खाटू श्याम का मनाया गया जन्म उत्सव 

खाटू श्याम का मनाया गया जन्म उत्सव 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। कार्तिक शुक्ल पक्ष तिथि देवोत्थान एकादशी पर श्री श्याम मंडल वाराणसी द्वारा लक्सा स्थित श्री श्याम मंदिर में श्याम प्रभु का जन्म उत्सव मनाया गया। उत्सव में खाटू श्याम का रंग बिरंगी फूलों से अलौकिक झांकी सजाई गई। रात्रि 8 बजे से भजनों का कार्यक्रम शुरू हुआ जो निरंतर रात भर चलता रहा। श्याम भक्तों ने एक से एक बढ़कर भजन गाये हारे हारे हारे हारे का सहारा तू, मोर छड़ी लहराई रे, कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो पड़ोसी, सांवरे की महफिल को सांवरा सजाता है। रात्रि 12 बजे प्रभु का जन्मदिन केक काटकर बनाया गया व मक्खन मिश्री का भोग लगा भक्तों में वितरण हुआ। 
इससे पूर्व 11 दिवसीय निशान शोभा यात्रा के  अन्तिम दिन श्याम नाम गूंज के साथ मैदागिन स्थित पातालेश्वर मंदिर से श्री श्याम ध्वजा विशाल  शोभा यात्रा निकाली गई जो बुलानाला, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया, गिरजाघर होते हुए लक्सा स्थित श्री श्याम मंदिर में जाकर समाप्त हुई। इसके बाद प्रभु के चरणों में निशान अर्पण की गई। प्रभु की आरती उतारी गई व श्याम चालीसा पढ़ा गया। भक्तों में प्रसाद वितरण किया। श्याम प्रभु की रंग-बिरंगे फूलों से अलौकिक झांकी सजाई गई। इसके पूर्व संस्था के अध्यक्ष दीपक बजाज, मंत्री अजय खेमका, कोषाध्यक्ष संदीप शर्मा, प्रचार मंत्री सुरेश तुलस्यान, पवन कुमार अग्रवाल ने श्याम ध्वजा की पूजन अर्चन की। वह भक्तों को ध्वजा देकर यात्रा शुभारंभ की। 
आगे-आगे संस्था का बैनर चल रहा था। बैंड बाजे में श्याम नाम की धून गूंज रही थी रास्ते भर भक्त भजन लहर लहर लहराई रे श्याम ध्वजा लहराई रे... गाते चल रहे थे गाड़ी पर  कृष्ण रूपी प्रभु श्याम की   की तैलिंग चित्र फूलों से सजाई गई थी जो साथ आगे आगे चल रही थी। इसके पीछे समाज की महिलाएं पुरुष बच्चे श्याम ध्वजा लिए चल रहे थे महिलाएं सजी थाली लिए चल रही थी। रथ पर राधा कृष्ण वी शंकर पार्वती गणेश  जी की जीवन्त  झांकी चल रही थी। रास्ते भर में भक्तों द्वारा प्रभु की आरती उतार रहे थे प्रसाद वितरण कर रहे थे । भक्तों पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। संयोजन में संस्था के  प्रवीण मांखरिया गणेश लोहिया बंटी मदन मोहन पोद्दार राजेश तुलस्यान विजय अग्रवाल वैजनाथ भालोटिया श्याम सुंदर गाड़ोदिया रवि कानोड़िया जागृत गाड़ोदिया  संतोष अग्रवाल विजय बाजोरिया  प्रेम अग्रवालआदि लोग उपस्थित थे।