पीएम के जन्मदिम पर उत्सवी रंगों में रंगी काशी

पीएम के जन्मदिम पर उत्सवी रंगों में रंगी काशी

मां गंगा को अर्पित की गई 75 मीटर लम्बी चुनरी,विधायक ने  108 बटुकों के साथ किया दुग्धाभिषेक

पीएम की दीर्घायु होने की कामना को लेकर वैदिक ब्राह्मणो ने किया महामृत्युंजय मंत्र का जाप, केक काटकर मुंह मीठा कराया

वाराणसी (रणभेरी): ख्वाब तो हम सभी देखते हैं, लेकिन उन्हें शिद्दत के साथ पूरा करने का जज्बा कम ही लोग दिखा पाते हैं। बेपरवाह होकर सिर्फ अपने लक्ष्य पर नजर बनाए रखने की कला भी सभी में नहीं होती, विरोधियों की बातों का जवाब अपने मिजाज से देने में भी हर कोई माहिर नहीं होता। जिस शख्स में ये तमाम खूबियां होती हैं, फिर वो साधारण कहां रह जाता है? ऐसे ही असाधारण व्यक्तित्व के धनी देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी हैं, जिनके जन्मदिन पर आज पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा है।

17 सितंबर 1950 को गुजरात में जन्मे नरेंद्र मोदी आज पूरी दुनिया की आंखों का तारा बन चुके हैं। दुनिया का बड़े से बड़ा शख्स उनके विचारों, उनकी कूटनीति और उनके काम करने के अंदाज का कायल हो चुका है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता हासिल करने का करिश्मा इस करिश्माई नेता ने ही किया और आज भारत की जो साख दुनिया में बनी है, उसका श्रेय भी इन्हीं को जाता है। बेबाक, बेधड़क और देशहित में बोल्ड निर्णय लेने का जिगर भी नरेंद्र मोदी के पास ही है यह उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी जैसे निर्णय लेकर साफ दिखा दिया है। वडनगर के एक गुजराती परिवार में पैदा हुए, मोदी ने अपने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की मदद की, और बाद में अपना खुद का स्टाल चलाया।

आठ साल की उम्र में वे आरएसएस से जुड़े, जिसके साथ एक लंबे समय तक सम्बंधित रहे। स्नातक होने के बाद उन्होंने अपने घर छोड़ दिया। मोदी ने दो साल तक भारत भर में यात्रा की, और कई धार्मिक केन्द्रों का दौरा किया। 1969 या 1970 वे गुजरात लौटे और अहमदाबाद चले गए। 1971 में वह आरएसएस के लिए पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गए। 1975 में देश भर में आपातकाल की स्थिति के दौरान उन्हें कुछ समय के लिए छिपना पड़ा। 1985 में वे बीजेपी से जुड़े और 2001 तक पार्टी पदानुक्रम के भीतर कई पदों पर कार्य किया, जहाँ से वे धीरे धीरे भाजपा में सचिव के पद पर पहुँचे। 2001 में गुजरात के भुज में भूकम्प के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के असफल स्वास्थ्य और खराव सार्वजनिक छवि के कारण नरेंद्र मोदी को 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।

मोदी जल्द ही विधायी विधानसभा के लिए चुने गए। 2002 के गुजरात दंगों में उनके प्रशासन को कठोर माना गया है, इस दौरान उनके संचालन की आलोचना भी हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) को अभियोजन पक्ष की कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नीतियों को आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेय दिया गया। वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके काम के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं। टाइम पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है। अटल बिहारी वाजपेयी की तरह नरेन्द्र मोदी एक राजनेता और कवि हैं। ये गुजराती भाषा के अलावा हिन्दी में भी देशप्रेम से ओतप्रोत कविताएँ लिखते हैं। उनके नेतृत्व में भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की। एक सांसद के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से जीत दर्ज की। उनके राज में भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एवं बुनियादी सुविधाओं पर खर्च तेजी से बढ़ा। उन्होंने अफसरशाही में कई सुधार किये तथा योजना आयोग को हटाकर नीति आयोग का गठन किया।

पीएम की दीर्घायु होने की कामना को लेकर  वैदिक ब्राह्मणो  ने किया महामृत्युंजय मंत्र का जाप

वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के 75वें जन्म दिवस पर सामने घाट, चितईपुर, तारापुर टिकरी स्थित तारानगर कॉलोनी के वेद मंदिर में वैदिक एजुकेशनल रिसर्च सोसायटी के तत्वाधान प्रधानमंत्री के दीर्घायु होने की कामना को वैदिक ब्राह्मणो  ने महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया। संस्था के अध्यक्ष आचार्य पंडित शिवपूजन शास्त्री के संयोजन में प्रातः काल वैदिक ब्राह्मण गंगा स्नान करके व पीला पीला वस्त्र धारण किया। इसके पश्चात वेद मंदिर में स्थित मां गायत्री का विधि विधान से पूजन कर वैदिक ब्राह्मणो  ने संकल्प लिया और और प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के दीर्घायु होने की कामना को लेकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया। इस अवसर पंडित शिवपूजन शास्त्री ने कहा कि वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के दीर्घायु होने की कामना को लेकर आज ब्राह्मणों ने महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया।  हम लोग की यही कामना है कि बाबा विश्वनाथ उनको स्वस्थ एवं दीर्घायु रखें ताकि वह देश और काशी नगरी का विकास इसी तरह से करते रहे।  इस अवसर पर आचार्य सुनील चौबे, वाचस्पति पांडे, राधा कृष्ण तिवारी, राजीव रंजन तिवारी, पंकज उपाध्याय आदि ब्राह्मण शामिल शामिल थे।

पीएम के जन्म दिवस पर माधव पार्क में पौधारोपण

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर भारतीय किसान संघ एवं प्रभा ग्लोबल फाउंडेशन के तत्वाधान में विश्व संवाद केंद्र लंका स्थित माधव पार्क में पौधारोपण किया गया। पौधारोपण का शुभारंभ सर्वप्रथम   लंका, सिंह द्वार स्थित महामना के आदमकद  प्रतिमा पर माला पहनाकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव एवं भारतीय किसान संघ के महानगर अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा ने किया।

इसके पश्चात विश्व संवाद केंद्र लंका स्थित माधव पार्क में आम पीपल, बरगद, नीम, तुलसी आदि का पौधा रोपण किया गया। इस अवसर पर भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा कि वाराणसी के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर आज हम लोगों ने पौधा रोपण कर उनके दीर्घायु होने की कामना की। इस अवसर पर पर संजय सिंह पार्षद रविंद्र सिंह आलोक आदि उपस्थित थे।