बस इतनी सी बात: और सनकी पोते ने दादा-दादी समेत 3 को दौड़ा-दौड़ाकर फावड़े से काट डाला

गोरखपुर। गोरखपुर में ट्रिपल मर्डर हुआ है। पोते ने ही दादा, उनके बड़े भाई और दादी की फावड़े से काटकर हत्या कर दी। पोते ने पहले भैंस पर फावड़े से हमला किया। दादा ने मना किया, तो वह भड़क गया। उसने दादा पर फावड़े से वार कर दिए। चीख-पुकार सुनकर दादी और बड़े दादा पहुंचे। आरोपी ने उन पर भी हमला कर दिया। जान बचाने के लिए वे खेत की तरफ भागे, तो उसने दौड़ाकर मार डाला। फिर शवों को एक जगह इकट्ठा कर बगल में बैठा रहा
खेतों में दौड़ाकर तीनों की कनपटी पर हमला किया
कोईरान टोला में कुबेर और साधु मौर्य दो भाई रहते हैं। कुबेर के दो बेटे विजय बहादुर और मेवालाल हैं। विजय बहादुर का 24 साल का बेटा रामदयाल शुक्रवार सुबह 6 बजे सोकर उठा। इसी बीच फावड़ा उठा लिया और चिल्ला-चिल्ला कर भैंस पर हमला करने लगा। दादा कुबेर ने भैंस को मारने पर टोका। फिर रामदयाल खेतों की ओर भाग गया। दादा उसके पीछे दौड़े। इसी बीच रामदयाल ने कुबेर पर फावड़े से हमला कर दिया। पीछे से बड़े दादा साधु मौर्य (75) आए तो उनको भी खेतों में दौड़ाकर मार डाला। इसी बीच दादी (कुबेर की पत्नी) पहुंचीं तो उनको भी खेत में ही दौड़ाकर मार डाला। तीनों की कनपटी पर फावड़ा से हमला किया था, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मां ने गांव में भागकर बचाई जान
घटना के समय घर में मौजूद रामदयाल की मां कुशमावती बेटे की खौफनाक हरकत देखकर कांप उठीं। उन्हें अंदाजा हो गया कि अगर रुकीं, तो अगला शिकार वही होंगी। वह जान बचाकर गांव में भागीं और गांववालों को इस घटना की जानकारी दी। फिर गांव वालों के जरिए पुलिस को सूचना दी गई।
शवों को खेत से लाकर एक जगह रास्ते में रखा, फिर आरोपी वहीं बैठा
गांव वालों ने बताया- हत्या के बाद आरोपी तीनों शवों को खेत से खींचकर एक जगह रास्ते पर ले आया। वह भागा नहीं, वहीं शवों के पास बैठ गया। गांव वाले भी पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। इतने में पुलिस पहुंची। पुलिस को देखते ही आरोपी भागने लगा। दौड़ाकर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
दो दिन पहले भी दहशत फैलाई थी
पड़ोसी ने बताया- दो दिन पहले भी रामदयाल हिंसक हो गया था। हाथ में धारदार हथियार लेकर सड़क जाम किया था। रामदयाल की मां ने बताया कि कुछ दिन पहले उसका एक्सीडेंट हुआ था, इसके बाद से वह उग्र हो गया था। कोई भी हथियार पाता था तो भांजना शुरू कर देता था। 75 साल के साधु मौर्य की शादी नहीं हुई थी। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी छोटे भाई कुबेर के साथ ही बिता दी। कुबेर के दो बेटे विजय बहादुर और मेवालाल हैं। मेवालाल हाल ही में छेड़खानी के मामले में जेल से छूटकर आया था और विजय बहादुर अक्सर घर से गायब रहता है। आरोपी रामदयाल के पिता भी गुरुवार शाम से घर नहीं आए।
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही
एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शवों का पंचनामा कराकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। आरोपी रामदयाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पास से फावड़ा भी बरामद कर लिया गया। उससे पूछताछ की जा रही है। उसने हत्या क्यों की इसकी अभी जानकारी नहीं है। गांव वालों का कहना है कि रामदयाल मानसिक रूप से बीमार है।
घर के पुरुषों को रही है मानसिक समस्या
गांव वालों ने पुलिस को बताया- इस परिवार के पुरुष सदस्यों में मानसिक समस्या रही है। मृतक कुबेर का भी 1990 के आसपास इलाज हुआ था। उनका बड़ा बेटा मेवालाल भी मानसिक रूप से अस्वस्थ हुआ था। वह महिलाओं को परेशान करता था। मेवालाल हाल ही में छेड़खानी के मामले में जेल से छूटकर आया था। गांव की महिलाओं ने बताया कि जब तक वह गांव में था, उनका निकलना मुश्किल था। इसी तरह आरोपी के पिता विजय बहादुर भी पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं। हालांकि वह किसी हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं रहे। अक्सर गांव से गायब रहते हैं। गुरुवार की शाम से ही वह घर नहीं पहुंचे। आरोपी भी पिछले एक सप्ताह से उग्र था। उसका एक्सीडेंट हुआ था, जिसके बाद से ही अजीब हरकतें कर रहा था। कोई धारदार हथियार पा जाने पर वह किसी को मारने की एक्टिंग करता हुआ इधर-उधर घुमाता था। लोगों का कहना है कि सुबह उसे फावड़ा मिला तो उसने पास बंधी भैंस के सिर पर वार कर लहूलुहान कर दिया।
पुलिस ने शव का पंचनामा कराया
दो दिन पहले जिसे जेल जाने से बचाया, उसी ने ले ली जान
ट्रिपल मर्डर के बाद गांव के लोगों में चर्चा रही कि काश कुबेर और उनकी पत्नी ने दो दिन पहले अपने पोते रामदयाल को जेल जाने दिया होता। दरअसल, रामदयाल ने दो दिन पहले गांव के रहने वाले सुरेश यादव के बेटे नीरज यादव को लाठी से मार दिया था। इस मामले में पुलिस आई थी। पुलिस रामदयाल को साथ लेकर जा रही थी, लेकिन बुजुर्ग कुबेर और उनकी पत्नी ने अपने इकलौते पोते को छोड़ देने की रिक्वेस्ट की। सुरेश यादव ने बताया कि दोनों पति-पत्नी हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे। इस पर सुरेश ने सुलह कर ली थी। अब गांव वालों का कहना है कि काश! उस दिन उसे पुलिस की कस्टडी में जाने देते तो यह घटना नहीं होती।