अस्सी घाट पर अवैध स्टैंड, पार्किंग और अतिक्रमण का बाजार

अस्सी घाट पर अवैध स्टैंड, पार्किंग और अतिक्रमण का बाजार
  • सुबह से लेकर देर रात तक घाट की ओर जाने वाली गली और मुख्य मार्ग पर रहता है गाड़ियों का जमावड़ा
  • सड़कों पर ही सजती है दुकान, सबकुछ जानकर भी जिम्मेदार बने है अंजान

वाराणसी (रणभेरी): प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस अस्सी घाट पर फावड़ा चलाकर पूरे देश को स्वच्छता का संदेश दिया था उसके बाद अस्सी घाट की सूरत ही बदल गई। अस्सी घाट पर देश के अलग-अलग हिस्सों से हर रोज सैकड़ों पर्यटक घूमने के लिए आते है। काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद पर्यटकों के संख्या में काफी इजाफा भी हुआ है। जो भी लोग विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन करने को आते है वो भला अस्सी घाट पर आना कैसे भूल सकते। अस्सी क्षेत्र पीएम के संसदीय क्षेत्र की हृदयस्थली मानी जाती है और उसमें भी अस्सी घाट हमेशा से लाइमलाइट में रहता है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब अस्सी पर प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी और मंत्री नहीं आते हो। पर वहीं अस्सी घाट आज गलत कार्यों का अड्डा बन चुका है। अतिक्रमण, अवैध स्टैंड और सड़कों पर पार्किंग से जहां अस्सी घाट की सुंदरता खराब हो रही वहीं दूर दराज से आए पर्यटकों को भी इसके वजह से दुष्वारियों का सामना करना पड़ता है। अवैध स्टैंड और अतिक्रमण से हर रोज अस्सी घाट और नगवां की ओर जाने वाले रास्तों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जाम के कारण जहां पर्यटकों को भी दुष्वारियों का सामना करना पड़ता है वहीं स्थानीय लोग भी अतिक्रमण और अवैध स्टैंड के कारण लगने वाले जाम के झाम से त्रस्त है। अस्सी घाट पर खुलेआम अवैध वाहन स्टैंड चल रहा है। जगह जगह सड़को पर अतिक्रमण कर दुकान सजा दिए गए है। 

स्थानीय सूत्रों के अनुसार पुराने अस्सी घाट जाने वाली गली में और सुबह-ए-बनारस  मंच के ऊपर सड़क पर अवैध वाहन स्टैंड बनाकर रोजाना हजारों की वसूली की जा रही है। पुराने अस्सी घाट जाने वाली लगभग तीन सौ मीटर लंबी गली में दोनों तरफ सैकड़ों दोपहिया वाहन रोज खड़े रहते हैं, जिससे घाट पर जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहाँ बाइक खड़ी करने के लिए 10 से 20 और कार खड़ी करने के लिए 50 से 100 रुपए तक वसूले जाते हैं। वाराणसी नगर निगम की ओर से अस्सी घाट के किनारे पर एक वाहन स्टैंड बनाया गया है लेकिन उसमें जगह के अभाव के कारण लोगों को अपनी गाड़ियां इधर उधर खड़ी करनी पड़ती है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में कई अवैध स्टैंड धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं पर नगर निगम अंजान है। अवैध स्टैंड संचालक मनमाना रूपया वसूलते हैं पर कोई बोलने वाला नहीं। मनमाने वसूली के कारण आये दिन यहां स्टैंड संचालकों और जनता के बीच कहासुनी होती रहती है। बता दें कि आये दिन अस्सी घाट पर बड़े कार्यक्रम का आयोजन होता रहता हैं जिसमें देश की बड़ी हस्तियों का आना-जाना भी लगा रहता है। 

अस्सी घाट आने-जाने वालों को हर रोज हो रही परेशानियों से न तो नगर निगम को मतलब है न ही स्थानीय प्रशासन को। ऐसा लगता मानों सरकारी विभाग इन स्टैंड संचालकों, अतिक्रमणकारियों के आगे कुछ भी कार्रवाई करने में असमर्थ है। सूत्रों ने बताया कि नगर निगम की ओर से अस्सी घाट पर जो स्टैंड आवंटित है उसका संचालन भी कोई और कर रहा। मतलब की स्टैंड किसी और के नाम का और संचालनकर्ता कोई और। सूत्रों की माने तो इसके अलावा भी कई अवैध स्टैंड यहां संचालित होते हैं जिससे विभागों के कर्मचारियों द्वारा वसूली की जाती है। बीते शनिवार को जिले के युवा समाजसेवी रघुकुल यथार्थ ने भी इस समस्या पर आवाज उठाते हुए अपर नगर आयुक्त को अवैध स्टैंड के खिलाफ कार्यवाही करने को पत्र सौंपा था लेकिन आजतक कोई झांकने तक नहीं गए। बता दें कि अस्सी घाट पर स्थानीय पुलिस चौकी के तीन-चार सिपाही की हर रोज डयूटी लगती है। 

भेलूपुर सर्कल के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी हमेशा आते जाते रहते है बावजूद इसके किसी का ध्यान अवैध स्टैंड और सड़कों पर खड़ी बेतरतीब गाड़ियों की वजह से आमजन को हो रही परेशानियों की तरफ नहीं जाता। जिम्मेदार अधिकारियों के आंख के सामने अवैध कार्य हो रहे है पर सभी अंजान है। आखिर क्या कारण है कि सभी जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं ! नगर निगम और पुलिस के सामने अवैध स्टैंड चल रहे, सड़को पर अतिक्रमण फैला पर कोई कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते। इसका सीधा अर्थ है कि जिम्मेदारों को आमजन की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है ! जिम्मेदारों की खामोशी यही बताती है कि उनके ही सह पर अवैध काम हो रहा है ! वरना प्रशासन चाह ले तो किसकी मजाल जो गलत काम करने के बारे में सोचे भी। अपर नगर आयुक्त से इस संबंध में जानकारी लेने का प्रयास किया गया पर उनका फोन नहीं उठा। नगर आयुक्त से भी बात करने की कोशिश की गई पर किन्हीं कारणों से संपर्क नहीं हो सका।