काव्य-रचना
मैं काशी विद्यापीठ
सौ वर्षों से पुराना इतिहास है मेरा,
यहां पढ़ने वालों के जीवन मे लाया हूं नया सवेरा।
पूर्वांचल के शैक्षिक संस्थान का हूं मान,
यहां से पढ़ा हुआ हर बच्चा बढ़ा रहा देश का सम्मान।
यहां के कुलपति और शिक्षक है ज्ञान का सागर,
हर छात्र अभिभूत है उनको अपने गुरु के तौर पर पा कर।
अंधकार से निकाल कर छात्रों को उजाले का राह दिखाया,
विश्वविद्यालय ने हमेशा एक सच्चे मित्र का फर्ज निभाया।
मैं निर्माण और युवा शक्ति का पीठ हूं,
हाँ हाँ मैं महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ हूं।
रघुकुल यथार्थ,
छात्र नेता महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ।