काशी की गागर में उतरा महासागर

काशी की गागर में उतरा महासागर

काशी के गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

महाकुंभ:बॉर्डर के 8 जिलों में 2 लाख वाहन रोके, वाराणसी में 20 किलोमीटर लंबा जाम 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। महादेव की नगरी काशी में आज मौनी अमावस्या पर आस्था का महासागर उमड़ पड़ा। काशी में मौनी अमावस्या पर स्नान और दर्शन पूजन का दौर जारी है। गंगाघाटों से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक श्रद्धालुओं की अपार संख्या जुटी है। मंदिर जाने वाले पांच रास्तों पर भक्तों की कतार लगी है। मंदिर के चार द्वार पर अब तक दो लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं। मौनी अमावस्या पर वाराणसी में 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, इसमें से पांच सात लाख श्रद्धालु वीक एंड से रुके थे। शाम तक यह संख्या 20 लाख पहुंचने के आसार हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ चलते लगातार दूसरे दिन काशी विश्वनाथ मंदिर 22 घंटे खोला गया। वहीं ट्रैफिक कंट्रोल को 100 अफसर सड़क पर हैं। मंगलवार को रात 1 बजे बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह के पट बंद किए गए तो बुधवार को भोर 2:45 बजे मंगला आरती के लिए मंदिर खुल गया। पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने बाबा के भव्य अभिषेक और मंगला आरती के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए फिर दर्शन शुरू हो गए। मंगला आरती से पहले गंगाद्वार, नंदूफरिया, ढुंढीराज समेत सभी गेट पर लंबी लाइन में श्रद्धालु खड़े रहे।

पांच गेट से प्रवेश चार गेट पर गर्भगृह के दर्शन

काशी में दर्शन पूजन और स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं भी भीड़ चारो ओर से आ रही है। पिछले तीन दिन प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करके लौटने वाले 35 लाख श्रद्धालुओं से काशी की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई हैं। रविवार और सोमवार और मंगलवार को काशी आए आठ से 10 लाख श्रद्धालुओं अभी शहर में रुके हैं। वहीं बुधवार को फिर रात तक 10 लाख लोगों के आने की संभावना है। बुधवार भोर में 2:45 बजे हर हर महादेव के जयघोष के साथ गर्भगृह के पट खोले गए। मंदिर के पुजारियों ने विधि विधान से काशी पुराधिपति को जगाया। इसके बाद उन्हें स्नान कराया गया, बाबा विश्वनाथ का पंचगव्य से भव्य अभिषेक किया गया। षोडशोपचार विधि से पूजन और श्रृंगार और आरती की गई। शंख, घड़ियाल और डमरू की थाप के बीच परिसर हर हर महादेव का जयघोष गूंजता रहा। भक्तों के लिए सभी को 5 गेट से प्रवेश दिया जा रहा है और गर्भगृह के 4 गेट पर दर्शन मिल रहे हैं। बताया गया कि काशी विश्वनाथ न्यास ने फिलहाल भक्तों की सहूलियत के लिए रात 1 बजे तक पट खोलकर दर्शन कराने की तैयारी की है।

1.5 किमी घूमकर फिर वहीं पहुंचे भक्त

भीड़ को बांटने के लिए बैरिकेडिंग लगाकर लाइनों को काफी घुमावदार बना दिया गया था। कई भक्त तो विश्वनाथ दरवार की लाइन समझकर काल भैरव की कतार में खड़े हो गए। दरअसल, भक्तों की लाइन मैदागिन से बुलानाला, ठठेरी बाजार, सोरा कुआं, चौखवा तक पहुंच गई थी। वहां से यू टर्न करके मैदागिन, फिर यू टर्न करके विश्वनाथ मंदिर की ओर लाइन मुड़ी। काल भैरव की लाइने विश्वेश्वरगंज मंडी से शुरू होकर काल भैरव मार्ग पर बढ़ी। इतने में भक्त 1.5 किमी तक चलकर फिर वहीं पहुंचे, जहां से चले। ऐसी ही कुल 4-4 लाइनें थीं।

