भ्रष्टाचार की गंगा में वीसी साहब आखिर कब तक लगायेंगे गोते ?

भ्रष्टाचार की गंगा में वीसी साहब आखिर कब तक लगायेंगे गोते ?

चेतमणी जेम्स एंड ज्वेलर्स वाले अवैध भवन पर आखिर क्यों मेहरबान है विकास प्राधिकरण ?

मुख्यमंत्री की छवि को पहुंच रही आंच, वीसी पुलकित गर्ग के कारनामों की होनी चाहिए जांच

सीएम योगी को गुमराह करने के लिए वाराणसी में विकास प्राधिकरण द्वारा चलाया जा रहा अभियान

वाराणसी (रणभेरी/विशेष संवाददाता)। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को विकास की नई दिशा देने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ कितनी भी जतन कर लें लेकिन विकास के नाम पर वाराणसी में पदासीन अधिकारी और उनके खासमखास उनको गुमराह ही करते रहेंगे। पीएम के संसदीय क्षेत्र का आलम यह है कि यहां बैठे जिम्मेदार अधिकारी न केवल भ्रष्टाचार की आगोश में आकंठ डूबते जा रहे हैं बल्कि और भी ज्यादा बेलगाम होते जा रहे हैं। विकास योजनाओं के क्रियान्वयन और कार्रवाई के नाम पर विकास प्राधिकरण के अधिकारी बेतहाशा लूट-खसोट का धंधा चला रहे है। स्थिति यह है की जिस विभाग को अवैध कामों को रोकने का जिम्मा दिया गया है, उसी विभाग के अधिकारी धड़ल्ले से अवैध कामों को अंजाम तक पंहुचा रहे हैं, और सरकार को गुमराह करने की नियत से कार्रवाई का दिखावा करके अपनी जेब भर रहें हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शहर को विकास के रास्तों पर गतिमान रखने के लिए अलग अलग विभागों का बंटवारा किया गया है। लेकिन विडंबना यह है की विभागों के जिम्मेदारान अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्ट और बेलगाम होते जा रहे है। ऐसे ही विभागों में से एक विभाग है वाराणसी विकास प्राधिकरण। जिसका काम शहर में हो रहे अवैध निमार्णों को रोकने, अवैध निमार्णों को ध्वस्त करने, लीगल तरीके से भवनों को निर्माण करवाने के साथ साथ शहर के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की वीडीए के जिन अधिकारियों को अवैध निर्माण रोकने का जिम्मा दिया गया है वही अधिकारी भ्रष्टाचार और निकम्मेपन की मिसाल पेश कर रहे हैं। वीडीए के भ्रष्ट और बेशर्म अधिकारियों की ही देन है कि शहर में हजारों अवैध निर्माण हो गए। कई अवैध कॉलोनियां बस गई। वीडीए के भ्रष्ट अधिकारी कार्रवाई के नाम पर न सिर्फ हाईकोर्ट के आदेशों का मजाक बनाते हैं बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी गुमराह करते हैं।

ताजा मामला वाराणसी के भेलूपुर जोन के सबसे वीआईपी इलाका रविंद्रपुरी का है जहां एचएफएल क्षेत्र में अवैध निमार्णों की बाढ़ आई है। ऐसा नहीं है यहाँ हो रहे अवैध निमार्णों की जानकारी वीडीए के अधिकारियों को नहीं है, लेकिन रसूखदारों के धन-बल के आगे वीडीए के जिम्मेदारान अंधे, गूंगे और बहरे बन जाते हैं। वाराणसी में धनबलियों और रसूखदारों के आगे वीडीए के अधिकारी अपना जमीर और ईमान पूरी तरह से गिरवी रख चुके है। एक तरफ शहर में अवैध निमार्णों के खिलाफ अभियान दिखाकर विभाग अपने ही कुकर्मों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है वहीं दूसरी तरफ आज भी शहर के सभी जोन अंतर्गत सैकड़ों ऐसे व्यवसायिक अवैध निर्माण है जो पूरे हो गए और वीडीए के अधिकारी बस नोटिस-नोटिस का खेल खेल रहे। दरसअल इस नोटिस नोटिस के खेल के पीछे पहले तो धन्नासेठों से डील की जाती है फिर कुछ समय बाद उन्हें ढील दे दी जाती है । इतिहास गवाह है कि वीडीए का बुलडोजर कभी भी धन्नासेठों और रसूखदारों के अवैध मकान पर नहीं चला। अगर वीडीए के नोटिस-नोटिस वाले खेल का जीता-जागता उदाहरण देखना हो तो रविंद्रपुरी के एचएफएल क्षेत्र में पूर्ण रूप से अवैध बने चेतमणि जेम्स एंड ज्वेलर्स वाली इमारत के साथ-साथ बृज इंक्लेव कॉलोनी में अल्ताफ अंसारी एवं सद्दाम द्वारा बनवाये गए 4 मंजिला 16 फ़्लैट वाले आलिशान इमारत को देखा जा सकता है । ये दोनों ऐसे अवैध निर्माण है जहां धन्नासेठों को खुलेआम वीडीए वीसी का संरक्षण प्राप्त है। जब आपके अपने अखबार गूंज उठी रणभेरी ने इन अवैध इमारतों की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया तो वीडीए के अधिकारी हरकत में आए और ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर इमारत को खाली करने का आदेश भी दे दिया। 

