लखीमपुर में शादी से लौट रही कार नदी में गिरी, 5 की मौत; ग्रामीणों ने CPR देकर ड्राइवर को बचाया
(रणभेरी): लखीमपुर खीरी में मंगलवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे में शादी समारोह से लौट रहे छह लोगों की ऑल्टो कार अचानक नियंत्रण खोकर करीब 30 फीट नीचे सोती नदी में जा गिरी। हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चालक को ग्रामीणों ने CPR देकर बचा लिया। घटना रात करीब 11:40 बजे पढुआ थाना क्षेत्र के ढखेरवा–गिरजापुरी हाईवे पर पारस पुरवा गांव के पास हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार नदी में गिरने के बाद लगभग 30–40 फीट तक बह गई और फिर पूरी तरह डूब गई। कार के गिरने और लोगों की चीखें सुनकर आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची। टॉर्च की रोशनी और नाव की मदद से ग्रामीणों ने कार में रस्सी बांधी और ट्रैक्टर से खींचकर उसे बाहर निकाला। गेट लॉक होने के कारण शीशा तोड़कर अंदर बैठे लोगों को बाहर निकाला गया। सभी बेहोश अवस्था में मिले। उन्हें CHC रमिया बेहड़ ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पांच लोगों को मृत घोषित कर दिया।
मरने वालों की पहचान जितेंद्र (23), घनश्याम (25), लालजी (45), सुरेश (50) और अजीमुल्ला अहमद (50) के रूप में हुई है। इनमें जितेंद्र को छोड़कर चारों बहराइच के घाघरा बैराज में फोर्थ ग्रेड कर्मचारी थे। ग्रामीणों द्वारा दी गई CPR से कार चालक की जान बचाई जा सकी, लेकिन बाकी पांच को नहीं बचाया जा सका।
मृतक सभी बहराइच के घाघरा बैराज के कर्मचारी सर्वेश कश्यप की भतीजी पारुल की शादी में शामिल होने लखीमपुर खीरी के सलेमपुर कोन गांव गए थे। शादी से लौटते वक्त यह हादसा हुआ। बुधवार सुबह चार सहकर्मियों की मौत की खबर मिलते ही बैराज में शोक की लहर दौड़ गई। ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ के रोते हुए कहा कि वे रोज एकसाथ काम करते थे, अब उनके न होने की कमी हमेशा खलेगी।
हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। मृतक घनश्याम दो महीने पहले पैदा हुई अपनी बेटी का नाम भी नहीं रख पाए थे। पत्नी का रो–रोकर बुरा हाल है। घनश्याम के चचेरे भाई जितेंद्र की भी जल्द शादी तय थी और वह विदेश में नौकरी की तैयारी कर रहा था। लालजी के तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और एक बेटी शामिल हैं। सुरेश और अजीमुल्ला के परिवार में भी छोटे–छोटे बच्चे हैं, जिनका सहारा अचानक छिन गया।
पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। गांव और बैराज दोनों जगह मातम पसरा है। वही सवाल भी उठ रहा है कि यदि समय रहते कार के गेट लॉक न होते और शीशे आसानी से खुल जाते, तो शायद जानें बच सकती थीं। हादसे ने एक ही पल में पांच घरों की खुशियाँ छीन लीं और पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है।











