वाराणसी पहुंचे जर्मनी के आध्यात्मिक गुरु, गंगा में छोड़ी 10 हजार मछलियां, बोले- काशी दुनिया की स्पिरिचुअल सिटी है

वाराणसी (रणभेरी): गंगा नदी को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखने के लिए सरकार लगातार कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में वाराणसी पहुंचे जर्मनी के स्पिरिचुअल गुरु थामस गेरहार्ड ने गंगा में 10 हजार हजार मछलियां छोड़कर गंगा निर्मलीकरण का सन्देश दिया। उन्होंने कहा- पवित्र शहर काशी में हम लोगों ने मछलियां छोड़ी हैं ताकि वो गंगा को स्वच्छ और निर्मल कर सकें। थामस के साथ थाईलैंड की अजान यानरवी चंद्रकद मोत्री, जिन्हें प्यार से 'बड़ी मां' कहते हैं, और 15 अन्य लोग भी इस नेक काम में शामिल हुए।
होली सोल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जनार्दन यादव ने बताया- थाईलैंड की रहने वाली अजान यानरवी चंद्रकद मोत्री (बड़ी मां) ट्रस्ट की संरक्षक हैं। उनके साथ इस बार काशी यात्रा पर जर्मनी के स्पिरिचुअल गुरु थामस गेरहार्ड भी आये हैं। उन्होंने गंगा के निर्मलीकरण के लिए 10 हजार मछलियां गंगा में छोड़ी हैं। ये वो मछलियां हैं जो गंदगी को साफ करती हैं। ऐसे में उन्होंने काशी से गंगा निर्मलीकरण का सन्देश दिया है।
जर्मनी के आध्यात्मिक गुरु थामस गेरहार्ड ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए बताया- मेरा उद्देश्य वाराणसी आने का गंगा निर्मलीकरण का सन्देश देना है। मै अजान यानरवी चंद्रकद मोत्री (बड़ी मां) के साथ आया हूं। उनके साथ हमने गंगा में मछलियां छोड़ी हैं। वाराणसी दुनिया की महत्वपूर्ण आध्यात्मिक सिटी है। इसलिए मै इस पवित्र स्थान पर आया हूं।
तहमास ने आगे कहा- इस पवित्र स्थान पर मै सनातन और हिंदुइज्म को समझने के लिए आया हूं। मैंने अपनी लाइफ में कई धर्मों को पढ़ा है और अब हिन्दू वेदों का अध्य्यन कर रहा हूं। उन्होंने कहा काशी में आकर काफी सुकून मिल रहा है। थामस ने बताया- काशी काफी खूबसूरत शहर है। यह काफी ट्रेडिशनल शहर है। जिसके हर हिस्से में काशी के साथ ही साथ भारतीय परंपरा की झलक मिलती है। यहां खुशी हर तरफ है और यहां के लोग काफी ईमानदार हैं।
मछलियां छोड़ने को लेकर होली सोल चैरिटेबल ट्रस्ट की संरक्षक अजान यानरवी चंद्रकद मोत्री (बड़ी मां) ने बताया- थामस और हम लोग दशाश्वमेध घाट से यहां आ रहे थे। गंगा में बीच में मणिकर्णिका श्मशान पड़ा जहां मुर्दों को जलते देखा। कुछ लोग मुर्दों को पानी में भी छोड़ते हैं। उनके क्रिमेशन के लिए हमने मछलियां छोड़ी है। जो उन्हें खाकर खत्म करेंगी और गंगा निर्मल ही रहेगी।