लाल सूटकेस में यमुना एक्सप्रेस वे पर युवती की लाश का खुला राज,पिता ही निकला बेटी का कातिल

लाल सूटकेस में यमुना एक्सप्रेस वे पर युवती की लाश का खुला राज,पिता ही निकला बेटी का कातिल
  • सीने में मारी थीं दो गोलियां, कुबूला जुर्म
  • हत्या कर 12 घंटे तक घर में रखी बेटी की लाश
  • फिर रात के अंधेरे में एक्सप्रेसवे पर लगाया ठिकाने

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर ट्रॉली बैग के अंदर युवती की लाश मिली थी। दिल्ली में एक पिता ने अपनी ही बेटी को गोली से मारने का मामला सामने आया है जिसके बाद शातिर पिता ने अपनी ही बेटी की लाश को इस कदर ठिकाने लगाने की कोशिश की पुलिस भी हैरान रह गई। बेटी के प्रेम प्रसंग से नाराज पिता ने अपने रिवाल्वर से सीने में दो गोली मार दी। हत्या के बाद 18 घंटे तक शव को घर में ही रखे रहे। अगले दिन सुबह दंपती कार में ट्राली बैग रखकर शव को यमुना एक्सप्रेस वे पर फेंक गए। इस मामले में घर वालों ने बेटी की गुमशुदगी भी दर्ज नहीं कराई थी। जब पुलिस मृत छात्रा के घर पहुंची तो उसका पिता वह नहीं था। बाद में पुलिस ने उसे खोज लिया। रविवार देर रात पूछताछ में जब पिता ने बेटी की हत्या करने की बात कबूल की तो पुलिस के लिए हत्या से जुड़े साक्ष्य एकत्र करने में आसानी हो गई। देर रात ही पुलिस की टीम हत्या स्थल और लाश को ले जाने में इस्तेमाल की गई कार, जिस हथियार से गोली चलाई गई थी, उसे अपने कब्जे में लेने आदि कार्य में जुट गई। 18 नवंबर की सुबह यमुना एक्सप्रेस की सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में ट्रॉली बैग मिला था। ट्रॉली बैग में युवती की लाश थी। इसके 48 घंटे में ही पुलिस मृतका के घर तक पहुंच गई। मृतका की पहचान रविवार की देर शाम मां और भाई ने की। पुलिस अब इस मामले में जांच की बात कह कर चुप्पी साधे हुए है। हालांकि शुरुआत में ही पुलिस को लाइन मिल गई थी कि हत्यारोपी पिता ही है।इसी कारण दिल्ली के मोड़ बंद से पिता, भाई और मां को पुलिस टीमें साथ लेकर आईं, लेकिन पिता को पोस्टमार्टम गृह तक नहीं लाई। केवल निजी कार में थाना राया के प्रभारी निरीक्षक ओम हरि वाजपेयी, एसआई विनय कुमार और एक सिपाही के साथ केवल बृजबाला और भाई आयुष को ही लाया गया।

दिल्ली के बदरपुर थाना क्षेत्र के मोलड़बंद निवासी आयुषी यादव को 17 नवंबर की सुबह करीब 11 बजे उसके पिता नितेश और मां ब्रजबाला ने मिलकर मार दिया था। हत्या के बाद घर में ही उसका शव रखे गए। शव ठिकाने लगाने के लिए अगले दिन सुबह पांच बजे ट्राली बैग में शव रखकर दोनों कार से मथुरा के लिए निकली। दंपती ने मथुरा में दिल्ली-आगरा हाईवे से आए थे। राया थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे के सर्विस रोड पर ट्राली बैग फेंकने के बाद एक्सप्रेस वे से होकर लौट गए। जब दंपती मथुरा आ रहे थे, तो पिता कार चला रहा था और मां ट्राली बैग के साथ पीछे बैठी थी, जबकि लौटते समय मां आगे की सीट पर बैठ गई। पुलिस अब दंपती के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर रही है। एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि दोनों ने घटना स्वीकार कर ली है। 18 नवंबर की दोपहर में सर्विस रोड पर एक लाल रंग का ट्राली बैग पुलिस को मिला था। ट्राली बैग में पालीथिन के अंदर पैक एक युवती का शव मिला। पुलिस उसकी खोजबीन कर रही थी, तभी रविवार को पता चला कि युवती बदरपुर क्षेत्र के मोलड़बंद की रहने वाली युवती आयुषी है। पुलिस युवती के घर पहुंची, तो पहले स्वजन ने फोटो देख युवती को पहचानने से इन्कार कर दिया। लेकिन युवती के छोटे भाई आयुष ने पहचाना। फिर पिता, मां और भाई को लेकर देर शाम पुलिस मथुरा आई। पिता को राया थाने में ही रोक लिया गया और मां, भाई को लेकर शव विच्छेदन गृह पहुंची, तो दोनों शव आयुषी यादव का ही होने की बात कही। आयुषी दिल्ली के एक कालेज में बीसीए की छात्रा थी।