वाराणसी में लेखपालों की क्रॉस एफआईआर पर वकीलों का हंगामा

वाराणसी में लेखपालों की क्रॉस एफआईआर पर वकीलों का हंगामा

डीएम-सीपी कार्यालय पर जमकर की नारेबाजी, तीन अधिवक्ताओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, तहसील बंदी की चेतावनी दी

वाराणसी (रणभेरी):  वाराणसी में सोमवार को वकीलों ने पुलिस कमिश्नर (सीपी) कार्यालय से लेकर जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय तक जोरदार प्रदर्शन किया। शिवपुर थाने में 29 अगस्त को दर्ज एफआईआर को लेकर अधिवक्ता आक्रोशित हो गए। यह मामला 27 अगस्त की शाम सदर तहसील परिसर में लेखपालों और वकीलों के बीच हुई हाथापाई से जुड़ा है। घटना के बाद वकीलों ने पहले एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके दो दिन बाद लेखपाल की ओर से भी तीन अधिवक्ताओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

सोमवार को जैसे ही कचहरी खुली, सैकड़ों वकील डीएम पोर्टिको पर एकत्र हो गए। वहां से वे नारेबाजी करते हुए सीपी कार्यालय तक पहुंचे। पुलिस प्रशासन और लेखपालों के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई, जिससे परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मौके पर पुलिस बल तैनात कर हालात काबू में करने का प्रयास किया गया।

लेखपाल शिवश्याम सिंह की तहरीर पर राजनाथ यादव, अभय यादव और जितेंद्र यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि बैनामे के बारे में पूछताछ करने पहुंचे व्यक्ति ने घूस देने की कोशिश की, मना करने पर टेबल पटक दी और लेखपाल की गर्दन दबा दी। उसके साथियों ने भी मारपीट की और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया।

वहीं, वकीलों का कहना है कि यह एफआईआर झूठी और बदले की कार्रवाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वायरल वीडियो में अधिवक्ता के साथ गलत व्यवहार साफ दिख रहा है, फिर भी पुलिस ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की। अधिवक्ताओं ने मांग की कि संबंधित लेखपाल को निलंबित किया जाए और एफआईआर दर्ज करने वाले थानाध्यक्ष को बर्खास्त किया जाए।

वकीलों ने सोमवार को टोकन स्ट्राइक की और चेतावनी दी कि मांगें न मानने पर तहसील में पूर्ण तालाबंदी की जाएगी। इस घटनाक्रम के चलते डीएम और सीपी कार्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।