भदोही में यूपी सरकार नेमप्लेट की कार राजधानी एक्सप्रेस से टकराई, कार के परखच्‍चे उड़े

भदोही में यूपी सरकार नेमप्लेट की कार राजधानी एक्सप्रेस से टकराई, कार के परखच्‍चे उड़े

(रणभेरी): वाराणसी- लखनऊ रेलखंड के मध्य सुरियावां -सरायकंसराय रेलवे स्टेशन के बीच स्थित पट्टीबेजांव समपार शुक्रवार की देर रात बूम तोडते हुए कार राजधानी एक्सप्रेस से टकरा गई। जिसमें कार के परखच्चे उड़ गए। गनीमत ये रही कि कार में सवार लोगों को कुछ नहीं हुआ। इस हादसे में चार लोग बाल-बाल बच गए लेकिन कार के परखचे उड़ गए। कार में उत्तर प्रदेश सरकार का नेमप्लेट भी लगा है।

वाराणसी -लखनऊ रेलखंड के मध्य स्थित पट्टीबेजांव समपार (गेट संख्या 43 सी) से शुक्रवार की रात 11:35 बजे नई दिल्ली से चलकर वाया वाराणसी होते हुए डिब्रूगढ़ जाने वाली (डाउन/20504) राजधानी एक्सप्रेस गुजर रही थी। गेटमैन लालचंद मौर्य के अनुसार उसी दौरान अभिया की की ओर से आ रहीं कार (यूपी-65 EF8803) में सवार लोग रेल फाटक बंद होने के बाद भी कार आगे बाढ़ने लगे उन्हें रोकने की कोशिश की गयी, लेकिन गेट तोड़ते हुए रेल ट्रैक पर पहुंच गई। उसी दौरान गुजर रही ट्रेन की चपेट में आने से कार के परखचे उड़ गए। गेटमैन के दावे अनुसार कार में सवार लोग नशे की हालत में दिख रहे थे। हादसे के दौरान गिट्टी का एक टुकड़ा उड़ कर गेटमैन को भी लगा है जिसकी वजह से गेटमैन के सर और पैर में चोट आयी है। कार के सामने उत्तर प्रदेश सरकार की नेमप्लेट रखी है और पीछे भी उत्तर प्रदेश सरकार लिखा था। इससे यह साफ जाहिर होता कार किसी सरकारी अधिकारी या ऑफिस से सम्बंधित है।

राजधानी एक्सप्रेस से टकराकर कार इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है कि कार का इंजन बॉडी से निकलकर पूरी तरह बिखर गया है। हादसे को देखर यह सवाल उठ रहा है कि कार में सवार सभी लोग सुक्षित कैसे बच गए। गेटमैन लालचंद मौर्या का दावा है कि कार में सवार लोगों को रोकने की कोशिश की गई लेकिन वह फाटक तोड़कर आगे बढ़ने लगे। कार में तीन से चार लोग सवार थे।

गेटमैन ने बताया कि रात में ही घटना की सूचना रेल अफसरों को दे दी गई थीं। अफसरों ने घटनास्थल का दौरा भी किया है। घटनास्थल का दौरा करने वालों में पीडब्ल्यूआई विक्की यादव और विमल कुमार और टीआर डी इंचार्ज शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से ट्रेनों का परिचालन काशन देकर चलाया जा रहा है। रेल फाटक पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर नजर रेल पुलिस बल को लगा दिया गया। घटना स्थल पर तैनात आरपीएफ उपनिरीक्षक सियाराम ने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस से कार के टकराने की वजह से यह हादसा हुआ। लेकिन हादसे में किसी की जान नहीं गयी है।

राजधानी एक्सप्रेस से टकरायी कार को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं कि  कार में सवार लोग कैसे बच गए। कहा गया है कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोय...। लेकिन घटना स्थल पर मौजूद लोग और सूत्रों का दावा है कि हादसे में कुछ तथ्य छुपाए जा रहे हैं। शुक्रवार को समापर की खुदाई की गयी थी। जिसकी वजह से समपार को पूरी तरह से गिट्टी और कोलतार से भरा नहीं गया था। रात में कार गुजरते वक्त रेल ट्रैक में फंस गयी। उसे निकालने की कोशिश की गयी लेकिन उसी दौरान राजधानी एक्सप्रेस के गुजरने की वजह से हादसा हो गया। जबकि हादसे से पूर्व कार सवार सभी लोग उतर गए और तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से कार ध्वस्त हो गयी। सवाल उठता है कि अगर ऐसी बता रही तो गेटमैन ने ट्रेन को रोकने की सूचना क्यों नहीं दी। हालांकि गेटमैन लालचंद मौर्या का दावा है कि निर्माण कार्य के बाद ट्रैक को दुरुस्त कर दिया गया था। उसमें कार कार फंसने का सवाल ही नहीं होता है। इस संबंध में जिम्मेदार रेल अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।