पहले पुनर्स्थापना फिर ध्वस्तीकरण, दाल मंडी के व्यापारियों की साफ मांग

पहले पुनर्स्थापना फिर ध्वस्तीकरण,  दाल मंडी के व्यापारियों की साफ मांग

हमारी दुकान ही हमारी जिंदगी है .. दालमंडी के व्यापारियों की प्रशासन से गुहार 

(रणभेरी): वाराणसी के दाल मंडी क्षेत्र में चल रहे चौड़ीकरण कार्य को लेकर व्यापारी और भूस्वामी लगातार विरोध जता रहे हैं। प्रशासन की ओर से हो रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से क्षेत्र के लोगों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। गुरुवार को इसी मुद्दे पर भूस्वामियों एवं दुकानदारों की जिला अधिकारी सत्येंद्र कुमार के नेतृत्व में सर्किट हाउस में बैठक हुई। हालांकि यह बैठक विवाद को सुलझाने के बजाय और अधिक असंतोष का कारण बन गई।

बैठक के बाद बाहर निकले व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिलाधिकारी ने अपनी बात तो रखी, लेकिन व्यापारियों और भूस्वामियों की राय नहीं ली गई। उनका कहना है कि प्रशासन केवल अपनी योजना थोपने की कोशिश कर रहा है, जबकि प्रभावित लोगों की बात को गंभीरता से नहीं सुना जा रहा। व्यापारियों ने बताया कि प्रशासन की ओर से पुनर्स्थापना (रिहायशी और व्यावसायिक दोनों के लिए) का आश्वासन तो दिया जा रहा है, परंतु अभी तक किसी प्रकार की ठोस योजना या स्थान तय नहीं किया गया है।

व्यापारियों का कहना है कि उनकी आजीविका पूरी तरह इन्हीं दुकानों पर निर्भर है। “हमारी रोजी-रोटी इन दुकानों से चलती है, अगर इन्हें तोड़ दिया गया तो हम सड़क पर आ जाएंगे,” एक दुकानदार ने कहा। उन्होंने मांग की कि जब तक पुनर्स्थापना का उचित प्रबंध नहीं हो जाता, तब तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रोकी जाए।

दाल मंडी क्षेत्र के निवासियों ने यह भी सवाल उठाया कि जिस तरह से सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है, वह जरूरत से कहीं अधिक है। उनका कहना है कि “वाराणसी की कोई भी सड़क इतनी चौड़ी नहीं है, जितनी चौड़ी दाल मंडी रोड बनाने की योजना है। अगर इसे 10 मीटर तक चौड़ा किया जाए तो भी यह शहर की सबसे चौड़ी सड़कों में से एक होगी।”

व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनके नुकसान का कोई आकलन नहीं किया है और न ही किसी प्रकार का मुआवजा स्पष्ट किया गया है। “हम प्रशासन के विरोधी नहीं हैं, लेकिन हमारी बात सुनी जानी चाहिए। विकास सबके लिए है, किसी के उजड़ने की कीमत पर नहीं,” 

दूसरी ओर, जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बैठक के दौरान कहा कि दाल मंडी चौड़ीकरण परियोजना शहर के विकास और यातायात सुधार के लिए आवश्यक है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रशासन सभी प्रभावितों को उचित मुआवजा और पुनर्स्थापन की सुविधा उपलब्ध कराएगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा और बातचीत के माध्यम से ही समाधान निकाला जाएगा।

हालांकि, बैठक के बाद व्यापारियों का असंतोष यह संकेत देता है कि दोनों पक्षों के बीच अभी भी मतभेद बरकरार हैं। फिलहाल प्रशासन की ओर से कार्रवाई जारी है, लेकिन स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे।