काव्य-रचना
यह उसका निजी बयान है ऐसा बोल देता हूं
पार्टी के पदाधिकारी को बयान देने बोलता हूं
तीर निशाने पर लगे तो सही है बोलता हूं
कोई विवाद हो जाए तो प्लान बदल देता हूं
यह उसका निजी बयान है ऐसा बोल देता हूं
शाब्दिक बाण हमेशा स्टॉक में रखता हूं
नहले पर दहला मारने बोलता हूं
बात बिगड़ गई तो यू-टर्न ले लेता हूं
यह उसका निजी बयान है ऐसा बोल देता हूं
अक्सर चुनाव के समय बयान तीर से छोड़ता हूं
बयान देने वालों की चैनल बनाता हूं
दांव उल्टा पड़ गया तो पलट जाता हूं
यह उसका निजी बयान है ऐसा बोल देता हूं
शाब्दिक दांवपेचों का खेल खूब खेलता हूं
मान सम्मान गिराने के दांवपेच खेलता हूं
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे टेढ़ा पड़ा तो
यह उसका निजी बयान है ऐसा बोल देता हूं
मेरे धुर विरोधी विचारधारा वाले भी खेलते हैं
प्री प्लानिंग से उल्टा सीधा सब बोलते हैं
फायदा हुआतो ठीक नुकसान की बात आईतो
यह उसका निजी बयान है ऐसा बोल देता हूं
एडवोकेट किशन सनमुख़दास