श्री हनुमत दरबार में बही सुर-लय- ताल की धारा  

श्री हनुमत दरबार में बही सुर-लय- ताल की धारा  
श्री हनुमत दरबार में बही सुर-लय- ताल की धारा  

वाराणसी(रणभेरी)। श्री संकट मोचन संगीत समारोह की चौथी निशा में मंगलवार को कलाकारों ने भाव की गंगा बहाई।   समारोह में पहली बार काशी राज परिवार के किसी प्रतिनिधि ने भी हाजरी लगाई। स्वयं रामनगर के राजा अनंत नारायण सिंह समारोह में उपस्थित होकर अपने बेटे की हौसला अफजाई भी की।  चौथी निशा का शुभारंभ रामनगर के राजा अनंत नारायण के पुत्र कुंवर प्रदुम नारायण सिंह के तबला वादन से हुआ। प्रदूम  नारायण सिंह ने उन्होंने अपने तबला वादन से हनुमत चरणों में अपनी भावांजलि अर्पित की। उन्होंने तबले पर तीन ताल में उठान,गत  और कुछ टुकड़े बजाकर अपने हुनर का परिचय दिया। इसके पश्चात भोपाल से आई कथक नृत्यांगना अनुराधा सिंह ने कथक नृत की प्रस्तुति कर सभी को भाव विभोर कर दिया अनुराधा ने कथक के भाव से  शिव वंदना शिव शंभू भोले की सुनदर प्रस्तुति की।राग चलन में जय गजानन प्रस्तुत किया राग हंस  में नाग नाग नथेया की लीला का सुंदर मंचन कर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया।  इसके पश्चात मंच पर आए प्रख्यात शास्त्रीय गायक स्वर्गीय राशिद खान के पुत्र अरमान खान ने अपनी सुंदर प्रस्तुति कर सबको भाव विभोर कर दिया उन्होंने राज योग में सूर लगाया,  तीन ताल में चरण सुखदाई सुनाया। कार्यक्रम का  समापन याद पिया की आई के गायन से किया।  इसके बाद मंच संभाली शास्त्रीय गायिका अमृता चटर्जी ने अपने गायन से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया  उन्होंने पूरी पुरिया कल्याण में जन्म भयो राम  और राग पूरिया धनासी का मिश्रण किया तो उसमे राग कल्याण का भी समावेश नजर आया। कार्यक्रम का समापन उन्होंने राग  पीलू में अंग सोहे की प्रस्तुति से की।  इसके पश्चात मंच पर आए प्रख्यात भजन गायक अनूप जलोटा ने अपने प्रस्तुति से सभी को भाव विभोर कर दिया उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में हनुमत के धाम मे हरि नाम की वर्षा कर  भक्ति की गंगा बहा दी। उन्होंने  पूरे सहज अंदाज में दुनिया न चले श्री राम के बिना राम न चले हनुमान के बिना का गायन करके पूरा मंदिर  परिसर को  हनुमतमय बना दिया। इसके बाद उन्होंने  जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या नाम सहित अपने पुराने भजनों को नए अंदाज में सुना कर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके पश्चात मंच पर आए पंडित तेजेंद्र नारायण मजूमदार ने अपने सरोज वादन से सबको खूब आनंदित किया।   इसके बाद मंच पर आए प्रख्यात सितार वादक नीलाद्री कुमार ने अपने सितार की झंकार से सबको झंकृत कर दिया। उन्होंने सितार पर कई धुनो को सुना कर माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय  में बना दिया।
हनुमत दरबार में जीवन की अंतिम प्रस्तुति करने की कामना -अनूप जलोटा                             
प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा मंगलवार को श्री संकट मोचन दरबार में चल रहे संगीत समारोह की चौथी निशा में अपने भजनों की प्रस्तुति से पूरा परिसर भक्तिमय  बना दिया। कार्यक्रम प्रस्तुत करने के पहले उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि 25 वर्षों से वह हनुमत दरबार में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं और उनकी इच्छा है कि जीवन के अंतिम समय तक वह हनुमत दरबार में हाजिरी लगाये। आज हमने  हनुमान जी से येही प्रार्थना भी की हैं। उन्होंने कहा कि संगीत प्रेम और सद्भाव का संदेश देता है।  संगीत लोगों को जोड़ता है तोड़ता नहीं है। उन्होंने कहां की संकट मोचन दरबार में आकर एक नई ऊर्जा मिलती है जिससे वह नये जोश खरोश से भगवान का गुणगान करते हैं । यह एक सिद्ध स्थल है और यहां साक्षात हनुमान जी विराजमान है। उन्होंने अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास जी के महंत जी से भी यही प्रार्थना की कि वह उनको  हर वर्ष हाजिरी लगाने के लिए बुलाने की कृपा करे।

मेरा बस चले तो मैं काशी में ही बस जाऊं -अमान खान          
प्रख्यात शास्त्रीय गायक राशिद खान के पुत्र शास्त्रीय  गायक अमैन खान संकट मोचन दरबार में अपने गायन की प्रस्तुति कर मंगलवार को सबको मंत्र मुक्त कर दिया। उन्होंने बताया कि अपने वालिद के इंतकाल के बाद वह संकट मोचन दरबार में अपनी दूसरी प्रस्तुति कर रहे हैं । आज यहां हनुमत चरणों में अपनी प्रस्तुति करके वह बहुत ही आनंद की अनुभूति कर रहे हैं । ऐसा दरबार विश्व में कहीं नहीं है जहां पर स्वयं हनुमान जी सुनते हो और दर्शक दीर्घा में बैठे श्रोता हर हर महादेव का नारा लगाते हो । उन्होंने कहा कि काशी बहुत ही प्यारी नगरी है और उनका बस चले तो वह कोलकाता छोड़कर बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ही आकर बस जाए। उन्होंने कहा कि संगीत एक साधना है और जितना आप साधना करेंगे उसका फल उतना ही अच्छा मिलेगा और हम भी ही कामना कर रहे हैं कि श्री हनुमान जी उनको हर वर्ष हाजिरी लगाने का मौका दे।