गंगा का जलस्‍तर चेतावनी बिंदु के पार: शहर में घुस रहा गंगा का पानी, वरुणा किनारे वालों की बढ़ीं मुसीबतें

गंगा का जलस्‍तर चेतावनी बिंदु के पार: शहर में घुस रहा गंगा का पानी, वरुणा किनारे वालों की बढ़ीं मुसीबतें

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में तीन दिन तक गंगा का जलस्तर स्थिर रहने के बाद एक बार फिर गंगा में उफान आ गया है। गंगा का रुख पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जमीन पर और भी तल्‍खी की ओर है। सहायक नदी चंबल में भारी बारिश के बाद बाढ़ का पानी लोगों को और चिंता दुश्‍वारी दे रहा है। नदी का रुख दोबारा तल्‍खी की ओर हुआ तो बारिश का दौर भी रात भर होने के बाद नदी का रुख बढ़ाव की ओर नजर आने लगा है।

अब गंगा का पानी शहर में प्रवेश करने लगा है। वाराणसी के सामनेघाट और नंगवा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गुरुवार को एकाएक गंगा के जलस्तर में 116 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। उफनाईं गंगा अब किनारों को पारकर शहरों में घुसने लगी हैं। बाढ़ की चेतावनी के स्तर से गंगा का पानी महज 36 सेंटीमीटर ही नीचे है। वहीं, खतरे के निशान से एक मीटर 12 सेंटीमीटर नीचे है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह 10 बजे तक गंगा का स्तर 70.14 मीटर दर्ज किया गया। बुधवार सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर 69.14 मीटर पर था।गंगा का जलस्तर वार्निंग लेवल 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। 6 सेमी प्रतिघंटे की गति से गंगा में उफान जारी है।

गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव शुरू हो गया है। गुरुवार की सुबह गंगा के जलस्तर की रफ्तार छह सेंटीमीटर प्रति घंटा हो गई। सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.02 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 24 सेंटीमीटर दूर है और अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं। रफ्तार यही रही तो 24 घंटे के अंदर गंगा का जलस्तर लाल निशान को पार कर जाएगा।

गंगा में बुधवार से दोबारा जलस्तर बढ़ने से सहायक नदी वरुणा भी शहरी इलाकों में घुसने लगी है। वरुणा के पलट प्रवाह से अब तक दर्जनों इलाकों और कालोनियां डूब चुकी हैं। तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग वरुणा के बढ़े जलस्तर से परेशान हैं। सरैया, कोनिया, सलारपुर, तातेपुर, शैलपुत्री तीनपुलउवा, धोबिया घाट, उचवा, दीनदयालपुर, नक्खीघाट, हिदायत नगर, तालीम नगर, अंसार नगर, बिछुआ घाट, हुकूलगंज, मोजाहाल, बघवानाला क्षेत्र की स्थिति बदतर हो चुकी है। इन क्षेत्रों में बाढ़ में फंसी आबादी या तो राहत शिविर में परिवार के साथ दिन काट रहे हैं या फिर मकान के छतों पर तिरपाल लगा कर जैसे-तैसे दिन गुजार रहे हैं। वहीं, गंगा में फिर बढ़ाव होते ही प्रभावित दर्जनों परिवारों में मायूसी छा गई है। नक्खीघाट निवासी हाबुद्दीन उर्फ  कल्लू, बबलू, नूरजहां, मीराघाट के सलीम, इकबाल, श्याम बाबू, मुनीम, शकीला रहमान, हनीफ काजू और मोहम्मद अली मेराज ने बताया कि सोमवार से गंगा में घटाव होने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनकी मुश्किलें अब खत्म हो जायेंगी, लेकिन पानी बढ़ने से अब बाढ़ का डर सता रहा है।