शहर पड़ गया छोटा, होटल पैक, धर्मशाला में जगह नहीं

प्रयागराज में अमृत स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ की एक झलक के लिए लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ काशी पहुंच रही है। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान से पुण्य कमाने के लिए यह संख्या 15 लाख से ऊपर पहुंच गई है। होम स्टे, धर्मशाला, लॉज में रूम नहीं मिल रहा। पीक सीजन और शादियां होने के कारण होटल व गेस्ट हाउस में रूम मिल रहे। पब्लिक के मिन्नतें करने पर मनमाना किराया मांग रहे हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं ने सड़कों पर ही डेरा डाल लिया है। यह नजारा देख शहर दक्षिणी विधायक डॉ। नीलकंठ तिवारी ने डीएम एस। राजङ्क्षलगम से स्कूलों को खोलने की अपील की थी। एडीएम वित्त वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि तत्काल प्रभाव से नौ स्कूलों को खोल दिया गया है।

भीड़ से तिल भर जगह नहीं बची

प्रयागराज महाकुंभ से जनआस्था के पलट प्रवाह से मंगलवार को भी काशी की ऐसी कोई सड़क और गली नहीं थी, जो श्रद्धालुओं से पटी नहीं थी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर मार्ग दोपहर बाद पैक हो गया था। श्री काशी विश्वनाथ धाम, कालभैरव मंदिर, दशाश्वमेध घाट के आसपास तिल भर जगह नहीं थी। लोग 10 से 12 घंटे तक इंतजार के बाद गर्भगृह तक पहुंच पा रहे थे। वहां भी बाबा की झलकभर मिल पाई। भीड़ के कारण सुरक्षाकर्मियों और सेवादारों ने उन्हें ठहरने नहीं दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ की वजह से इन मार्गों पर वाहन रेंगते हुए बढ़ रहे थे। दस-बीस मिनट की दूरी तय करने में एक से दो घंटे लग गए। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, जाम का दायरा भी बढ़ता गया। हालांकि, कमिश्नरेट पुलिस सुबह से ही जाम को कंट्रोल करने के लिए सड़क पर उतर गई थी। पुलिस के प्रयास से मंगलवार को सड़कों पर थोड़ी राहत दिखी। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, संयुक्त पुलिस कमिश्नर के एलिजरसन और एडिशनल पुलिस कमिश्नर एस। चनप्पा मंदिर परिसर से लेकर रोहनियां तक चक्रमण करते रहे।

हर राज्य से वाहनों के जरिए पहुंचे श्रद्धालु

काशी की सड़कों पर बिहार, झारखंड, बंगाल, असम, सिक्किम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना समेत हर स्टेट की बस और चार पहिया वाहन बड़ी संख्या में दिख रहे हैं। एक अधिकारी के अनुसार इन वाहनों के चलते भी शहर में जाम की स्थिति है। हालांकि, मंदिर से करीब चार-पांच किमी दूर ही इन वाहनों की पार्किंग जा रही है। श्रद्धालुओं के साथ वाहनों की संख्या इतनी अधिक है कि पार्किंग भी फुल हो गई है। मजबूरन वाहनों को सड़क किनारे ही पार्किंग कराई गई।

सड़क पर उतरे पुलिस प्रशासन के साथ अफसर

10 मिनट में फुल हो जा रहीं थी बसें

वाराणसी से प्रयागराज महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं का दबाव कैंट स्थित रोडवेज बस स्टेशन पर मंगलवार को भी जारी रहा। मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या में प्रयागराज की बसें खड़ी होतीं और 10 मिनट में फुल हो जाती रहीं। यही हाल हरहुआ में बने अस्थायी बस अड्डे का भी रहा। यहां से डेडिकेटेड टूरिस्ट बसें ङ्क्षरग रोड होकर सीधे प्रयागराज गईं। अन्य जिलों से आए श्रद्धालु इन बसों से मौनी अमावस्या का अमृत स्नान करने गए। मोहनसराय में बने अस्थायी बस अड्डे पर भी यही स्थिति रही। यहां बाहरी डिपो से आई रोडवेज बसों को ठहराव दिया गया है। सिटी और ई-बसों से मोहनसराय पहुंचकर या फिर आसपास के इलाके के लोगों ने महाकुंभ में जाने के लिए इन्हीं बसों का सहारा लिया। उधर, प्राइवेट बसों और निजी वाहनों से भी श्रद्धालुओं ने प्रयागराज की राह पकड़ी।

