Gopashtami 2022: मंदिरों और मठों की गोशालाओं में पूजी गई गौमाताएं
वाराणसी (रणभेरी): आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर एक नवंबर को गोपाष्टमी मनाई जाती है। इस क्रम में आज काशी के मंदिरों और मठों की गोशालाओं में गायों की पूजा की जा रही है। काशी के पंचांग के अनुसार, गोपाष्टमी एक नवंबर को दोपहर 1.11 बजे से आरंभ होकर रात्रि 11.04 बजे पर समाप्त होगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गायों का दर्शन-पूजन करना चाहिए और नैवेद्य अर्पण करना चाहिए। दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ परिसर में गोपाष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा। पं. गौरी नाथ शुक्ल के अनुसार गोपाष्टमी के दिन सुबह गायों को स्नान कराने के बाद शृंगार करें। फूल से गाय का पूजन करें और पैर छूएं। पूजन के बाद परिक्रमा अवश्य करें और गौ माता के पैरों की मिट्टी को मस्तक पर लगाएं। साथ ही हाथ जोड़कर प्रणाम करें। गाय माता की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।