लेकिन यह आदेश असल में सिर्फ नोटिस-नोटिस का खेल बनकर खत्म हो जाता है। सूत्रों की माने तो वर्तमान सरकार के एक चहेते पूर्व मंत्री के डील-डॉल के कारण ही वीडीए वीसी चेतमणी जेम्स एंड ज्वेलर्स वाली भवन पर बुलडोज चलाने से कतरा रहे हैं। सूत्रों की माने तो पूर्व मंत्री ने वीडीए वीसी पुलकित गर्ग को अपने अर्दब में लेकर इस भवन पर किसी भी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं करने की हिदायत दे डाली है।

विधायक के आगे बेबस वीडीए वीसी !

सूत्रों ने बताया कि जिस इमारत में चेतमणि जेम्स एंड ज्वेलर्स है उसके मालिक सुनील अग्रवाल की गिनती शहर के धन्नासेठों में से है। धन्नासेठ होने के साथ-साथ इनके निजी ताल्लुकात वर्तमान सरकार के कई मंत्री और विधायक से भी है। यही वजह है कि मंत्री और विधायकों की पैरवी के कारण वीडीए के अधिकारी भीगी बिल्ली बनकर सिर्फ नोटिस नोटिस का खेल, खेल रहे हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि वीडीए से नोटिस जारी होने के बाद धन्नासेठ भवन स्वामी विधायक जी के शरण में जा पहुंचे। चुकी धन्नासेठ भवन स्वामी विधायक जी के खासम खास है लिहाजा विधायक जी ने रविंद्रपुरी स्थित चेतमणि जेम्स एंड ज्वेलर्स वाली भवन को ध्वस्तीकरण से बचाने के लिए पूरी जोर लगा दी और वीडीए वीसी को अपने अर्दब में ले लिया। सूत्र यह भी बताते है विधायक जी ने वीडीए वीसी पुलकित गर्ग को धमकी भरे लहजे में इस अवैध मकान पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई न करने की धमकी और चेतावनी दे डाली है।

..तो क्या एच.एफ.एल. एरिया में अवैध निर्माण के लिए वीडीए ने खोल दिया रेट

भेलूपुर जोन के रविंद्रपुरी के एचएफएल एरिया में एक नहीं बल्कि आज भी कई अवैध निमार्णों का होना जारी है। इन सारे अवैध निमार्णों को देखकर ऐसा लगता है जैसे वीडीए ने एचएफएल क्षेत्र में अवैध निर्माण कराने के लिए कोई फिक्स रेट तय कर दिया हो ? गुरुधाम चौराहे से लेकर पद्मश्री चौराहे के बीच व उसके आस-पास कई अवैध निर्माण हो रहे लेकिन वीडीए के अधिकारी अपना ईमान बेचकर अंधे गूंगे और बहरे बने हुए है। इन सभी अवैध निमार्णों की जानकारी होने के बाद भी निर्माण बे-रोकटोक जारी है। यह सारे अवैध निर्माण वीडीए अधिकारियों के संरक्षण में हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सारे अवैध निमार्णों के लिए वीडीए के अधिकारियों ने रेट तय कर रखा है। यही वजह है कि जिस एचएफएल क्षेत्र में अवैध निमार्णों पर रोक है वहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है।

दो-दो बार नोटिस फिर कार्रवाई नहीं क्यों ?

