Gyanvapi Mosque Case: हिंदू पक्ष के हक में आया फैसला, केस सुनने के योग्य है - कोर्ट
वाराणसी (रणभेरी): ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में पांच महिलाओं की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सोमवार को फैसला आ गया हैं। वाराणसी की अदालत ने हिंदू पक्ष के हक में फैसला दिया है। कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया कमेटी की याचिका खारिज कर दी।
वाराणसी-ज्ञानवापी परिसर को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य। उपरोक्त मुकदमे को लेकर वाराणसी के जिला जज ने अपना ऐतिहासिक निर्णय देते हुऐ, उपरोक्त मुकदमा न्यायालय में चलने योग्य है, यह निर्धारित करते हुऐ,प्रतिवादी संख्या। 4 अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के द्वारा दिऐ गऐ 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने पांचों महिला हिंदू पक्षकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए जिला जज एके विश्वेश की एकल पीठ ने मामले को सुनवाई योग्य बताया है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मुकदमा विचारणीय है।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर दायर मुकदमा नंबर 693/2021 (18/2022) राखी सिंह (व अन्य) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सरकार मामले में अदालत ने दोपहर सवा दो बजे फैसला सुना दिया। वाराणसी के जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मुकदमा सुनने योग्य नहीं है। यह निर्धारित करते हुए प्रतिवादी संख्या चार अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के द्वारा अदालत को दिए गए 7/11 के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया। इसी के साथ अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 22 सितंबर तय कर दी है।दोपहर एक बजे तक दोनों पक्षों के वकील कोर्ट परिसर में पहुंचे और अपने पक्ष के वादी प्रतिवादी से मुलाकात कर विचार विमर्श किया। अदालत में हिंदू पक्ष की ओर से वादिनी महिलाएं तो मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्या भी कोर्ट पहुंच गए। हिंदू पक्ष की ओर से एडवोकेट सुधीर त्रिपाठी के चैंबर में मुलाकात और ईश्वर से प्रार्थना करने के बाद कोर्ट का सभी ने रुख किया।वाराणसी में सुबह से ही कचहरी परिसर में 250 सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा के बीच गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। दोपहर ढाई बजे अदालत का फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है।
जबकि पुलिस अधिकारियों ने 18 थानों की पुलिस फोर्स को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया था। लगभग दो हजार से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती इस मामले को लेकर कचहरी से लेकर ज्ञानवापी परिक्षेत्र तक की गई थी। मंदिर पक्ष ने यह साबित करने की कोशिश की है कि मुकदमा सुनने योग्य है। वहीं, मस्जिद पक्ष ने भी इसे स्थानीय अदालत में सुनने योग्य नहीं बताने का प्रयास किया है। पूरे प्रकरण की क्रोनोलाजी, मुकदमे के दौरान दोनों पक्ष की प्रमुख दलीलें, मंदिर पक्ष के प्रार्थना पत्र की प्रमुख बातें सुनने के बाद अदालत की ओर से 12 सितंबर की तिथि मुकर्रर की गई थी। दोपहर सवा दो बजे तक इस मामले में अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। अदालत के फैसले के बाद दोनों पक्ष आगे की विधिक कार्रवाई की रूपरेखा तय करने में जुट गए हैं। इस लिहाज से सोमवार को आने वाले फैसले ने मस्जिद मामले का रुख तय कर दिया है।