महाकुंभ बॉर्डर के 8 जिलों में 2 लाख वाहन रोके

महाकुंभ में भगदड़ के बाद प्रयागराज से सटे 8 जिलों के बॉर्डर पर वाहनों को रोक दिया गया है। पुलिस का कहना है कि जब तक कुंभ मेला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलती,वाहनों को आगे नहीं जाने दिया जाएगा। बॉर्डर पर वाहन या तो सड़क पर रुके हैं, या पार्किंग में खड़े हैं। महाकुंभ में भीड़ कम होने के बाद इन वाहनों को प्रयागराज भेजा जाएगा। करीब 2 लाख वाहन रोके गए हैं। वाराणसी से प्रयागराज जाने वाले सभी रूटों पर पुलिस ने बैरियर लगा दिया है। प्रयागराज जाने वाले करीब 40 हजार वाहनों को रोक दिया गया है। इसके अलावा 10 हजार से ज्यादा वाहनों को पार्किंग में खड़ा करवाया गया है। जीटी रोड पर करीब 20 किमी लंबा जाम लगा हुआ है।  महाकुंभ में जाने के लिए निकले हजारों लोग बस, कार और अन्य वाहनों में फंसे हैं। वाराणसी में वर्तमान में 50 से अधिक बसें स्टेशन पर हैं, जबकि 200 से अधिक बसें वाराणसी प्रयागराज रूट पर फंसी हैं।

वाराणसी कैंट स्टेशन पर श्रद्धालुओं की भीड़

काशी जोन के लोग घर से न निकलें, श्रद्धालुओं पर दें ध्यान : सीपी 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। महाकुंभ के पलट प्रवाह के मद्देनजर बुधवार को पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र के काशी जोन के लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकलें। अपने घर में ही रहें और श्रद्धालुओं का सहयोग करें। यह अपील पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने काशीवासियों से की। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन और सुगम यातायात के लिए पुलिस का सहयोग करें। पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र के काशी जोन में ही 84 गंगा घाट, विश्वनाथ धम, कालभैरव मंदिर दुगार्कुंड मंदिर, संकटमोचन मंदिर, बीएचयू का नया विश्वनाथ मंदिर सहित अन्य सभी प्रमुख मठ-मंदिर विद्यमान हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि वाराणसी के सभी स्कूल-कॉलेज अधिग्रहीत कर लिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर वाहनों की पार्किंग कराई जाएगी। श्रद्धालुओं को ठहराया जाएगा। काशी जोन में ही दशाश्वमेध, चौक, लक्सा, कोतवाली, जैतपुरा, आदमपुर, सिगरा, चेतगंज, भेलूपुर, लंका और चितईपुर थाना क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें और वाहन का इस्तेमाल करें।  पुलिस आयुक्त ने कहा कि आॅटो और ई-रिक्शा भदऊं चुंगी से गोलगड्डा, कैंट रेलवे स्टेशन, लहरतारा, मंडुवाडीह भिखारीपुर, सुंदरपुर होते हुए लंका तक जाएं। इसी रूट से ही वापस आएं। शहर के अंदरूनी हिस्से में आॅटो और ई-रिक्शा न आएं। अन्यथा को स्थिति में आॅटो और डं रिक्शा संचालक के खिलाफ कार्रवाई मे कोताही नहीं बरतो जाएगी। पुलिस आयुक्त ने कहा जो वाहन चालक दवा से संबंधित कागजात दिखाएंगे, उन्हें रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक जाने दिया जाएगा। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि शहर में भीड़ प्रबंधन और सुगम यातायात के लिए सिगरा स्थित सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के 2500 से ज्यादा कैमरों और ड्रोन की मदद ली जा रही है। गंगा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के गद्देनजर जल पुलिस, पीएसी, बाढ़ राहत दल, 11 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।