त्योहारों के मौसम में बढ़ेगी मांग तो गहरा सकता है बिजली संकट, जाने क्यों?

त्योहारों के मौसम में बढ़ेगी मांग तो गहरा सकता है बिजली संकट, जाने क्यों?

(रणभेरी): बिजली की मांग बढ़ने और कोयले के गहराते संकट के चलते आने वाले दिनों में बिजली गुल हो सकती है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को 90 से ज्यादा पावर प्लांट के पास चार दिन से कम कोयला भंडार है। वहीं 16 पावर प्लांट ऐसे हैं, जिनके पास फौरन कोयला नहीं पहुंचा तो किसी भी वक्त उत्पादन बंद करना पड़ सकता है।

सीईए की बिजली संयंत्रों के लिए कोयला भंडार पर चार अक्तूबर की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 संयंत्रों के पास एक दिन, 20 के पास दो दिन, 14 के पास तीन दिन और 16 संयंत्रों के पास चार दिन का कोयला उपलब्ध है। इसके अलावा 8 बिजली उत्पादन संयंत्रों के पास पांच दिन, 8 संयंत्रों के पास छह दिन और एक संयंत्र के पास सात दिन का कोयला उपलब्ध है। किसी भी संयंत्र के पास आठ दिन का स्टॉक नहीं है।

135 बिजली संयंत्रों में 7717 हजार टन कोयला भंडार

चार अक्तूबर को 135 बिजली संयंत्रों में कुल 7717 हजार टन कोयला का भंडार है। यह भंडार सिर्फ चार दिन के लिए पर्याप्त है। सरकार की दलील है कि दो-तीन दिन में कोयले की आपूर्ति कर दी जाएगी। पर पिछले दिनों में कोयला की उपलब्धता के आंकड़े बताते हैं कि बिजली संयंत्रों के पास कोयला लगातार कम हो रहा है। बिजली संयंत्रों के पास दो अक्तूबर को 7928 हजार टन कोयला था। जबकि तीन अक्तूबर को 7809 हजार टन कोयला था।

कई बिजली संयंत्रों को बंद करना पड़ा;

कोयला संकट की वजह से कई बिजली संयंत्रों को बंद करना पड़ा है। कोयला की खपत कम करने के लिए कई बिजली संयंत्रों को कम क्षमता पर चलाया जा रहा है। बिजली संयंत्रों को कोयला की आपूर्ति सामान्य होने की जल्द कोई संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में आने वाले वक्त में बिजली की मांग बढ़ने और उत्पादन कम होने से संकट और गहरा सकता है।

खदानों को बंद करने की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा

कोयला मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वह तीन प्रमुख पहलुओं- संस्थागत संचालन व्यवस्था, लोग और समुदाय तथा पर्यावरण सुधार एवं न्यायसंगत बदलाव के सिद्धांतों पर भूमि के पुन: उपयोग-के आधार पर खान को बंद करने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। किसी खदान को बंद करने की प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब संबंधित खदान के परिचालन का चरण समाप्त हो रहा होता है या हो गया है। कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि वह इस कार्यक्रम में सहायता के लिए विश्व बैंक के साथ परामर्श कर रहा है। विश्व बैंक के पास विभिन्न देशों में खदान बंद करने के मामलों को संभालने का व्यापक अनुभव है। यह हमारे लिए फायदेमंद है और खदान बंद करने के मामलों को संभालने में बेहतर गतिविधियों और मानकों को अपनाने में मदद करेगा।

उत्पादन बढ़ाकर ऊर्जा मांग को पूरा करने की कोशिश

मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल देश का कोयला क्षेत्र कोयला उत्पादन बढ़ाकर देश की ऊर्जा मांग को पूरा करने की पूरी कोशिश कर रहा है। साथ ही यह पर्यावरण और खदानों के आसपास रहने वाले समुदाय की देखभाल पर जोर देने के साथ सतत विकास का रास्ता अपनाने की दिशा में भी विभिन्न पहल कर रहा है। हालांकि, कोयला क्षेत्र व्यवस्थित खदान बंद करने की अवधारणा के लिए अपेक्षाकृत नया है। खदान बंद करने के दिशा-निर्देश पहली बार 2009 में पेश किए गए थे। इसे 2013 में फिर से जारी किया गया और अभी भी विकसित हो रहा है।