कौन है शहर में बर्बादी की इबारत लिखने वाला राजेश रूपावत!
*बर्बादी के कगार पर सैकड़ों परिवार, जबकि बर्बाद करने वाले बनते जा रहे करोड़ों के मालिक
*जिला प्रशासन सहित खुफिया तंत्र की विफलता पर भी सवालिया निशान!
वाराणसी (रणभेरी)। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का बुखार देश भर में अपने चरम पर है। आईपीएल के इस खेल में सबसे ज्यादा दिलचस्पी दो तरह के लोगों को है। एक है युवा वर्ग और दूसरा इस युवा वर्ग की बबार्दी की इबारत लिखने वाला सटोरिये। रातों रात करोड़पति बनने का सपना दिखाकर शातिर सटोरियों ने शहर के युवाओं को अपने चंगुल में जकड़ रखा है।
जब-जब सट्टे के गोरखधंधे की बात सामने आती है तो यह सवाल उठता है कि हर बार देश के अलग-अलग जिलों में हजारों युवाओं और सैकड़ो परिवारों को बर्बाद कर सड़क पर लाने वाले इस काले कारोबार के पीछे आखिर कौन होता है? आखिर कौन-कौन से ऐसे चहरे हैं जो पर्दे के पीछे रहकर जिलेवार हजारों घरों को लूटने के बाद सैकड़ों नौजवानों को मौत को गले लगाने के लिए मजबूर कर देते है! क्रिकेट के इस खेल में सट्टा के काले कारोबार के खिलाफ आपके अखबार रणभेरी ने हमेशा आवाज उठाने का काम किया है। हमने पहले भी कई ऐसे चेहरों को बेनकाब किया है जो प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस घिनौने खेल के जरिये युवाओं को बबार्दी के गर्त में धकेलने का कुकृत्य करते रहे है। विशेष सूत्रों के हवाले से आज हमें मायानगरी मुंबई के रहने वाले एक ऐसे कुख्यात सट्टा माफिया के बारे में जानकारी मिली है जिसने पीएम मोदी के वाराणसी में सट्टा के गोरखधंधे की बदौलत शहर के चप्पे चप्पे पर अपना साम्राज्य फैला रखा है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार मुम्बई के कल्याण का रहने वाले उस सट्टा माफिया का नाम राजेश रूपावत है। सूत्र बताते हैं कि राजेश रूपावत वह नाम है जिसने बनारस में आनलाईन आईडी के जरिये इस खेल को संचालित करने का बीज बोया था। आप सोच रहे होंगे कि क्या वह अकेले बनारस में सट्टेबाजी के खेल का शुरूआत किया ! मुंबई के रहने वाले इस शख्स के लिए बनारस में लगभग 1 दर्जन सटोरिये काम करते हैं। सूत्रों के हवाले से सट्टा माफिया राजेश रूपावत के लिए वाराणसी में काम करने वाले लोगों में से चार नाम सामने आ रहे है जो शहर के अलग-अलग हिस्से में राजेश रूपावत के लिए काम करते हैं। मुम्बई में बैठे सट्टा माफिया राजेश रूपावत के लिए काम करने वाले शातिर सट्टेबाजों में मुख्य रूप से चौक थाना क्षेत्र का अमित सर्राफ, मलदहिया क्षेत्र का एक सरार्फा कारोबारी बबलू अग्रवाल, महमूरगंज क्षेत्र का पंकज आर्या, चेतगंज क्षेत्र का कोमल यादव है। बताया जा रहा है कि राजेश रूपावत का मुंबई में बड़े स्तर पर ज्वेलरी का भी कारोबार है। बनारस के युवाओं को रातों रात करोड़पति बनने का सपना दिखाकर इस गोरखधंधे में राजेश रूपावत से नए नए लड़कों को जोड़ने का काम बबलू अग्रवाल और पंकज आर्या ने ही शुरू किया था । सूत्र यह भी बताते हैं कि शुरूआत में राजेश रूपावत के साथ जुड़ने वाले लगभग एक दर्जन युवकों को राजेश रूपावत ने उपहार स्वरूप रॉयल एनफील्ड बांटा था। और उसके साथ जुड़कर जो लोग काम को तेजी से बढ़ाने लगे उन्हें राजेश ने दुबई की शाम और पटाया की रात का भी स्वाद चखाया। धन-दौलत और आलीशान जिंदगी के ख्वाब दिखाकर बनारस के युवाओं को अय्याशी के सारे साधन मुहैया कराने वाले राजेश रूपावत का धीरे-धीरे हर तरफ जाल फैलता गया और आज उसके लिए काम करने वाले लोग जहा एक ओर माला-माल होते जा रहे हैं वहीं हजारों की तादात में युवा व छात्र बर्बाद होते जा याहे हैं हिमाकत तो देखिये कि राजेश रूपावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी अपराध की खेती करने में ना डरा और ना ही पीछे हटा और आज उसके लोग लगातार इस जिंदादिल शहर को खोखला करने में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से लगे हुये हैं।
जिम में हुई दीपक के मौत की क्या थी असल वजह?
