब्रजेश ने रौनक को नकली नोट छापने और ज्यादा पैसा कमाने के बारे में बताया। इसके बाद रौनक ने वाराणसी में एक मकान किराए पर लिया और नकली नोट छापना शुरू कर दिया। पुलिस ने रौनक के पास से 500-500 रुपए के 21 नकली नोट बने, 4 अर्ध-निर्मित नोट, सिक्योरिटी थ्रेड का रोल, कंप्यूटर, हाई क्लास प्रिंटर, बड़ी फोटो स्टेट मशीन, लेमिनेशन मशीन,पंचिंग मशीन बड़ी, पेपर कटर, 8 फ्रेम स्लाइडर, 10 लकड़ी के फ्रेम के अलावा जाली नोट छापने के लिए प्रयोग में आने वाली स्याही, पाउडर, स्क्रीन प्रिंटिंग, वाटर मार्क आदि बरामद किया है।