सभी 21 परमवीर चक्र विजेताओं के लिए "इंडिया फर्स्ट" एकमात्र संकल्प: पीएम मोदी
(रणभेरी): नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (23 जनवरी) पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया है। साथ ही उन्होंने नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण किया। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, “अंडमान ऐसी भूमि है जिसके आसमान पर पहली बार तिरंगा लहराया था। इस धरती पर पहली आजाद भारतीय सरकार का गठन हुआ था। अंडमान की धरती पर वीर सावरकर और उनके जैसे कितने ही वीरों ने देश के लिए तप तितीक्षा और बलिदान की पराकाष्ठा को छुआ था।”
पीएम मोदी ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों को नाम दिया। इन द्वीपों का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और कैप्टन (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, द्वितीय लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, मेजर शैतान सिंह, कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हामिद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडेय , सूबेदार मेजर संजय कुमार और सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव (सेवानिवृत्त) सहित 21 परम वीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया है।
इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, आज प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल के तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े द्वीपों को हमारे परम वीर चक्र विजेताओं के नामों के साथ जोड़ा गया है और जब तक यह धरती रहेगी, उनकी स्मृति को बनाए रखने का प्रयास सेना के उत्साह को बढ़ाएगा। शाह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व में लिए गए सभी निर्णय निश्चित रूप से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के जुड़ाव को स्वीकार करते हैं और उसकी सराहना करते हैं। वहीं प्रधानमंत्री ने इस मौक पर अपने संबोधन में कहा, अंडमान की ये धरती वो धरती है जहां पहली बार तिरंगा फहराया गया था। जहां पहली बार स्वतंत्र भारत की सरकार बनी। आज नेताजी सुभाष बोस की जयंती है। देश इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाता है। मोदी ने कहा, वीर सावरकर और देश के लिए लड़ने वाले कई अन्य नायकों को अंडमान की इस भूमि में कैद कर दिया गया था। 4-5 साल पहले जब मैं पोर्ट ब्लेयर गया था, तब मैंने वहां के 3 मुख्य द्वीपों को भारतीय नाम समर्पित किए थे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, जिन 21 द्वीपों को आज नए नाम मिल गए हैं, उनके नामकरण में कई संदेश निहित हैं। संदेश एक भारत, श्रेष्ठ भारत का है; यह संदेश हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी का है। मोदी ने कहा, सभी 21 परमवीरों का एक ही संकल्प था 'इंडिया फर्स्ट'। उन्होंने आगे कहा, आज इन द्वीपों के नामकरण से उनका संकल्प सदा के लिए अमर हो गया है। अंडमान की क्षमता बहुत बड़ी है। पिछले 8 सालों में देश ने इस दिशा में लगातार प्रयास किए हैं।उन्होंने कहा, दशकों तक देश की क्षमता को कम करके आंका गया। लेकिन अब भारत को आधुनिक विकास की ऊंचाइयों को छूने में सक्षम देश के रूप में देखा जा रहा है। भारत के द्वीप दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं। लेकिन पहले इस क्षमता को पहचाना नहीं जाता था, कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी।