काव्य-रचना
मैं जब भी पढूँगा
गुरुदेव!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारा 'गोरा'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
गिरीश!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारा 'हयवदन'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
तकष़ी!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारे 'मछुआरे'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
हुसैन!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारी 'उदास नस्लें'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
अनन्तमूर्ति!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारा 'संस्कार'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
यशपाल!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारा 'झूठा सच'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
अज्ञेय!
मैं जब भी पढूँगा
तुम्हारा 'शेखर : एक जीवनी'
मुझे याद आयेंगे
अंतर्यामी महारणा!
मित्रो!
मैं जब भी पढूँगा
'धूमिल समग्र'
मुझे याद आयेंगे
गुरुदेव!
गोलेन्द्र पटेल