पूर्व उप परिवहन आयुक्त के गुर्गे ने मांगी रंगदारी 

पूर्व उप परिवहन आयुक्त के गुर्गे ने मांगी रंगदारी 
  • बर्खास्त एआरटीओ आरएस यादव के केस से नहीं हटने पर दी धमकी

  • 03 वर्ष जेल में रह चुका है एआरटीओ आरएस यादव

  • ट्रांसपोर्टर प्रमोद सिंह की शिकायत पर लालपुर-पांडेपुर थाने में दर्ज हुआ मुकदमा 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। भष्टाचार के आरोप में बर्खास्त व चंदौली में तैनात रहे एआरटीओ आरएस यादव के नाम पर अमित मौर्या नामक व्यक्ति ने पूर्वाचल ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह से रंगदारी मांगी है। प्रमोद ने गुरुवार को लालपुर पांडेयपुर थाने में अमित के खिलाफ रंगदारी, जबरन वसूली और धमकी देने का केस दर्ज कराया है, आरोप है कि अमित ने आरएस यादव के केस में गवाही न देने की धमकी दी और केस से नहीं हटने पर प्रति माह एक लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी। तहरीर के मुताबिक आरएस यादव के खिलाफ थाना कोतवाली (चन्दौली) और उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी में दर्ज एफआईआर के प्रमोद सिंह प्रमुख गवाह है। इसी केस में आरएस यादव तीन वर्ष जेल में भी रहा। वर्तमान में वाराणसी के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में केस चल रहा है। जिसमें प्रमोद पैरवी कर रहे हैं। प्रमोद का आरोप है कि अमित मौया कई बार घर आया। मुकदमे की पैरवी बंद करने को कहा, लालच दिया कि अगर तुम मुकदमे से हट जाओगे तो आरएस यादव एक करोड रुपए तुम्हें देगा। प्रमोद सिंह आरोप लगाया कि अमित मौर्य ने बोला कि ऐसा न करने पर अपने समाचार पत्र में खबर छापकर छवि खराब करने की धमकी दी है।

  • पूर्व डी.टी.सी. ए. के.सिंह का गुर्गा है अमित मौर्या 

विदित हो कि लगभग 6 माह पूर्व वाराणसी जोन के तत्कालीन उप परिवहन आयुक्त ए. के. सिंह का जनपद चंदौली से 30 लाख रुपए महीना ओवरलोड ट्रकों के जरिये वसूली का ऑडियो वायरल हुआ था। यही नहीं ए. के. सिंह द्वारा अपने कार्यकाल में न केवल जमकर ओवरलोड ट्रकों का संचालन कराकर अवैध वसूली की गई बल्कि सरकार को कई करोड़ रूपये के राजस्व की हानि भी पहुचायी गयी। विभागीय सूत्र यह भी बताते हैं कि ए. के. सिंह के द्वारा अपने अवैध वसूली में बाधा बनने वाले अधिकारियों के खिलाफ दबाव बनाने के लिए ही अमित मौर्य जैसे पत्रकारों को दत्तक पुत्र की उपाधि देकर पाला गया है। यदि कोई अधिकारी ए. के. सिंह की बात नही मानता था उसके खिलाफ ए. के. सिंह के सह पर अमित मौर्या द्वारा फर्जी खबरें चलाई जाती थी। ए. के. सिंह और अमित मौर्य के निजी संबंधों का एक ऑडियो रणभेरी के पास भी उपलब्ध है। जिसमे ये दोनो व्यक्ति आपस में लेन-देन की बात कर रहे है। खुद अमित मौर्या के द्वारा एक अधिकारी से कहा जा रहा है कि कैसे जोनल अधिकारी ए. के. सिंह द्वारा  हर एक जिले से उसके लिए महिना तय किया गया है। जिससे यह साबित होता है कि अमित मौर्या नामक तथाकथित पत्रकार असल में भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे वाराणसी के तत्कालीन उप परिवहन आयुक्त ए. के. सिंह का पाला हुआ गुर्गा है। 

  • भोर में घर पहुंचा, घटना सीसीटीवी में कैद...

ट्रांसपोर्टर के अनुसार आरोपित अमित मौर्य बुधवार को भोर में उनके आवास पर पहुंचा। गेट बंद था। गाली देते हुए धमकी दी कि दो दिन में पैसा नहीं दिये तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना। गेट से अपने समाचार पत्र की दो प्रतिया फेंकी और चला गया। घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद है। वह कई महीने से हाट्सएप नंबर से परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ ही पीएम और सीएम खिलाफ अभद्र वीडियो भेज रहा है। कहता। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

  • मेरे पास कई लड़कियां, झूठे केस में फंसा दूंगा

प्रमोद सिंह ने आरोप लगाया कि अमित मौर्या ने लड़कियों के केस में भी फंसाने की धमकी दी। कहा कि  मेरे पास कई लड़कियां हैं। उनके जरिये झूठे केस में फंसा दूंगा। उन्होंने कहा है कि अमित मौर्या का पेशा संगठित गिरोह बनाकर ब्लैकमेलिंग करना है। जो व्यक्ति पैसा नहीं देता है, उसके खिलाफ खबरें निकाल कर सोशल मीडिया पर वायरल कर बदनाम करने की साजिश रचता है।

  • अपराधी पर कार्यवाही अपराधी के बॉस के ऊपर "दया" कैसी ?

6 माह पूर्व 30 लाख रूपये महीना वसूली का ओडियो वायरल होने के बाद ए के सिंह के ऊपर अभियोग दर्ज होने के संभावना पर विभागीय उच्चाधिकारियों के द्वारा ए के सिंह को लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया परंतु उनके ऊपर बेहद गंभीर आरोप होने के बावजूद किसी प्रकार की कार्यवाही आज तक नही की गयी। 

भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के अगले अंक में भ्रष्ट अधिकारियों के अवैध कमाई  से अर्जित संपत्ति का विवरण साक्ष्य के साथ पढ़ने के लिए बने रहें रणभेरी के साथ।