बीते मंगलवार को वाराणसी में एक ऐसी घटना हुई जहां पिछले दस सालों से जिम कर रहे युवक की एक्सरसाइज करने के दौरान अचानक मौत हो गई। विदित हो कि पियरी (चेतगंज) निवासी 32 वर्षीय दीपक गुप्ता उर्फ गोलू बीते 10 साल से जिम करता था। रोज की तरह मंगलवार को भी वह सिद्धगिरी बाग स्थित जिम पहुंचा था। वार्मअप के बाद बैठ-बैठे दीपक अचानक जमीन पर गिर पड़ा और तड़पने लगा। वहां मौजूद अन्य युवक और कोच आनन-फानन में उसे लेकर महमूरगंज स्थित अस्पताल भागे। वहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। मौत की वजह ब्रेन हेमरेज बताई गई। दीपक के दोस्तों के मुताबिक वो बीते कुछ दिनों से वह अवसाद में भी था। लेकिन सूत्रों ने जो बताया वह चौकाने वाला था। सूत्रों की माने तो दीपक पिछले कई सालों से सट्टा के कारोबार में लगा हुआ था। सट्टा के काले कारोबार में उसे लेकर आने वाला उसके क्षेत्र का ही सट्टेबाज पंकज आर्या है जिसने अब अपना ठिकाना महमूरगंज में बना लिया है। बताया जा रहा है कि पंकज आर्या के साथ सट्टा के धंधे में उतरने के बाद इन दिनों दीपक की नजदीकियां चेतगंज निवासी कोमल यादव से बढ़ गयी थी। कोमल यादव के साथ सट्टा के धंधे का लेन - देन भी चलता था और वह इन दिनों उसके सारे हिसाब किताब से भी वाकिफ था। सूत्रों की माने तो पंकज आर्या के साथ हिसाब-किताब को लेकर ही इधर बीच दीपक अवसाद ग्रसित था और वही अवसाद उसके ब्रेन हेमरेज का कारण बना। हालांकि की दीपक के मौत की वजह जो भी लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सट्टे की लत ने कई लोगों की जिंदगी ही नहीं छीनी बल्कि पूरे परिवार को तबाह कर दिया।
यूं ही कबतक बर्बाद होती रहेगी जिंदगियां !
