जोशीमठ भू-धंसाव पर पीएम मोदी ने सीएम धामी से फोन पर की बात, हालात का लिया जायजा
(रणभेरी): जोशीमठ के भू-धंसाव के हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्विट कर यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने फोन पर जोशीमठ की विस्तृत जानकारी ली और पूछा कि कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं। उन्होंने जोशीमठ भूधंसाव से होने वाले नुकसान के बारे में भी पूछा। उन्होंने जोशीमठ के लोगों के विस्थापन के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए बारे में भी पूछा। बातचीत में प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मामले में पीएमओ लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी फोन कर हर सम्भव का आश्वासन दिया है। उन्होंने प्रभावितों के विस्थापन को लेकर उठाए जा रहे कदम, नुकसान के बारे में पूछा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में जितने भी शहर हैं उनकी धारण क्षमता कितनी है, क्या वह अपनी धारण क्षमता पर कर चुके हैं, इस बारे में भी जानने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।'' जोशीमठ के हालात पर आज रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक उच्च स्तरीय बैठक भी होगी। पीएमओ ने एक बयान में कहा, पीएम मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पी के मिश्रा आज पीएमओ में कैबिनेट सचिव और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे।इस मौके पर जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहेंगे। उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा में शामिल होंगे। बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे तीर्थ स्थलों के प्रवेश द्वार फिलहाल बंद है। जोशीमठ को भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जोशीमठ में लगभग 600 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और उन लोगों से मुलाकात की जिनके घरों में दरारें आ गई हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बहु-संस्थागत विशेषज्ञ और वैज्ञानिक इसके पीछे के कारणों का सुझाव देने और डिकोड करने के लिए भूमि अवतलन का अध्ययन कर रहे हैं। धामी ने दोहराया कि लोगों की जान बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
जोशीमठ की स्थिति को लेकर शुक्रवार को सीएम ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक के दौरान उन्होंने सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास केंद्र स्थापित करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि डेंजर जोन को तत्काल खाली कराया जाए और आपदा नियंत्रण कक्ष को एक्टिव रखा जाए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) के तपोवन विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना के लिए एक सुरंग के निर्माण के लिए 'अनावश्यक' खुदाई के की वजह से जमीन धंस रही है। पूछे जाने पर, सीएम ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि इसका क्या कारण है। पीटीआई ने बताया कि जोशीमठ में ग्यारह और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया, क्योंकि शहर में दरारें विकसित करने वाले घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई।