सड़क दुर्घटना में काल कवलित हुई चार जिंदगियां

सड़क दुर्घटना में काल कवलित हुई चार जिंदगियां

वाराणसी (रणभेरी सं.)। मिजार्मुराद थाना क्षेत्र के बिहाड़ा गांव स्थित हनुमान मंदिर के समीप गुरुवार की भोर में बड़ा हादसा हो गया। एक ढाबे के पास हाईवे पर खड़े डंपर में विंध्याचल से लौट रहे श्रद्धालुओं की कार पीछे से टकरा गई। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। कार में कुल पांच लोग सवार थे। जिसमें 12 वर्षीय एक बच्चा घायल है। टक्कर इतनी भयानक थी कि डंपर करीब 100 मीटर आगे खिसक गया। कार के आगे का हिस्सा पूरी तरह से खत्म हो गया। गाड़ी सिमट कर आधी रह गई। पुलिस ने गाड़ी का दरवाजा काटकर शवों को बाहर निकाला। फिर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। 

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मंडुआडीह के बजरंग नगर कॉलोनी के रहने वाले जीप कंपनी के जनरल मैनेजर दीपक पांडेय विंध्याचल से कार से घर लौट रहे थे। गुरुवार सुबह करीब 5 बजे नेशनल हाईवे-19 पर फ्लिपकार्ट वेयर हाउस के सामने खड़े डंपर में उनकी तेज रफ्तार कार टकरा गई। हादसे में दीपक कुमार पांडेय (35), उनकी पत्नी उर्मिला उर्फ माला पांडेय (32), दीपक की सास फूल केसरी देवी (55) और चांदपुर लहरतारा की अर्पिता गुप्ता (28) की मौत हुई। वहीं, दीपक का बेटा शिवांश पांडेय (12) की हालत गंभीर है। मिजार्मुराद एसओ अजय राज वर्मा ने बताया- हादसे की सूचना हमें सुबह 5 बजे मिली। इसके बाद मौके पर पहुंचकर कार को डंपर को अलग कराया। सभी को कार से बाहर निकाला गया। इसमें तीन की मौके पर मौत हो चुकी थी, जबकि एक महिला की बीएचयू स्थित ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हुई। सभी शवों को बीएचयू ट्रामा सेंटर की मॉच्युर्री में रखा गया है। 

उधर, डंपर को रोकने के दौरान लोगों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। पुलिस के पहुंचते ही जाम समाप्त करा दिया गया और यातायात बहाल किया गया।

रोड पर खड़े वाहन बन रहे दुर्घटना का कारण

मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे एनएच 2 पर रोड के किनारे खड़े वाहन आए दिन दुर्घटना का कारण बनते जा रहे हैं। आखिर क्या कारण है कि रोड पर खड़े वहां पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती? अक्सर देखा जाता है रोड पर खड़े वाहनों से अतिक्रमण बढ़ता जा है तथा आने जाने वाले लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है फिर भी क्षेत्रीय प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। मिजार्मुराद थाना क्षेत्र में बढ़ते हादसों की गंभीर समस्या ने इलाके की सुरक्षा को सवालों के घेरे में डाल दिया है। यहां सड़क पर खड़े डंपर आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। ऐसे में, स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ती जा रही है, क्योंकि इन हादसों में कई लोग घायल हो चुके हैं और कुछ की तो जान भी जा चुकी है। सड़क पर खड़े डंपर अक्सर ट्रक ड्राइवरों की लापरवाही का परिणाम होते हैं। कई बार, ये डंपर बिना किसी चेतावनी के सड़क के किनारे खड़े होते हैं, जिससे अन्य वाहन चालकों के लिए मुश्किल होती है। रात के समय में तो स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है, क्योंकि कई डंपर बिना लाइट के खड़े होते हैं। ऐसे में, आने वाले वाहन को इन डंपरों को देखना मुश्किल हो जाता है, और यह दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनता है। स्थानीय लोगों ने कई बार इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। लेकिन, प्रशासनिक नजरअंदाजी और पुलिस की मूकदर्शिता ने हालात को और बिगाड़ दिया है। पुलिस को कई बार इस समस्या के बारे में सूचित किया गया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। पुलिस की यह उदासीनता न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि सड़क पर चलने वाले सभी लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन चुकी है। आलम यह है कि कई लोग अब अपने परिवार के सदस्यों को सड़क पर भेजने में भी डरने लगे हैं। उन्हें यह चिंता सताती है कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए। ऐसे में, स्थानीय निवासियों ने मिलकर एक समूह बनाया है, जो सड़क पर खड़े डंपरों के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास कर रहा है। वे नियमित रूप से स्थानीय प्रशासन के सामने अपनी समस्या रख रहे हैं।