लैब मित्रा अब लैब रिपोर्ट के नाम से संचालित
*पैथालॉजी जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों को नहीं लगाना पड़ रहा अस्पताल का चक्कर, मोबाइल पर ही मिल रही रिपोर्ट
वाराणसी (रणभेरी)। मरीजों को पैथालॉजी जांच और उसकी रिपोर्ट के लिए सरकारी चिकित्सा इकाइयों के चक्कर न लगाना पड़े, इसी को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रयास एवं एचडीएफसी बैंक तथा थ्री आई कंसल्टिंग संस्था के सहयोग से वाराणसी में पिछले साल मार्च में लैब मित्रा के नाम से पहल शुरू की गई थी। जिलाधिकारी एस राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के द्वारा किए प्रयासों से काशी में यह मॉडल पूरी तरह से सफल रहा। इसी मॉडल को आधार बनाकर हाल ही में प्रदेश के समस्त जिलों में ह्यलैब रिपोर्टह्ण के नाम से यह सेवा शुरू की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि मरीजों को अपनी पैथालॉजी जांच रिपोर्ट के लिए लाइन में न लगना पड़े। इसके लिए ह्यलैब मित्रह्ण को शुरू किया गया था, जिसका सकारात्मक परिणाम आज पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। काशी के इसी मॉडल को अब पूरे प्रदेश में ह्लैब रिपोर्ट के नाम से शुरू किया गया है। यह एक सशक्त आनलाइन प्लेटफॉर्म है। जनपद में यह सुविधा समस्त राजकीय चिकित्सालयों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) समेत 19 चिकित्सा इकाइयों में प्रदान की जा रही है। सीएमओ ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी में जांच कराने के बाद अब मरीजों को रिपोर्ट लेने के लिए अगले दिन लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ रही है। किसी भी प्रकार की जांच हो, उसकी रिपोर्ट मरीज घर पर बैठे अपने मोबाइल पर देख सकते हैं। भीड़ व समय की बचत के लिए यह व्यवस्था संचालित की जा रही है। सीएमओ ने बताया कि अप्रैल 2023 से लेकर अब तक डेढ़ लाख से अधिक मरीज लैब मित्रा रिपोर्ट का लाभ ले चुके हैं। इस पहल पर जनपदवासियों का विश्वास बढ़ा है। सीएचसी में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे जिले के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के समय और लागत में भी काफी बचत हुई है। सभी सरकारी चिकित्सा इकाइयों पर मौजूद लैब मित्र सुविधा को लेकर समन्वयन बनाए रखने के लिए जिला सलाहकार (तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ) डॉ सौरभ सिंह और प्रोजेक्ट कोओर्डिनेटर आशुतोष सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रोजेक्ट कोओर्डिनेटर आशुतोष सिंह ने बताया कि ह्यलैब मित्राह्ण पोर्टल का उपयोग करके सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को डॉक्टर के पर्चे के अनुसार प्रयोगशाला जांच के लिए पंजीकृत किया जाता है और जांच के बाद, सिस्टम एक आॅनलाइन रिपोर्ट तैयार करता है जो मरीज के फोन नंबर पर टेक्स्ट मैसेज पर एक लिंक प्रारूप में भेजता है। इस लिंक पर क्लिक करने पर मरीज अपनी पूरी लैब टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त कर सकता है। सीएचसी पर जांच कराने के चार घंटे बाद और सरकारी अस्पताल में जांच के 12 घंटे के बाद रिपोर्ट मरीज के फोन नंबर पर चली जाती है। लाभार्थियों ने सराहा: 32 वर्षीय प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा- मैंने सीएचसी चोलापुर पर शुगर और केएफटी की जांच करवाई, जिसकी रिपोर्ट मुझे चार घंटे में मोबाइल पर ही प्राप्त हो गई। मुझे जांच रिपोर्ट के लिए सीएचसी जाना नहीं पड़ा। मुझे यह सुविधा काफी अच्छी लगी और पूरी तरह से संतुष्ट हूँ। 22 वर्षीय प्रियंका ने कहा- मैंने सीएचसी चोलापुर में जाकर सीबीसी की जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट मुझे मोबाइल पर ही मिल गई। घर पर ही रिपोर्ट मिलने से मुझे काफी खुशी हुई।