पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर शोल्ज से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
(रणभेरी): जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज शनिवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं। यहां राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा, कारोबार और नई प्रौद्योगिकी समेत अलग-अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जर्मनी पूरे यूरोप में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। साथ है इंवेस्टमेंट का सोर्स है। दोनों देशों के बीच गहरी समझ है। भारत और जर्मनी के बीच मजबूत संबंध एक दूसरे के हितों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा- सुरक्षा और डिफेंस को-ऑपरेशन हमारी स्ट्रैटिजिक पार्नटरशिप का एक महत्वपूर्ण पिलर बन सकता है। इस क्षेत्र में हमारे पोटेंशियल को पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिए हम साथ मिलकर कोशिश करते रहेंगे। आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि क्रॉस बॉर्डर टेररिजम को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है।
PM मोदी ने कहा- भारत और जर्मनी ट्रैंगुलर डेवलपमेंट को-ऑपरेशन के तहत थर्ड वर्ल्ड के डेवलपमेंट के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में हमारे बीच पीपुल-टू-पीपुल संबंध भी गहरे हुए हैं। पिछले साल मेरी जर्मनी यात्रा के दौरान हमने ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप की घोषणा की थी। इसके माध्यम से, हम क्लाइमेट एक्शन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। थोड़ी देर बाद चांसलर शोल्ज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे। शोल्ज की इस यात्रा में दोनों देशों के बीच साथ मिलकर 6 कन्वेंशनल सबमरीन बनाने के लिए 5.2 अरब डॉलर की एक डील होगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने ट्वीट में कहा कि चांसलर शोल्ज की यात्रा बहु आयामी भारत-जर्मन सामरिक गठजोड़ को और गहरा बनाने का अवसर प्रदान करेगी। बागची ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज का हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता के लिए स्वागत किया। इसमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने, हरित एवं टिकाऊ विकास गठजोड़ और आर्थिक गठजोड़ को प्रगाढ़ बनाने तथा रक्षा क्षेत्र में करीबी संबंध बनाने पर जोर दिया गया है।’’ दोनों नेताओं ने इसके बाद डेलिगेशन स्तर की वार्ता में भी हिस्सा लिया। इसमें दोनों देशों के व्यापारियों ने एक-दूसरे के साथ एजेंडे के तहत वार्ता की।
2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद यह शोल्ज की पहली भारत यात्रा है। वह ऐसे समय में भारत की यात्रा पर आए हैं, जब एक दिन पहले ही यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को एक साल पूरा हुआ है। भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था, "जर्मन चांसलर शोल्ज और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मुलाकात में हम रूस-यूक्रेन युद्ध को एजेंडे में बहुत ऊपर देखते हैं। यह एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।" इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शोल्ज के बीच 16 नवंबर को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर इंडोनेशिया के बाली में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।