दुर्गाष्टमी पर झमाझम बारिश से काशी पानी-पानी, कीचड़ से होकर पंडाल तक पहुंचे श्रद्धालु ; कटी बिजली

दुर्गाष्टमी पर झमाझम बारिश से काशी पानी-पानी, कीचड़ से होकर पंडाल तक पहुंचे श्रद्धालु ; कटी बिजली

वाराणसी (रणभेरी): दुर्गाष्टमी की शाम पांच बजे से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने काशी को देर रात तक तर-बतर कर दिया। गरज-चमक के साथ हुई 50 मिमी से अधिक वर्षा ने सड़कों को नाले में बदल दिया। बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के बाहर तीन फीट तक पानी भर गया, वहीं कई इलाकों में बिजली गुल रही।

दो फीट पानी, दीवार गिरी – तीन बाइक दब गईं

ईश्वरगंगी पोखरे के पास लोटादास मठ की 20 फीट ऊंची दीवार बारिश के चलते ढह गई। मलबे में तीन बाइक दब गईं। जैतपुरा थाना प्रभारी बृजेश मिश्र ने बताया कि सौभाग्य से जनहानि नहीं हुई है। नगर निगम को सूचना दी गई है।

पंडालों में पानी और कीचड़

तेज बारिश से दुर्गा पूजा पंडालों के बाहर डेढ़ फीट तक पानी भर गया। श्रद्धालुओं को कीचड़ से होकर पंडालों तक पहुंचना पड़ा। शिवपुर मिनी स्टेडियम पर बने 100 फीट ऊंचे पंडाल के बाहर फिसलन और पानी से लोग बच-बचकर चलते दिखे। कई जगहों पर भीड़ भी कम रही। कैंट, नदेसर, भोजूबीर, चेतगंज और मंडुआडीह के पंडालों के बाहर कीचड़ हो गया।

मौसम ने दिखाया करवट

दिन भर की धूप और उमस के बाद शाम को अचानक तेज बारिश हुई। न्यूनतम तापमान 25.5 और अधिकतम 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की नमी 91% तक पहुंची और बौछारों से मौसम सुहाना हो गया।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

यूपी मौसम केंद्र के डॉ. अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र से पूर्वी यूपी में अक्टूबर के पहले हफ्ते तक बारिश की संभावना है। मानसून पश्चिमी यूपी से विदा हो चुका है, लेकिन पूर्वी यूपी में फिलहाल बरसात जारी रह सकती है।

काशी में सामान्य से ज्यादा बरसात

इस साल मानसून के दौरान यूपी में कुल 701.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 6% कम है। पूर्वी यूपी में 17% कम वर्षा दर्ज हुई, लेकिन वाराणसी में औसत से 15% ज्यादा 929.9 मिमी पानी बरसा। नवरात्र के दौरान इस साल दो बार बारिश हुई – 27 सितंबर और 30 सितंबर को।

पांच साल में यह दूसरा मौका है जब अष्टमी पर काशीवासियों को झमाझम बारिश का सामना करना पड़ा। तेज बारिश से शहर की सड़कें जलमग्न, पंडालों में फिसलन और बिजली की दिक्कतों ने भक्तों की भक्ति में खलल डाला।