लखीमपुर में उपद्रव के बाद विपक्ष कि सियासत तेज़

लखीमपुर में उपद्रव के बाद विपक्ष कि सियासत तेज़

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश के लखीमपुर तिकुनिया में कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच रविवार को हिंसक टकराव में आठ लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। वही किसानों के साथ हुए हादसे की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड में भी किसानों में आक्रोश फैल गया। किसानों ने बाजपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, किच्छा आदि शहरों में जाम लगाकर विरोध दर्ज कराया। 

उन्होंने केंद्र एवं यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। इस दौरान उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए शहर में कैंडल मार्च निकाला किसानों ने डीडी चौक पर योगी सरकार का पुतला फूंका। बाजपुर तथा गदरपुर क्षेत्र के तराई किसान संघ के आव्हान पर सोमवार को बाजार बंद कराए जाएगा। लखीमपुर के तिकुनिया थाने में उनके खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, दुर्घटना और बलवा की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर बहराइच नानपारा के जगजीत सिंह की तहरीर पर दर्ज की गई है। बेटे पर लगे आरोपों को लेकर मंत्री अजय मिश्रा ने सफाई दी है कि किसानों के बीच छुपे हुए कुछ उपद्रवी तत्वों ने उनकी (भाजपा कार्यकर्ताओं) गाड़ियों पर पथराव किया, लाठी-डंडे से वार करने शुरू किए। फिर उन्हें खींचकर लाठी-डंडों और तलवारों से मारापीटा, इसके वीडियो भी हमारे पास हैं। उन्होंने गाड़ियों को सड़क से नीचे खाई में धक्का दिया। उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई, तोड़फोड़ की। मेरा बेटा कार्यक्रम खत्म होने तक वहीं(कार्यक्रम स्थल) था, उन्होंने जिस तरह से  घटनाएं की हैं अगर मेरा बेटा वहां(घटनास्थल पर) होता तो वो उसकी भी पीटकर हत्या कर देते।लखीमपुर में रविवार को दो मंत्रियों के दौरे को लेकर भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चार किसान हैं। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। आपको बता दें कि देर रात कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया।

किसान संघ के एक नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा, 'किसानों ने मंत्रियों के आगमन को रोकने के लिए हेलीपैड का घेराव करने की योजना बनाई थी। एक बार यह समाप्त हो गया और अधिकांश लोग वापस जा रहे थे। इस बीच तीन कारें आईं और किसानों को कुचल दिया। एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई। मंत्री का बेटा कार में था।' किसान संघों ने कहा कि कार की चपेट में आने से चार किसानों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं में से एक तेजिंदर एस विरक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।