Kashi Vishwanath Dham: सावन के पहले दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार में आस्‍था की कतार, बोल-बम के जयकारे से गूंज उठी काशी

Kashi Vishwanath Dham: सावन के पहले दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार में आस्‍था की कतार, बोल-बम के जयकारे से गूंज उठी काशी

वाराणसी (रणभेरी): ये महीना बड़ा ख़ास और पावन है। क्योकि शिव भक्तों का सावन आ गया है। बाबा दरबार से लेकर गंगधार तक बाबा का दरबार ही नहीं काशी का कोना कोना हर हर बम बम के उद्घोष में डूबा हुआ है। माना जा रहा है कि पूरे माह भर एक करोड़ से अधिक लोग नव्‍य भव्‍य बाबा दरबार में हाजिरी लगाएंगे और बाबा का जलाभिषेक कर कृतार्थ होंगे। सावन के पहले दिन गुरु पूर्णिमा पर्व के बाद आस्‍थावानों ने गुरु चरणों की वंदना करने के बाद बाबा का दर्शन करना प्राथमिकता दी। गंगाजल लेकर तड़के ही बाबा दरबार की कतार में जुट गए। बाबा दरबार से लेकर गंगधार तक ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते आस्‍थावानों की एक ही मंजिल बाबा दरबार में दर्शन और पूजन की थी। तड़के मंगला आरती के बाद बाबा दरबार में दर्शन का क्रम शुरू हुआ तो दिन चढ़ने तक आस्‍था का सावन काशी में अंगड़ाई लेता नजर आया। सुबह दस बजे तक हजारों आस्‍थावान बाबा दरबार में सावन माह के पहले दिन दर्शन और पूजन कर चुके थे। इस लिहाज से बाबा दरबार में आस्‍था का सावन अब परवान चढ़ने लगा है। 

काशी में दो साल कोरोना वायरस के चलते बंद रही ये यात्रा गुरुवार 14 जुलाई से शुरू हो गयी। इस बार कावड़ियों की संख्या बढ़ने की संभावना है। सावन की शुरुआत के साथ ही कांवड़ियों के आने का क्रम शुरू हो गया है। रेलवे स्टेशन से लेकर गंगा घाटों तक कांवड़िया दिखने लगे हैं। सुबह स्नान के साथ ही कांवड़िया बाबा का जलाभिषेक किया। रेलवे स्टेशन, बस, निजी वाहनों समेत अलग अलग साधनों से सावन के पावन पर्व पर कावड़ियों का जत्था काशी पंहुचा। बता दें कि विभिन्न जिलों से कावड़ियों का अलग-अलग ग्रुप बाबा के दर्शन को हर्षोलास और मन में उमंग लिए काशी पहुंचा। सभी कावड़ सुल्तानगंज से लेकर बाबा बैद्यनाथ तक कावड़ यात्रा करेंगे। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद देवगढ़ के लिए रवाना होंगे। प्रतापगढ़ से आये एक कांवड़िये ने बताया कि सुल्तानगंज से देवगढ़ के लिए पूरी यात्रा पैदल होती है। 

सावन के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के आस पास के इलाके चौक, गोदौलिया, बांसफाटक, मैदागिन, लक्सा, गिरजाघर में बैरिकेडिंग के पुख़्ता इंतजाम किये गए थे। महामृत्युंजय, केदारेश्वर, सारंगनाथ, मारकंडे महादेव मंदिरों में भी तैयारी पूरी हो गई है। वहीं शिवालयों को साफ-सफाई के बाद झालरों और फूलों से सजाया गया हैं। मदार की माला, धतूरा, बेलपत्र आदि की दुकानें भी सजी हुई थी। बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए कांवड़ियों और शिवभक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी। विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए टेंट, मैटिंग, कूलर-पंखे और आरओ वॉटर की सुविधा के साथ सामान रखने की लिए भी लॉकर उपलब्ध कराया गया।