टारगेट किलिंग के बीच गृहमंत्री शाह की बड़ी बैठक शुरू, लिया जा सकता है बड़ा फैसला

टारगेट किलिंग के बीच गृहमंत्री शाह की बड़ी बैठक शुरू, लिया जा सकता है बड़ा फैसला

(रणभेरी): जम्मू कश्मीर में इन दिनों तनाव का माहौल है। कश्मीरी पंडितों और गैर स्थानीय लोगों पर हमले हो रहे है। लगातार टारगेट किलिंग की घटनाएं हो रही हैं। घाटी में हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। बीते 26 दिन में 10 लोगों की हत्या आतंकी कर चुके हैं। आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग के खिलाफ कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक पलायन की बात कही है। इन्हीं हालातों के बीच आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश की सुरक्षा को लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। टारगेट किलिंग से बिगड़ रहे हालात को संभालने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने अब खुद मोर्चा संभाल लिया है। इससे पहले गुरुवार को हालात के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बात की है।

बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी शामिल होंगे। जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर पिछले 15 दिनों के अंदर ये दूसरी बैठक होने जा रही है।बैठक में कश्मीर में हो रही हत्याएं से लेकर जून के अंत में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा होगी। पिछली बैठक के दौरान गृहमंत्री ने आतंकवाद रोधी अभियानों पर विशेष जोर दिया था। आतंकियों ने पिछले 22 दिनों में 8 टारगेट किलिंग को अंजाम देकर घाटी में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। माना जा रहा है कि टारगेट किलिंग को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से कोई बड़ा फैसला आ सकता है। 
  
जम्मू के जगती टाउनशिप में माता खीर भवानी अस्थान ट्रस्ट जगती ने हाल ही में कहा है कि वे इस बार क्षीर भवानी मेले में नहीं शामिल होंगे। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से खास कर कश्मीर पंडितों से भी खीर भवानी मेले में नहीं जाने की आह्वान किया है। अस्थान ट्स्ट का कहना है कि कश्मीर में लगातार कश्मीरी पंडितों एवं अन्य निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और सरकार अल्पसंख्यक कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि उन्हें घाटी से बाहर तैनात किया जाना चाहिए। 

घाटी में पीएम पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडित 12 मई से कश्मीर से बाहर तैनाती के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, शिक्षक रजनी बाला की हत्या के बाद अन्य अल्पसंख्यक भी घाटी से बाहर ट्रांसफर की मांग के लिए लामबंद हो गए हैं। इससे पहले गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में इलाकाई ग्रामीण बैंक के मैनेजर की हत्या के 12 घंटे के भीतर आतंकियों ने देर रात बडगाम जिले में दो गैर कश्मीरियों पर हमला किया। इसमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे की हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है।दो दिन पहले ही आतंकियों ने कुलगाम में ही हिंदू शिक्षिका रजनीबाला की हत्या की थी। बीते तीन दिन में आतंकियों ने हिंदुओं पर तीन हमले किए हैं जिनमें तीन जान गई हैं। एक महीने में आतंकियों ने 10 लक्षित हत्याएं की हैं। इनमें तीन गैर मुस्लिम सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। हालात के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सक्रिय हैं और उन्होंने स्थितियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बात की है।

इन घटनाओं से दहशत में आए लगभग तीन हजार से अधिक सरकारी मुलाजिमों ने घाटी छोड़ दी है। इनमें पीएम पैकेज के तहत नियुक्त कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के अलावा रिजर्व कैटेगरी में नियुक्त सरकारी शिक्षक शामिल हैं। घाटी छोड़ने वाले मुलाजिमों ने जम्मू में प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन कर सरकार से कश्मीर के बाहर उनकी तैनाती करने की मांग की।