मरीजों के रिश्तेदार बनकर खून देने पहुंच रहे फर्जी डोनर

 मरीजों के रिश्तेदार बनकर खून देने पहुंच रहे फर्जी डोनर

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बीएचयू अस्पताल में रक्तदान के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। यहां मरीज के भाई, रिश्तेदार बनकर खून देने वालों का गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य ब्लड बैंक के बाहर मरीजों को झांसे में लेकर उनके लिए ब्लड डोनेट करने की बात कहते हैं। इसके लिए वे किसी से दो हजार तो किसी से तीन हजार रुपये की मांग करते हैं। ब्लड बैंक के अंदर पंजीकरण और पूछताछ काउंटर पर जालसाजों की पोल खुल जाती है। पिछले दो महीने में तीन युवकों की जालसाजी पकड़ी गई है। ब्लड बैंक के स्टाफ ने उन्हें चेतावनी देने के साथ ही मामले से प्रॉक्टोरियल बोर्ड के कंट्रोल रूम को अवगत करा दिया है।

ब्लड बैंक में केवल हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, कैंसर से पीड़ित और गर्भवती महिलाओं को बिना उनके परिजनों के ब्लड डोनेट किए ही उन्हें खून मिलता है। बीएचयू ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. संदीप कुमार ने बताया कि ब्लड बैंक में पंजीकरण काउंटर और ब्लड लेने वाली टीम को सतर्क कर दिया गया है। ब्लड बैंक की टीम संबंधित विभाग से भर्ती मरीज की पूरी जानकारी लेने बाद ही उनके परिजनों को ब्लड डोनेट करने की अनुमति दे रही है।

ये है ब्लड डोनेट करने की व्यवस्था

यहां ब्लड डोनर को फॉर्म दिया जाता है। इसमें उन्हें मरीज का नाम, उम्र, भर्ती होने वाले विभाग और ब्लड ग्रुप की जानकारी देनी होती है। इसके बाद मरीजों के परिजन से गहन पूछताछ की जाती है। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें ब्लड डोनेट करने के लिए बुलाया जाता है।

केस-1

15 दिन पहले ही एक युवक चौथे तल पर मरीज के भर्ती होने की बात कहकर ब्लड बैंक में खून लेने पहुंचा। इसके लिए उसने अपना खून डोनेट करने की बात कही। जब युवक से मरीज का संबंध पूछा गया तो उसने खुद को उसका भाई बताया। जब पिता का नाम पूछा गया तो वह नहीं बता पाया।

केस-2

दो माह पहले करीब 30 वर्षीय युवक ब्लड बैंक पहुंचा। उसने एक यूनिट ए पॉजिटिव ग्रुप के ब्लड की जरूरत अपने रिश्तेदार मरीज को बताई। उसके साथ दो लोग और थे। जब ब्लड डोनेट करने से पहले कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए उससे पूछताछ की गई। इस दौरान युवक सिर्फ मरीज का नाम बता पाया। उसका पता, ब्लड ग्रुप की जानकारी नहीं दे पाया।

बिना किसी फीस के मिलता है खून

बीएचयू अस्पताल के ब्लड बैंक में मरीजों को अगर खून की जरूरत होती है तो नियमानुसार परिजन के खून देने के बाद उन्हें जरूरतमंद ग्रुप का खून मिल जाता है। इसके लिए उन्हें किसी तरह की फीस नहीं चुकानी पड़ती है। बीएचयू ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. संदीप कुमार का कहना है कि मरीज के परिजन को खून डोनेट और लेने के लिए अस्पताल के फीस काउंटर से जीरो रुपये की रसीद कटानी पड़ती है। इसकी सूचना ब्लड बैंक पंजीकरण काउंटर पर चस्पा करवा दी गई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

अस्पताल में चोरी, जालसाजी, उचक्का गिरी रोकने के लिए जगह-जगह सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। ब्लड बैंक में बाहरी लोगों के पकड़े जाने की सूचना मिली है। कंट्रोल रूम में मौजूद सुरक्षाकर्मियों को ब्लड बैंक के बाहर घूमते रहने और विशेष निगरानी करते रहने को कहा गया है। -प्रो. शिवप्रकाश सिंह, चीफ प्रॉक्टर