Hot Air Balloon and Boat Festival: एडवेंचर के हैं शौकीन तो फटाफट पहुंचें बनारस, हॉट एयर बैलूंस से देखे काशी का नज़ारा

Hot Air Balloon and Boat Festival: एडवेंचर के हैं शौकीन तो फटाफट पहुंचें बनारस, हॉट एयर बैलूंस से देखे काशी का नज़ारा

वाराणसी (रणभेरी): शिव की नगरी काशी में आजकल आयोजनों की बहार है। दो दिन पहले गंगा विलास क्रूज को रवाना किया गया। साथ ही गंगा पार भव्य टेंट सिटी का लोकार्पण हुआ। अब पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार सुबह हॉट एयर बैलूंस शो और बोट फेस्टिवल की शुरुआत हुई। पहली बार हो रहे बोट फेस्टिवल के लिए दशाश्वमेध घाट से राजघाट तक रेसिंग ट्रैक तैयार किया गया है। यह रेसिंग ट्रैक 3 किमी. का है। 12 नाविकों की टीम रेस में हिस्सा ले रही है। यह रेस 4 दिनों तक चलेगी। सबसे ज्यादा पाइंट लाने वाली टीम को दो लाख रुपए इनाम स्वरूप मिलेंगे।अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं और पहले कभी वाराणसी नहीं आए हैं, तो ये अच्छा मौका है। हॉट एयर बैलून और बोट रेस देखने का शानदार मौका है।

हॉट एयर बैलून में सैर की कीमत

एयर बैलून की सैर के लिए 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। हर बैलून में 30 लोगों के यात्रा करने का इंतजाम किया गया है। जबकि रस्सी से बंधे बैलून में एक दिन में 300 पर्यटक शिव नगरी काशी को निहार सकेंगे। 500 रुपए में आप पूरे 45 मिनट हॉट एयर बैलून राइड ले सकेंगे। इस हॉट एयर बैलून के जरिए टूरिस्ट्स 5 से 7 किलोमीटर तक का सफर आसमान में कर पाएंगे। बैलून के लिए गंगा पार डोमरी गांव को बेस बनाया गया है। पर्यटक डोमरी से BHU के कमच्छा स्थित सीएचएस या एंफीथियेटर मैदान के लिए उड़ान भरेंगे। 

इससे पहले हॉट एयर बैलूंस शो का आयोजन किया गया। इमसें 10 बैलूंस ने सेंट्रल हिंदू स्कूल कैंपस से उड़ान भरी। यह बैलूंस गंगा पार करके प्राचीन घाटों और मंदिरों का एरियल व्यू का दर्शन कराते हुए चंदौली तक गए। इनमें 30 देशी-विदेशी पर्यटकों ने सैर की। 1500 फीट की ऊंचाई तक बैलूंस ने उड़ान भरी। मौसम साफ होने की वजह से सुबह विजिबिलिटी 500 मीटर तक रही है। हालांकि अब इसकी सैर केवल अधिकारी और SCO देशों के प्रतिनिधि ही कर पाएंगे। आम लोगों को इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है।

उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने कहा, "पहले हॉट एयर बैलूंस से सैर का टिकट 500 रुपए रखा था। मगर, ज्यादा डिमांड होने पर इसे लिमिटेड कर दिया गया। अब सिर्फ SCO की कांफ्रेंस में आए मेंबर्स और अफसरों को ही बैलूंस में उड़ान की अनुमति है। आम पब्लिक सिर्फ इसका नजारा ले सकती है।" इंग्लैंड से आए एंजेल ने कहा कि बनारस को ऊंचाई से देखाना अमेजिंग हैं। खासकर गंगा के ऊपर से उड़ना बेहद शानदार रही। वाराणसी में आज की सुबह कुछ अलग है। गंगा और सनराइज काफी अच्छा रहा। गंगा, लंदन की टेम्स नदी से पांच गुना ज्यादा बड़ी है। वहीं, एक अन्य पर्यटक ने कहा कि काशी को 1500 फीट की ऊंचाई से देखना किसी सपने से कम नहीं है।

वाराणसी में बैलून शो के बाद बोट फेस्टिवल शुरू हो चुका है। पहली बार, दशाश्वमेध घाट से राजघाट तक रेसिंग ट्रैक तैयार किया गया है। इसी पर 12 नाविकों की टीम रेस में हिस्सा ले रही है। यह रेस 4 दिनों तक चलेगी। सबसे ज्यादा पाइंट लाने वाली टीम को पौने दो लाख रुपए इनाम स्वरूप मिलेंगे।बोट रेस में हिस्सा लेने वाली टीमों के मेंबर काशी के स्थानीय नाविक ही हैं। इनके नाम हैं- नाविक सेना, नौका सवार, भागीरथी सेवक, घाट रक्षक, गंगा वाहिनी, जल योद्धा, गंगा लहरी, गंगा पुत्र, काशी लहरी, गौमुख दैत्य, काशी रक्षक, और जल सेना। बोट रेस की उन्हें पूरी ट्रेनिंग दी गई है।इस 4 दिवसीय खेल प्रतियोगिता के लिए एक नई नियम पुस्तिका बनाई गई है। प्वाइंट सिस्टम के द्वारा रखा गया है। यानी कि सभी टीमें पाइंट हासिल करने के लिए हर दिन एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी। जिस टीम को सबसे ज्यादा पाइंट मिलेंगे, वही टीम इस रेस की विजेता होगी। चैंपियंस को 1.75 लाख रुपए का इनाम भी घर ले जाने को मिलेगा।दशाश्वमेध घाट से शुरू होकर राजघाट तक इस रेसिंग ट्रैक की कुल लंबाई 3 किलोमीटर का है। वाराणसी की ट्रैडीशनल बोट्स 15 फीट लंबी होती हैं। इनकी पतवार 4 फीट लंबी होती है। इसकी कमान कप्तान के हाथों में होगी। 4 दूसरे नाविक इसका संचालन करेंगे।