नगर निगम ने कराई नाइट बाजार की 25 दुकानें बंद

नगर निगम ने कराई नाइट बाजार की 25 दुकानें बंद

वाराणसी (रणभेरी सं.)। नगर निगम ने बुधवार को लहरतारा चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे बने नाइट बाजार की दुकानों को बंद कराने का अभियान चलाया। दुकानों को खाली कराने के दौरान नगर निगम को विरोध का सामना करना पड़ा। लेकिन पुलिस फोर्स और नगर निगम के प्रवर्तन दल के आगे एक नहीं चली। 25 दुकानों को खाली कराया गया। हालांकि भारी विरोध और दुकानों से सामान हटाने की विनती पर अपर नगर आयुक्त संगम लाल यादव ने दुकानदारों को 48 घंटे की मोहलत दी। चेताया कि दो दिन बाद कोई सुनवाई नहीं होगी। नगर निगम दुकानों को खाली कराने के लिए बीते छह माह से नोटिस दे रहा था। दुकानदारों का श्रेया एजेंसी से एग्रीमेंट था जिसे नगर निगम ने कैंसिल कर दिया है। वाराणसी में तीन वर्ष पूर्व नगर निगम ने लहरतारा चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे कैंट रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए नाइट बाजार की योजना लाया। यहां फूड कोर्ट, टिकट बुकिंग के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही थी। जिस श्रेया एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई उसने मानक के विपरीत कार्य शुरू कर दिए। वहां अनैतिक कार्यों की भी शिकायतें आने लगी थी। 

 चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे बने नाइट बाजार और बेनिया स्थित पार्किंग के संचालन करने वाली एजेंसी श्रेया इंटरप्राइजेज पर धोखाधड़ी की धाराओं में नगर आयुक्त ने बीते 10 जून को सिगरा थाने में केस दर्ज कराया है। एजेंसी पर बिजली और पार्किंग शुल्क का 02 करोड़ 76 लाख 21 हजार 671 रुपए बकाया नहीं जमा करने का आरोप है। 

गौरतलब है कि नाइट बाजार के संचालन में गड़बड़ियों के चलते जनवरी 2025 में एजेंसी का लाइसेंस रद कर दिया गया था। बावजूद इसके आज तक फ्लाईओवर के नीचे नाइट बाजार का संचालन हो रहा है। बीते एक अप्रैल को फ्लाईओवर के नीचे कैंट रेलवे स्टेशन के सामने गैस सिलेंडर में आग लगने के कारण एक दर्जन से अधिक दुकानें जलकर राख हो गई थी।

नाइट मार्केट में लगी दुकानों को हटाने को दी थी नोटिस

कैंट रेलवे स्टेशन के सामने चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे चलने वाला नाइट बाजार बंद का संचालन करने वाली एजेंसी श्रेया इंटरप्राइजेज का लाइसेंस जनवरी में निरस्त कर दिया गया था। एग्रीमेंट समाप्त होने के साथ ही उन दुकानों का एग्रीमेंट भी स्वत: समाप्त हो गया था जिन्होंने एजेंसी के माध्यम से दुकानें लगाई है। नगर निगम ने दुकानों का संचालन करने वालों को नोटिस दे रहा है ताकि दुकानें खाली हो लेकिन छह माह बाद भी नगर निगम दुकानों को हटवा नहीं पाया है।