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में क्रिकेट सट्टे का धंधा वर्षों से फल-फूल रहा है। सट्टे की लत ने कई युवाओं को जहां मौत को गले लगाने के लिए मजबूर कर दिया तो कई लोगों को फुटपाथ पर लाकर खड़ा कर दिया। शानदार जिंदगी और शानौ-शौकत से जीवन बसर करने वाले कुछ लोगों को सट्टे के शौक ने इस कदर बर्बाद कर दिया की सामाजिक अपमान से बचने के लिए कुछ ने तो खामोशी के साथ दुनिया को ही अलविदा कह दिया। इस काले धंधे पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की कार्रवाई भी मात्र औपचारिकता का हिस्सा बन कर रह जाती है। नतीजतन रोजाना कोई न कोई परिवार इस काले धंधे का शिकार हो कर बबार्दी की राह धकेले जा रहे है। हैरत इस बात की है कि वाराणसी के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यह कहते हुए सुने जाते है कि उनके शासन में भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होगी। अपराधी या तो जेल में होंगे या फिर प्रदेश छोड़ देंगे। तो क्या सट्टेबाजों पर पीएम या सीएम का फरमान लागू नहीं होता। शहर के शातिर सट्टेबाजों ने अपने शिकंजे में वाराणसी को कस कर यह साबित कर दिया है कि उन्हें सरकार का कोई खौफ नहीं है।
गहरी होती जा रही हैं संगठित अपराध की जड़ें
मुख्यमंत्री अपराधियों पर नकेल कसने का चाहे जितना दावा कर लें पूर्वांचल में तो इस संगठित अपराध की जड़े निरंतर गहरी होती जा रही हैं। सट्टे के काले कारोबार से जुड़े लोगों का सिंडिकेट इतना मजबूत है कि आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। शहर में खामोशी से सट्टे का गोरखधंधा करने वालों का कनेक्शन नेपाल, श्रीलंका और दुबई में बैठे बड़े सट्टा माफियाओं से है। सूत्रों की माने तो संगठित रूप से इस अपराध की पौध को सींचने वाले सट्टेबाज सबको साथ लेकर चलते हैं। पुलिस, पत्रकार, नेता और वकील... सबको महंगे-महंगे उपहार देकर सबसे अपने रिश्ते बनाकर रखने के साथ ही सटोरियों का गोरखधंधा फल-फूल रहा है। बहरहाल जीते-जागते सबूतों के बाद भी सट्टेबाजों की ताकत के आगे पुलिस अनजान बनी हुई है। फिर भी मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमारी सरकार कानून व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध है।
क्या छत्तीसगढ़ की तरह वाराणसी में भी सटोरियों को मंच से ललकारेंगे पीएम !
बीते साल अक्टूबर माह में पांच राज्यों के चुनाव के बीच प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में अपनी जनसभा के मंच से ललकारते हुए कहा कि 'आप सभी को कांग्रेस ने विश्वासघात के सिवाय कुछ नहीं दिया है। इन्होंने ने तो महादेव के नाम पर भी घोटाला कर दिया। महादेव सट्टेबाजी घोटाले की चर्चा आज देश-विदेश में हो रही यहां का मुख्यमंत्री कार्यालय सट्टेबाजों का अड्डा बना हुआ था। ये 30 टके कक्का खुलेआम सट्टा चला रहे थे। पीएम के इस जोरदार भाषण से यह तो स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री पूर्ण रूप से सट्टे के धंधे के खिलाफ होकर छत्तीसगढ़ को जनता के सामने कांग्रेस को बेनकाब कर रहे थे। पीएम के बातों से एक बात तो साफ है कि प्रधानमंत्री को युवाओं के भविष्य की चिंता है। वो नहीं चाहते कि देश के युवा सट्टे की लत में अपनी जिंदगी को खोखला करे। लेकिन प्रधानमंत्री के इस भाषण ने उनके ही संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है। दरअसल वाराणसी के युवा सट्टेबाजों के गिरफ्त में है। बनारस के हर चौक-चौराहों पर युवा सट्टा खेलते नजर आएंगे। आईपीएल मैच में युवा हर गेंद पर दांव खेलते है। ऐसे में सवाल ये है की क्या प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के युवा को इस चंगुल से बाहर करने में अपनी भूमिका निभाएंगे ! आगामी 13 मई को प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव का नामांकन करने वाराणसी आएंगे। रोड शो के बाद पीएम जनसभा को भी संबोधित करेंगे, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ की तरह क्या अपने संसदीय क्षेत्र में भी सट्टेबाजों को ललकारेंगे ! अगर पीएम ऐसा करते है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि बनारस के कई युवाओं की जिंदगी बर्बाद होने से बच जाएगी।