रेल मंत्री वाराणसी जंक्शन पर बोले- काशी-तमिल संगमम् के लिए चलाई जाएगी ट्रेन
वाराणसी (रणभेरी): केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए हैं। बाबतपुर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और रेलवे के अधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत किया। भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महामंत्री संजय सोनकर व जगदीश त्रिपाठी, पवन सिंह, वीरू सिंह, शैलेश पाण्डेय, दिनेश सिंह दीनू, विवेक सिंह, राजू प्रजापति, विपिन पाठक व अन्य सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे। महाप्रबंधक दिल्ली, महाप्रबंधक गोरखपुर व महाप्रबंधक, दिल्ली सभी DRM व अन्य दर्जनों अधिकारी भी स्वागत के लिए उपस्थित थे। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कैंट रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कैंट रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। स्टेशन निदेशक के कक्ष में बैठक भी की। इस दौरान पीपीटी के माध्यम से रेलवे के प्रस्तावित विकास कार्यों की जानकारी ली। महाप्रबंधक ने स्टेशन और परिसर में चल रहे कार्यों की प्रगति के बारे में जाना। यात्री सुविधा, सुरक्षा, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण की दिशा में किए जा रहे कार्यों को देखा। सभी कार्यों को समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। स्टेशन पर बन रहे दस मीटर चौड़े एफओबी नंबर तीन, स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि काशी-तमिल संगमम् को यादगार बनाने के लिए जल्द ही काशी-तमिल संगमम् ट्रेन सेवा शुरू की जाएगी। साथ ही, बताया कि अगले 12 से 13 महीने में स्लीपर वाली वंदे भारत ट्रेन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उसके बाद हम लंबी दूरी वाली वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें 400 वंदे भारत ट्रेन का टारगेट दिया है। रेल मंत्री ने कहा कि पहली बुलेट ट्रेन की प्रोग्रेस बहुत अच्छी है। हमने एक नई तकनीक को सीख लिया है। बहुत जल्दी दूसरे नए कॉरिडोर को भी शुरू किया जाएगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वाराणसी जंक्शन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन की कैटेगरी में सलेक्ट किया गया है। इसके पुनर्विकास का डिजाइन बनाया रहा है। यहां के पुनर्विकास कार्य में लगभग 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 50 साल आगे की सुविधाएं सोच कर वाराणसी जंक्शन का पुनर्विकास काम कराएं। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुसार ही वाराणसी जंक्शन को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रेलवे स्टेशनों में से एक बनाने का काम किया जाएगा।
उत्तर रेलवे का वाराणसी जंक्शन (कैंट स्टेशन) प्रतिदिन 112 रेलगाड़ियों को हैंडल करता है। इस स्टेशन पर हर दिन (औसतन) 67,216 से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। कैंट स्टेशन के पुनर्विकास कार्य के तहत स्टेशन के बाहरी संरचना का सौंदर्यीकरण, मौजूदा प्लेटफॉर्मों में सुधार, दो नए प्लेटफॉर्मों और दो नए फुट-ओवर-ब्रिजों का निर्माण और स्टेशन के तीसरे प्रवेश द्वार का प्रावधान शामिल हैं। वाराणसी जंक्शन के यार्ड री-मॉडलिंग का काम चल रहा है। इसे पूरा करने का लक्ष्य मार्च-2023 है। इसके तहत वाराणसी यार्ड में लूप की लंबाई और प्लेटफॉर्म की लंबाई में वृद्धि की जा रही है। प्लेटफार्म संख्या 1 से 4 तक की लाइनों का पूर्वोतर रेलवे के बनारस स्टेशन, प्लेटफार्म संख्या 1 से 5 तक की लाइनों का लोहता स्टेशन और प्लेटफार्म संख्या 6 से 9 तक की लाइनों का शिवपुर स्टेशन से सीधा जुड़ाव होगा, जिससे आवागमन सुगम होगा। वाराणसी सिटी (BCY) और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (DDU) की ओर से सभी प्लेटफार्मों (1 से 9) की कनेक्टिविटी रहेगी। नए फुट ओवर ब्रिज के साथ दो अतिरिक्त यात्री प्लेटफार्म (10 और 11) और तीसरे प्रवेश द्वार का विकास किया जा रहा है। मौजूदा फुट ओवर ब्रिज के कारण शेड्यूल ऑफ डाइमेंशन उल्लंघन को खत्म करने के लिए प्लेटफार्म संख्या 3 का चौड़ीकरण किया गया है। शिवपुर की ओर से गुड्स बाईपास लाइन का निर्माण ताकि यार्ड के माध्यम से क्रॉस-मूवमेंट कम हो। यात्री गाड़ी के रख-रखाव के लिए दो नई वाशिंग लाइन और 4 सिक लाइन पिट का निर्माण किया जा रहा है।