धार्मिक भावनाएं आहत करने और शिवलिंग की पूजा-अर्चना मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग पर अदालत में हुई सुनवाई
वाराणसी (रणभेरी): ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने के बाद वजू करने से हिंदू धर्म की भावना आहत करने पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों पर केस दर्ज करने की मांग और श्री आदि विश्वेश्वर की पूजा-पाठ, राग-भोग की अनुमति के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनुतोष शर्मा की अदालत में अदालत में सुनवाई पूर हो गई। अदालत ने पत्रावली में आदेश दिया है। वादी राजा आनंद ज्योति सिंह की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव व ज्ञानप्रकाश सिंह ने वाद दायर कर सीआरपीसी 156-3 के तहत अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन, प्रबंध समिति समेत एक हजार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग होने की जानकारी के बाद हाथ पैर धोना, थूकना और वजू करने से हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावना आहत हुई है। वादी पक्ष ने अदालत में बताया कि इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से शिकायत की गई, मगर उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ज्ञानवापी में पूजा की अनुमति को लेकर अनशन कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के जिला जज की अदालत में दाखिल श्री आदि विश्वेश्वर की पूजा-पाठ, राग-भोग की अनुमति के प्रार्थना पत्र पर सोमवार को प्रभारी जिला जज अनुतोष शर्मा की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई। अदालत का आदेश पत्रावली में है। वागी पक्ष की ओर से कोर्ट में कहा गया भगवान को भूखा नहीं रखा नही जा सकता।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने ज्ञानवापी के लिए कारसेवा का एलान किया है। डॉ. तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को आदिविश्वेश्वर मानते हुए उनकी अविलंब पूजा-अर्चना के लिए वह शिव कारसेवा करेंगे। शिव कारसेवा 15 जून के बाद किसी भी दिन शुरू हो जाएगी। कारसेवा में शामिल होने के लिए काशी के सभी मंदिरों के महंत और तीर्थ पुरोहितों को आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। मिर्जापुर के तीर्थ पुरोहित और प्रमुख मंदिरों के महंत भी आमंत्रित किए जाएंगे।