बाराबंकी में रामस्वरूप यूनिवर्सिटी विवाद: लाठीचार्ज पर सियासत गरमाई, सीएम योगी ने तीन अफसर हटाए

बाराबंकी में रामस्वरूप यूनिवर्सिटी विवाद: लाठीचार्ज पर सियासत गरमाई, सीएम योगी ने तीन अफसर हटाए

(रणभेरी): बाराबंकी के रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में बिना मान्यता पढ़ाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना के बाद छात्र संगठन के साथ भाजपा नेता भी विरोध में उतर आए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीओ सिटी हर्षित चौहान, कोतवाल आरके राणा और चौकी इंचार्ज को हटा दिया है। साथ ही यूनिवर्सिटी की मान्यता की जांच की जिम्मेदारी अयोध्या मंडलायुक्त को और लाठीचार्ज की जांच आईजी प्रवीण कुमार को सौंपी गई है। जिलेभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है और यूनिवर्सिटी परिसर में भारी पुलिस बल, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड तैनात कर दी गई है।

घटनाक्रम एक नजर में

29 अगस्त: छात्रों ने बिना मान्यता पढ़ाई का आरोप लगाते हुए यूनिवर्सिटी परिसर में हंगामा किया।

1 सितंबर, सुबह: फीस वापसी और मान्यता की मांग को लेकर छात्राओं का प्रदर्शन, दो छात्रों का निलंबन।

1 सितंबर, दोपहर: ABVP पदाधिकारी पुष्पेंद्र सहित कई छात्र पहुंचे, निजी लोगों पर छात्रों पर हमला कराने का आरोप।

1 सितंबर, 3 बजे: वार्ता विफल, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया।

1 सितंबर, शाम: कई छात्रों को चौकी ले जाया गया, चौकी पर तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

1 सितंबर, देर शाम: 20 से अधिक छात्र घायल, जिला अस्पताल में भर्ती, नेताओं का जमावड़ा।

2 सितंबर, सुबह: सीएम योगी की सख्ती, तीन पुलिस अफसर हटाए गए, दो स्तर पर जांच के आदेश।

छात्रों के आरोप

यूनिवर्सिटी में बिना बार काउंसिल मान्यता लॉ डिपार्टमेंट संचालित।

मामूली फीस बकाया (100 रुपये) पर भी ₹5,000 तक जुर्माना।

विपक्ष का हमला

सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पुलिस की बर्बरता का वीडियो साझा करते हुए लिखा- "यह लाठीचार्ज सरकार की नाकामी और हताशा का प्रतीक है।" फिलहाल मामला तूल पकड़ चुका है और प्रशासन अलर्ट मोड में है।