जस्टिस उदय उमेश ललित ने ली मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

जस्टिस उदय उमेश ललित ने ली मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

(रणभेरी): देश के मुख्ययाधीश के रूप में जस्टिस यूयू ललित ने आज शपथ ले ली है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) के पद की शपथ दिलाई हैं। भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में, उदय उमेश ललित ने शपथ ली है। जस्टिस उदय उमेश ललित के सीजेआई के रूप में शपथ लेते वक्त उनके परिवार की तीन पीढ़ियां राष्ट्रपति भवन मौजूद थीं। हालांकि केवल 74 दिनों का होगा। पीठ के मामलों के अलावा, उदय उमेश ललित देश भर में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम का भी नेतृत्व करेंगे। उदय उमेश ललित को अगस्त 2014 में उन्हें एक वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। वह सीजेआई बनने वाले ऐसे दूसरे जज हैं। शपथग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु होने पर सेवानिवृत्त होते हैं। 25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक प्रधान न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह का कार्यकाल 18 दिन था। वहीं, दो मई 2004 से 31 मई 2004 तक सीजेआई के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एस राजेंद्र बाबू का कार्यकाल 30 दिन का था। न्यायमूर्ति जे सी शाह 36 दिन तक प्रधान न्यायाधीश रहे। उनका कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक था।