लीवर है शरीर की जान, रखें इसका विशेष ध्यान

लीवर है शरीर की जान, रखें इसका विशेष ध्यान

विश्व लीवर दिवस

वाराणसी (रणभेरी सं.)। लिवर, जिसे यकृत भी कहते हैं हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो भोजन को पचाने, ऊर्जा को संग्रहीत करने, विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और संक्रमण से लड़ने जैसे कई आवश्यक कार्य करता है। लिवर की बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, लिवर के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसकी देखभाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। लीवर सिरोसिस, लीवर कैंसर की जगह इस समय सबसे अधिक बीमारी फैटी लीवर की हो रही है। बीएचयू अस्पताल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में आने वाला हर तीसरा मरीज फैटी लीवर की समस्या से ग्रसित है। डॉक्टरों के अनुसार, फास्ट फूड, मोटापा, खराब खानपान, दिनचर्या ठीक न होना मुख्य वजह है। रोज 100 मरीज लीवर से जुड़ी समस्या लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें 10 से 18 साल तक के किशोर भी हैं। लीवर संबंधी बीमारी के प्रति जागरूकता को लेकर हर साल 19 अप्रैल को विश्व लीवर दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम भोजन ही दवा है। 

लीवर की बीमारी का सीधा संबंध खानपान और वर्तमान जीवन शैली से जुड़ा है। बीएचयू अस्पताल के अलावा किसी भी सरकारी अस्पताल में गैस्ट्रोलॉजी के विशेषज्ञ नहीं हैं। इस वजह से मरीजों को बीएचयू भेजा जाता है। गैस्ट्रोलॉजी विभाग की ओर से सामान्य ओपीडी के साथ ही आईबीडी यानी इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज की विशेष ओपीडी चलाई जा रही है। विभागाध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव का कहना है कि जितने भी लीवर ट्रांसप्लांट हो रहे हैं, उसमें फैटी लीवर की समस्या सबसे अधिक है। जांच में 80 प्रतिशत का बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स 23 से भी ऊपर रहता है। उन्होंने कहा कि ओपीडी में 18 से 70 साल तक के मरीज आते हैं। फैटी लीवर के मरीज को हार्ट अटैक का खतरा रहता है।

बढ़ रहे हैं ग्रामीण इलाकों के मरीज

बीएचयू अस्पताल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी में हर दिन औसतन 400 से अधिक मरीज आते हैं। डॉ. देवेश प्रकाश यादव का कहना है कि अब ओपीडी में ग्रामीण इलाकों के मरीजों की संख्या अधिक रहती है। वाराणसी के साथ ही बलिया, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर आदि ग्रामीण इलाकों से हर दिन 50 लोग लीवर संबंधी समस्या लेकर आ रहे हैं। फैटी लीवर के साथ डायबिटीज होना शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक है। साथ ही बीएमआई यानी बॉडी मॉस इंडेक्स 23 के अंदर होना चाहिए। डॉक्टर के अनुसार, अगर 23 से ज्यादा बीएमआई हो तो तुरंत अस्पताल पहुंचकर जांच करवानी चाहिए।

स्वस्थ लीवर पर ही निर्भर है संतुलित जीवन: डॉ. अजय

हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लीवर डे मनाया जाता है। यह दिन न केवल हमारे शरीर के सबसे मेहनती अंग  यकृत (लीवर) के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि इससे जुड़ी बीमारियों की रोकथाम और जागरूकता का प्रचार भी करता है। इस साल विश्व लिवर दिवस 2025 की थीम है आहार के द्वारा लीवर के स्वास्थ्य की देखभाल। चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय काय चिकित्सा के डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि आधुनिक विज्ञान के अनुसार यकृत शरीर का सबसे बड़ा अंग है जो मेटाबॉलिज्म से सम्बंधित सैकड़ों कार्य करता है। आयुर्वेद ने यकृत की महत्ता को सहस्राब्दियों पूर्व ही जान लिया था। चरक संहिता में यकृत को ररक्तधातु का मूलर कहा गया है और इसे पित्त दोष का प्रमुख स्थान माना गया है। आजकल अनियमित दिनचर्या और खान पान के कारण सबसे ज्यादा फैटी लिवर की समस्या देखने को मिल रही है। फैटी लिवर वह स्थिति होती है, जब लीवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लीवर को स्थायी नुकसान का खतरा रहता है। इस स्थिति के होने पर यदि समय से इलाज नही लिया जाए तो यह अल्कोहलीक हेपेटाइटिस, लीवर फेल्योर, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।

फैटी लीवर के लक्षण

बीमारी का आमतौर पर कोई संकेत या लक्षण नहीं पता चलता है। इसलिए इस रोग का पता काफी देर से चलता है। यह मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है। पहला नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर और दूसरा अल्कोहलिक फैटी लिवर। जो लोग शराब का सेवन नहीं करते हैं या कम मात्रा में करते हैं, उन्हें नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।

यकृत रोगों के लक्षण

पेट में भारीपन या सूजन, भूख में कमी, थकावट, आँखों या त्वचा का पीलापन, पेशाब का रंग गहरा होना, अपच या जी मिचलाना इन लक्षणों की अनदेखी करना हानिकारक हो सकता है।

यह है प्रमुख कारण

  1. नॉनवेज का सेवन है।
  2.  बैठकर काम करना।
  3. लंबाई के हिसाब से वजन का अधिक बढ़ना
  4. कमर के आसपास चर्बी अधिक होना।
  5. डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल बढ़ना।

 ये बरतनी होगी सावधानी

  1. शराब का सेवन छोड़ देना चाहिए।
  2. नियमित व्यायाम करें, शरीर से पसीना निकलें।
  3. चीनी और तेल का इस्तेमाल कम करें।
  4. जंक फूड, फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।