आजमगढ़ में जमीन पर बैठ खुद से ऑक्सीजन ले रहा मरीज...वीडियो वायरल

आजमगढ़ में जमीन पर बैठ खुद से ऑक्सीजन ले रहा मरीज...वीडियो वायरल

(रणभेरी): आजमगढ़ जिले के मंडलीय अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी। एक टीबी का मरीज सांस की डोर यानी आक्सीजन लगाकर जमीन पर बैठा हुआ है। इस दौरान ना तो स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी नजर आया और ना ही कर्मचारी। ऐसे में समझा जा सकता है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था किस कदर बदहाल है।

इस वीडियो को अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट करते हुए सवाल किया कि 'स्वास्थ्य मंत्री जी को ये मरीज दिख रहा है क्या?' करते हुए निशाना साधा है। वहीं मामले की जांच कर स्वास्थ्य विभाग के एसआईसी ने सफाई दी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की बेहतरीन का दावा करते हो पर आजमगढ़ जिले में तो स्वास्थ्य व्यवस्था सिस्टम की पोल खोलती नजर आ रही है। जिले में इससे पहले भी एंबुलेंस में धक्का लगने मरीज को स्ट्रेचर ना मिलने के मामले भी सामने आ चुके हैं। पर कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर रहा है।

आजमगढ़ के तरवां निवासी राजू टीवी की बीमारी के कारण आजमगढ़ के मंडली अस्पताल में 17 जुलाई को भर्ती कराया गया था। मंडलीय अस्पताल के एसआईसी डॉ. ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि मरीज को चेस्ट इन्फेक्शन हुआ था। उसे आक्सीजन दिया गया था। इसी बीच बिस्तर पर ही टॉयलेट कर दिया था। वह नीचे उतरकर अपनी पत्नी के आने का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान किसी ने वीडियो बना लिया। चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि इस तरह से किसी मरीज का वीडियो बनाने बेहद गलत है। कारण कि यह मरीज का निजी मामला है। उसकी गोपनियता है। ऐसे में किसी का वीडियो बनाकर वायरल करना गलत है। 

इस मामले में सिस्टम इंचार्ज को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही ये भी कहा गया है कि आखिर कोई अंदर आकर कैसे वीडियो बना सकता है। मरीज की देखभाल के लिए दो डॉक्टर लगाए गए हैं। टीबी वार्ड में दूसरे बेड में शिफ्ट भी कर दिया गया है। यदि मरीज को यहां आराम नहीं मिलेगा तो उसे रेफर कर दिया जाएगा। वहीं, वायरल वीडियो को आखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट कर सरकार से सवाल पूछा है।

बीएचयू अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 15,000 लोग इलाज और जांच के लिए आते हैं। इस भारी भीड़ का फायदा उठाकर चोर और दलाल सक्रिय रहते हैं। खासतौर पर अस्पताल के छोटे गेट के पास दलालों का जमावड़ा लगा रहता है, जो बाहर के निजी केंद्रों पर मरीजों को भेजते हैं और वहां उनसे मनमाना शुल्क वसूला जाता है।

वहीं कई चोर मरीजों और तीमारदारों का रूप धारण कर अस्पताल परिसर में घुस आते हैं। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों जैसे ओपीडी पर्ची काउंटर, सीसीआई लैब और ओपीडी हॉल में ये ज्यादा सक्रिय रहते हैं। मौका मिलते ही ये लोग लोगों का सामान लेकर चंपत हो जाते हैं। इस गिरोह में महिलाएं, नकाबपोश युवतियां और यहां तक कि छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं।

अस्पताल प्रशासन ने सभी मरीजों और तीमारदारों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी तुरंत कंट्रोल रूम या संबंधित थाने को दें। जानकारी देने के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं: 0542-2369169,0542-22369247 इसके अलावा, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना लंका थाना पुलिस को भी दी जा सकती है।

बीएचयू अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि चोरों और दलालों की सूची तैयार कर ली गई है। लोगों को सचेत करने के लिए उनकी फोटो और विवरण अस्पताल की स्क्रीन पर दिखाए जा रहे हैं।