भेलूपुर जोन के रविंद्रपुरी में एक आलिशान इमारत अवैध तरीके से एचएफएल एरिया में खड़ी कर दी गई। उस इमारत में बाकायदा ग्राउंड फ्लोर पर चेतमणि के नाम से ज्वेलरी का एक आलिशान शो रूम तथा प्रथम तल पर रूपदर्शी साडीज के नाम से साड़ी का एक शो-रूम भी खोल दिया गया। जब इस अवैध निर्माण की खबर सांध्य दैनिक समाचार पत्र रणभेरी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो वीडीए के जोनल अफसर प्रमोद तिवारी एक्शन में आए थें । एक माह पहले भेलूपुर जोन के तत्कालीन जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी तत्काल एक्शन लेते हुये इस अवैध भवन पर जा पहुंचे थे और भवन स्वामी सुनील अग्रवाल को ध्वस्तीकरण का आदेश थमा दिया था। नोटिस के जरिए भवन को 15 दिन में खाली करने की मोहलत दी गयी है। नोटिस में कहा गया है कि आप द्वारा किये गये सम्पूर्ण अनधिकृत निर्माण के विरूद्ध उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत नोटिस की कार्यवाही करते हुए दिनांक 6 अप्रैल 2024 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया था। पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 6 अप्रैल 2024 के क्रम में स्थल पर किये गये अनधिकृत निर्माण को 15 दिवस के अन्दर स्वत: हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करा देगा।  एक माह बीतने के बाद भी भवन स्वामी ने जब मकान का ध्वस्तीकरण नहीं करवाया तो तत्कालीन वीडीए जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी दुबारा नोटिस के साथ पहुंचे थे। नोटिस में भवन स्वामी सुनील कुमार अग्रवाल को कहा गया है कि आपके द्वारा प्लाट नं.-68, भवन सं.-बी-27/92-सी-2-बी, रविन्द्रपुरी कालोनी, वार्ड-भेलूपुर, वाराणसी पर लगभग 80७150 वर्गफीट के क्षेत्रफल में बी+जी+3 तल का निर्माण कार्य किये जाने पर सम्पूर्ण अनधिकृत निर्माण के विरुद्ध उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत नोटिस की कार्यवाही करते हुए 6 अप्रैल 2024 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया है। पारित ध्वस्तीकरण आदेश के कम में स्थल पर किये गये अनधिकृत निर्माण को 15 दिवस के अन्दर स्वत: हटाने हेतु बीते 26 अक्टूबर को भी सूचित किया गया था। परन्तु आप द्वारा अनधिकृत निर्माण को हटाया नहीं गया। नोटिस के माध्यम से दुबारा हिदायत दिया गया है कि अवैध निर्माण को 15 दिन के अन्दर स्वत: हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करा देगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी भवन स्वामी की होगी। साथ ही इसमें निमित्त होने वाला व्यय धारा-27(1) के तहत भू-राजस्व बकाये की भाँति वसूल किया जाएगा। लेकिन इसी बीच जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी का कार्यक्षेत्र बदल दिया गया और एक बार  फिर सत्ता के दलाल इस अवैध निर्माण के आगे ढाल बनकर खड़े हो गए हैं।

भ्रष्टाचार की गंगा में वीसी साहब आखिर कब तक लगायेंगे गोते ?

एक तरफ जहां सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की बात करते वहीं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कुछ भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्टाचार की गंगा में गोते लगा रहा है। अपने मुखिया को गुमराह कर न सिर्फ अपनी जेब भर रहे बल्कि सरकार की छवि को भी धूमिल करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वाराणसी विकास प्राधिकरण में फैला भ्रष्टाचार जगजाहिर है। धर्म नगरी काशी का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां अवैध निर्माण न हुए है। यह सारे अवैध निर्माण वीडीए वीसी के संज्ञान में होता है लेकिन विडंबना यह है कि इन सभी अवैध निमार्णों पर ध्वस्तीकरण के कर्रवाई के नाम पर सील डील की खेल खेली जाती है। गरीबों के निर्माण पर बुलडोजर चलाकर वाहवाही लूटने वाली वीडीए का बुलडोहर धन्नासेठों के अवैध निर्माण के आगे जाम हो जाता है। कही राजनीतिक हस्तक्षेप तो कही धन्नासेठों की माया के आगे वीडीए वीसी साहब भ्रष्टाचार की गंगा में गोता लगाते रहते है। इसका जीता जगता उदाहरण है भेलूपुर जोन के  रविंद्रपुरी एचएफएल क्षेत्र में बने चेतमणी जेम्स एंड ज्वेलर्स वाली इमारत। दो-दो बार ध्वस्तीकरण के नोटिस के बाद भी राजनीतिक हस्तक्षेप और धन्नासेठों के आगे वीडीए वीसी साहब नतमस्तक हो गए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सूबे के मुखिया के ईमानदार छवि के आड़ में कब तक भ्रष्टाचार की गंगा में गोता लगाते हैं !

रसूखदारों के आगे वीडीए वीसी बेबस और लाचार

शहर में हो रहे सभी अवैध निर्माण की निगरानी का जिम्मा वीडीए का होता है। वीडीए वीसी के आदेश पर ही बुलडोजर की कार्रवाई होती है। यह पीएम के संसदीय क्षेत्र में ऐसा प्रतीत होता की वीडीए वीसी को भी सिर्फ गरीबों का अवैध निर्माण दिखता है। जब बात धन्नासेठों की आती है तो वीडीए वीसी के बुलडोजर को जंग लग जाती है। ऐसा नहीं की शहर में हो रहे अवैध निर्माण की जानकारी वीडीए वीसी को न हो, लेकिन रसूखदारों के आगे वीडीए वीसी  बेबस और बेचारा बन जाते है।